नागौर. जिले के विश्वविख्यात रामदेव पशु मेला मैदान में 8वें दिन सांस्कृतिक पारांपरिक कार्यक्रमों की धूम रही. इस दौरान विदेशी सैलानियों ने भी पशु मेले में आयोजित घोड़ी नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुफ्त उठाया.
बता दें, मेले में अब तक 5492 पशु पहुंच चुके हैं. पिछले साल 8000 पशु मेले में आए थे इस बार मेले में सात समंदर पार विदेशी मेहमान आ रहे हैं. मेले में विदेशी संस्कृति का मिलन हो रहा है. हजारों की तादाद में पशुपालक व्यापारी खुले आसमान के नीचे डेरा जमाए हुए हैं.
नागौर के विश्वविख्यात रामदेव पशु मेला में पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए लाखों रुपए का लेनदेन किया जा रहा है. पशु मेले में विभिन्न प्रजातियों के 5492 से अधिक पशु मेले में पहुंच चुके हैं. पर्यटन विभाग की ओर से आज घोड़ी नृत्य, उन सिंगार, गोरबंद ऊंट नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई.
दरअसल, नागौरी नस्ल के बैलों के लिए प्रसिद्ध रामदेव पशु मेले में पिछले साल जोधपुर के भोपालगढ़ के आने वाला भीम आकर्षण का केंद्र रहा. जबकि इस बार करीब 1200 किलो वजनी वाला भैसा इस बार आकर्षण का केंद्र रहा है. मूरा नस्ल के भैंसे के मालिक जवाहर लाल जांगिड़ का कहना कि स्पेन की विख्यात बुल फाइटिंग से भी वजनी और ताकतवर है. उन्होंने बेचने से मना कर दिया. देश का विशाल और मंहगा भैसा बताया है.
वहीं, आज ऊंट नृत्य के साथ ऊंट दौड़, बैल जोड़ी, बैल जोड़ी शान बछड़ा, नागोरी दुधारू गाय, भैंस, ऊंट, घोड़ी पर प्रातियोगता आयोजित हुई. विजेताओं को पशुपालन विभाग की ओर से सम्मानित किया गया. अब तक मेले में गोवंश, भैंस, ऊंट, घोड़े आ चुके हैं.