प्रतापगढ़. जिले में नगर परिषद की ओर से भाजपा नेता और पूर्व पार्षद प्रह्लाद गुर्जर के भवन को अतिक्रमण की जद में बताकर मंगलवार सुबह तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. कार्रवाई शुरू होने के कुछ ही देर में मामला अदालत पहुंच गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने नगर परिषद की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाते हुए बुधवार को सुनवाई के आदेश दिए हैं।
नगर परिषद की ओर से देवगढ़ दरवाजे के बाहर स्थित भाजपा नेता और पूर्व पार्षद प्रह्लाद गुर्जर के भवन को अतिक्रमण की जद में बताते हुए नगर परिषद के अमले ने तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी. इस दौरान इलाके में और भी कई अतिक्रमण हटाए गए. नगर परिषद आयुक्त रमेश चंद्र परिहार के निर्देशन में कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा. अल सुबह शुरू की गई कार्रवाई के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र के आसपास के रास्ते बंद कर दिए गए थे.
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इधर नगर परिषद कर्मियों की ओर से गुर्जर की इमारत को ध्वस्त किया जा रहा था तो जानकारी पर मामले को लेकर गुर्जर के वकील मांगू सिंह की ओर से सिविल न्यायालय में नगर परिषद के खिलाफ वाद प्रस्तुत कर दिया गया. इस पर कोर्ट की ओर से नगर परिषद आयुक्त और सभापति को दोपहर में तलब किया गया. अदालत में बहस के दौरान गुर्जर के वकील मांगू सिंह ने नगर परिषद की कार्रवाई को अवैधानिक बताया.
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यह भी मामला सामने आया कि नेता प्रतिपक्ष सुशील गुर्जर की ओर से 9 जुलाई को अतिक्रमण की शिकायत की गई थी. जिस पर परिषद की ओर से 10 जुलाई को सार्वजनिक स्थान पर नोटिस चस्पा कर आज सुबह कार्रवाई शुरू कर दी गई. इस विषय में प्रह्लाद गुर्जर को कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी गई. नगर परिषद की ओर से आयुक्त रमेश चंद्र परिहार मौजूद थे.
परिषद के अधिवक्ता अशोक राठौड़ ने गुर्जर की ओर से नगर परिषद की जमीन पर अतिक्रमण की बात कही, लेकिन दस्तावेजों की अनुपलब्धता बताते हुए कल तक का समय मांगा. अदालत ने परिषद के वकील को बुधवार को दस्तावेज के साथ कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है.