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गांवां री सरकारः अपने ही क्षेत्र से हारे कई दिग्गज, नहीं चला राजनीतिक जादू - rajasthan news

पाली में हुए दूसरे चरण के मतदान के लिए इस बार कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा. जिसमें मौजूदा प्रधान रहे श्रवण बंजारा को अपने ही गांव रुपावास से हार का सामना करना पड़ा.

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पाली में नहीं चला दिग्गजों का जादू
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Published : Jan 23, 2020, 9:17 AM IST

पाली. पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में पाली में आए परिणाम काफी रोचक रहे. यहां कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इस बार पाली प्रधान श्रवण बंजारा ने भी इस चुनाव में अपने ही गांव रुपावास से सरपंच के लिए भाग्य आजमाया था, लेकिन इस बार उनकी किस्मत अच्छी नहीं रही. उन्हें इस सरपंच चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. प्रधान श्रवण बंजारा इस चुनाव में चौथे नंबर पर रहे.

पाली में नहीं चला दिग्गजों का जादू

पढ़ेंः डूंगरपुर: गांव की जनता ने चुन ली अपनी सरकार, कई उम्मीदवार के सिर पर जीत का सेहरा

इस चुनाव में और भी कई कद्दावर नेताओं का जादू नहीं चला पाया. पाली कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष मोहन हटेला ने वडेरवास ग्राम पंचायत से अपनी माता भूरी देवी को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. वहीं भाजपा के गुंदोज मंडल अध्यक्ष गणेश पटेल ने भी दयालपुरा ग्राम पंचायत से अपनी मां को चुनाव में उतारा था, लेकिन उनकी भी राजनीति यहां फीकी नजर आई.

पढ़ेंः पालीः ग्रामीण सरकार चुनने के लिए 67.69 फीसदी मतदाताओं ने डाला वोट

जीते हुए प्रत्याशी...

घाणेराव से पिछले चुनाव में पत्नी संतोष मेवाड़ा को जिताने वाले कांग्रेसी नेता शेखर मेवाड़ा इस बार सरपंच बनने में कामयाब रहे हैं. डेंडा से भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष उम्मीद सिंह के बेटे दिलीप सिंह ने भी जीत दर्ज की.

दूसरे चरण में बुधवार को पाली, देसूरी और सोजत पंचायत समिति की 86 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए. यहां 948 वार्ड पंच और 86 सरपंचों के लिए मतदान हुआ. शाम 5 बजे के बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई.

पाली. पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में पाली में आए परिणाम काफी रोचक रहे. यहां कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इस बार पाली प्रधान श्रवण बंजारा ने भी इस चुनाव में अपने ही गांव रुपावास से सरपंच के लिए भाग्य आजमाया था, लेकिन इस बार उनकी किस्मत अच्छी नहीं रही. उन्हें इस सरपंच चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. प्रधान श्रवण बंजारा इस चुनाव में चौथे नंबर पर रहे.

पाली में नहीं चला दिग्गजों का जादू

पढ़ेंः डूंगरपुर: गांव की जनता ने चुन ली अपनी सरकार, कई उम्मीदवार के सिर पर जीत का सेहरा

इस चुनाव में और भी कई कद्दावर नेताओं का जादू नहीं चला पाया. पाली कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष मोहन हटेला ने वडेरवास ग्राम पंचायत से अपनी माता भूरी देवी को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. वहीं भाजपा के गुंदोज मंडल अध्यक्ष गणेश पटेल ने भी दयालपुरा ग्राम पंचायत से अपनी मां को चुनाव में उतारा था, लेकिन उनकी भी राजनीति यहां फीकी नजर आई.

पढ़ेंः पालीः ग्रामीण सरकार चुनने के लिए 67.69 फीसदी मतदाताओं ने डाला वोट

जीते हुए प्रत्याशी...

घाणेराव से पिछले चुनाव में पत्नी संतोष मेवाड़ा को जिताने वाले कांग्रेसी नेता शेखर मेवाड़ा इस बार सरपंच बनने में कामयाब रहे हैं. डेंडा से भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष उम्मीद सिंह के बेटे दिलीप सिंह ने भी जीत दर्ज की.

दूसरे चरण में बुधवार को पाली, देसूरी और सोजत पंचायत समिति की 86 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए. यहां 948 वार्ड पंच और 86 सरपंचों के लिए मतदान हुआ. शाम 5 बजे के बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई.

Intro:पाली. पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में पाली में जो परिणाम आए हैं। वह काफी रोचक रहे हैं यहां कई दिग्गजों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। उसमें सबसे बड़े नाम की बात करें तो इस बार पाली प्रधान श्रवण बंजारा ने भी इस चुनाव अपने ही गांव रुपावास से सरपंच के लिए भाग्य आजमाया था। लेकिन इस बार उनका भाग्य अच्छा नहीं रहा और उन्हें इस सरपंच चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। प्रधान श्रवण बंजारा इस चुनाव में चौथे नंबर पर रहे हैं। इसके साथ ही इस चुनाव में ओर भी कई कद्दावर नेता है जो अपनी राजनीति का जादू नही चला पाए। और उनके परिजनों को हार का सामना करना पड़ा है। इसमें पाली कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष मोहन हटेला ने वडेरवास ग्राम पंचायत से अपनी माता भूरी देवी को चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वही भाजपा के गुंदोज मंडल अध्यक्ष गणेश पटेल ने भी दयालपुरा ग्राम पंचायत से अपनी माता को चुनाव में उतारा था। लेकिन उनकी भी राजनीति यहां फीकी नजर आई। वही पाली के पूर्व उप प्रधान व सरपँच संघ के अध्यक्ष घेवरराम को भी इस बार हेमावास ग्राम पंचायत से हार का सामना करना पड़ा है। वहीं अगर जीते हुए प्रत्याशियों की बात करें तो घाणेराव से पिछले चुनाव में पत्नी संतोष मेवाड़ा को जिताने वाले कांग्रेसी नेता शेखर मेवाड़ा इस बार सरपंच बनने में कामयाब रहे हैं। वहीं डेंडा से भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष उम्मीद सिंह के बेटे दिलीप सिंह ने भी जीत दर्ज कराइ। वही सोजत की रायरा ग्राम पंचायत की बात करें तो वहां के कद्दावर नेता मुकुट सिंह ने अपनी पत्नी योगिता कवर को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की है।

Body:आपको बता दें कि पंचायती राज चुनाव को लेकर दूसरे चरण के चुनाव बुधवार को पाली जिले के पाली, देसूरी व सोजत पंचायत समिति की 86 ग्राम पंचायतों में हुए। यहां 948 वार्ड पंच 86 सरपंचों के लिए मतदान प्रक्रिया होने के बाद में शाम 5 बजे के बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई। और तुरंत परिणामों की घोषणा की गई। वार्ड पंचों के लिए देर रात तक मतगणना जारी रही। पाली की इन तीन पंचायत समितियों पर अगर प्रत्याशियों की बात करें तो 86 ग्राम पंचायतों पर 595 सरपंच प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे। इसमें से देसूरी में 172, पाली में 170 व सूरत में 293 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे।
Conclusion:
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