पाली. कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लोग परेशानी झेल रही है. पाली में भी हर वर्ग के लोगों ने लॉकडाउन में मुसीबत का सामना किया है. एक बार फिर से संक्रमण और लॉकडाउन जैसी स्थितियां पनप चुकी हैं. बीते 3 माह में लॉकडाउन खुलने के बाद हालात कुछ सामान्य हुए थे. लेकिन फिर से संक्रमण के दौर में हालात बेकाबू हो गए हैं. पिछले 1 साल से इन बेकाबू हालात में सबसे ज्यादा बांगड़ अस्पताल में सर्जिकल वार्ड प्रभावित हुए हैं.
पाली जिला मुख्यालय पर बांगड़ अस्पताल में प्रति माह लगभग 200 ऑपरेशन होते थे. लॉकडाउन के बाद अस्पताल में ऑपरेशन की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. पिछले 1 वर्ष से बांगड़ अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सिर्फ गंभीर मरीजों के ही ऑपरेशन किए जा रहे हैं. कई मरीज ऐसे हैं जो ऑपरेशन कराना चाह रहे हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य सामान्य है तो उन्हें कुछ दिन इंतजार करने को कहा जा रहा है. अब एक बार फिर से कोरोना संक्रमण काफी बढ़ चुका है. ऐसे में जो मरीज सामान्य हैं और उनके ऑपरेशन को कुछ दिन टाला जा सकता है, उन्हें इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है.
पहले होते थे एक साथ 6 ऑपरेशन
बांगड़ अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में अभी तीन ऑपरेशन थिएटर हैं. प्रत्येक ऑपरेशन थिएटर में दो टेबल हैं. यानी कि बांगड़ अस्पताल में एक समय में 6 लोगों के ऑपरेशन किए जा सकते हैं. कोरोना संक्रमण काल से पहले एक ऑपरेशन थिएटर में गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन किए जाते थे. बाकी के दो ओटी में ईएनटी व अन्य ऑपरेशन किए जाते थे. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण बांगड़ अस्पताल के सभी वार्डों को कोरोना वार्डों में तब्दील कर दिया गया था.
ऑपरेशन कराने वाले मरीजों में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैले इसके लिए अस्पताल में गंभीर रोगियों के अलावा सभी ऑपरेशन बंद कर दिए गए थे. गत वर्ष जनवरी माह से बांगड़ अस्पताल ने सामान्य रोगियों के लिए ऑपरेशन फिर से शुरू करने के लिए ऑपरेशन थिएटर को खोला था. लेकिन यह सिलसिला फरवरी के अंत तक ही चल पाया. काफी बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में ऑपरेशन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.
सबसे ज्यादा कान, नाक, गले के ऑपरेशन पाली में
बांगड़ अस्पताल में कार्यरत ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. एएन योगी ने बताया कि प्रति माह 40 से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन बांगड़ अस्पताल में किए जाते थे. कोरोना काल के बाद सरकार की नई गाइडलाइन आई है जिनमें ऑपरेशन कराने वाले मरीजों में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैले, इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने सामान्य मरीजों के ऑपरेशन बंद कर दिए थे. अभी भी संक्रमण की वही स्थिति बरकरार है. ऐसे में पिछले 1 वर्ष से हर माह 1 ईयर 2nd के गंभीर मरीजों के ही ऑपरेशन किए जा रहे हैं.