नागौर. जिले में सबसे बड़ी सांभर झील में आने वाले पर्यटकों से अवैध रूप से वसूली व किराए की राशि जमा नहीं करवाने को लेकर सांभर साल्ट प्रबंधन की ओर से कार्रवाई की गई है. इसी के तहत सांभर झील में चंद्रा ग्रुप के तीन रिसोर्ट को सीज कर दिया गया है. जबकि इस संबंध में सांभर थाने में भी मामला दर्ज करवाया गया है.
सांभर साल्ट के महाप्रबंधक रामकुमार का कहना है कि सांभर झील में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को लेकर सांभर साल्ट ने चंद्रा ग्रुप को सर्किट हाउस और एक बंगला किराए पर दे रखा है. इसके साथ ही झपोक गांव के पास ग्रुप ने कुछ झोंपड़ियां बना रखी है. जहां पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है.
सांभर झील क्षेत्र में व्यावसायिक शूटिंग के लिए नियमानुसार शुल्क लेने की व्यवस्था की गई है लेकिन घूमने आने वाले स्थानीय पर्यटकों से फोटोग्राफी के लिए शुल्क लेने का कोई प्रावधान नहीं है. बावजूद इसके झील में आने वाले पर्यटकों से वसूली करने की लगातार शिकायतें आ रही थी.
बता दें कि पिछले दिनों एक व्यक्ति ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दी थी. जिसके बाद इसकी जांच करने और कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से सांभर साल्ट प्रबंधन को पत्र मिला था. उनका यह भी कहना है कि चंद्रा ग्रुप को नियमानुसार सांभर साल्ट को जो राशि जमा करवानी थी. वह राशि भी जमा नहीं करवाई जा रही है. वहीं, अभी इस ग्रुप पर करीब 64 लाख रुपए बकाया है.
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ऐसे में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सांभर स्थित सर्किट हाउस और एस-2 बंगले के साथ ही झील में बने रिसोर्ट को सीज करने की कार्रवाई की गई है. महाप्रबंधक रामकुमार का यह भी कहना है कि इस कार्रवाई के दौरान बाधा पहुंचाने पर ग्रुप के लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला भी दर्ज करवाया गया है. हालांकि, चंद्रा ग्रुप के एक कर्मचारी की ओर से सांभर साल्ट के अधिकारियों पर एसटी-एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया गया है.