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न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु वार्ड हुआ फुल, 30 बेड पर 75 बच्चे भर्ती - शिशु रोग विभाग

कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विभाग के वार्ड हाउसफुल है. दरअसल, इस अस्पताल में 30 बेड पर 75 बच्चों को भर्ती कर रखा है. जिसके कारण बच्चों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल,KOTA LATEST NEWS
कोटा के अस्पताल में 30 बेड पर 75 बच्चों को किया गया भर्ती
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Published : Nov 30, 2019, 8:32 PM IST

कोटा. शहर के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विभाग के तीन वार्ड इन दिनों हाउसफुल हो रहे है. इसमें 30 बेड पर 75 बच्चे भर्ती है. हालात यह है कि एक बेड पर दो से तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है. इससे लगे एनआईसीयू सीजन में एक वार्मर पर दो से तीन बच्चों को भर्ती रहते है.

इस नए अस्पताल में इन दिनों शिशु रोग विभाग के वार्ड हाउसफुल होने से भर्ती बच्चे और उनके साथ आये परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती होने से मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी आती है.

कोटा के अस्पताल में 30 बेड पर 75 बच्चों को किया गया भर्ती

नया गांव निवासी बच्चे के पिता रामावतार मीणा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक बेड पर दो दो बच्चे भर्ती होने से संक्रमण का भी खतरा रहता है. मेडिकल अस्पताल प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहा है.

पढ़ें- पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह पहुंचे कोटा एयरपोर्ट, अधिकारियों ने की अगवानी

वहीं, महावीर नगर निवासी भर्ती दिव्यांसु की दादी का कहना है कि एक बेड पर तीन बच्चों को भर्ती कर रखा है. जिससे कई समस्याओं को देखना पड़ रहा है. किसी को कुछ नहीं बोल सकते और प्रशासन इस ओर देख नहीं रहा. विज्ञान नगर निवासी भर्ती प्रियंका की माँ का कहना है कि एक बेड पर दो दो बच्चे हो रहे है बच्चो को बैठने उठने में भी परेशानियां आती है. उनका कहना है कि क्या मालूम दूसरे को क्या बीमारी है इससे संक्रमण फैल सकता है.

मेडिकल कालेज के शिशु विभाग के मेल नर्स कहना है कि जब 30 बेड पर70 से 80 बच्चे होंगे तो अव्यवस्था तो होगी. उन्होंने बताया कि प्रशासन को बेड बढ़ाने के लिए लिखित में दे रखा है. यह भी कहा कि पहले यह पूरा वार्ड था. लेकिन अब इसमें ही एनआईसीयू ओर पीआईसीयू बनाने से जनरल में अब 30 बेड रहने से परेशानी आ रही है. इससे एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती करने से परिजनों और स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में तीन वार्ड है-

12 बेड एनआईसीयू, भर्ती 20 बच्चे
04 बेड पीआईसी, भर्ती 8 बच्चे
30 बेड जनरल वार्ड, भर्ती 70 बच्चे

कोटा. शहर के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विभाग के तीन वार्ड इन दिनों हाउसफुल हो रहे है. इसमें 30 बेड पर 75 बच्चे भर्ती है. हालात यह है कि एक बेड पर दो से तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है. इससे लगे एनआईसीयू सीजन में एक वार्मर पर दो से तीन बच्चों को भर्ती रहते है.

इस नए अस्पताल में इन दिनों शिशु रोग विभाग के वार्ड हाउसफुल होने से भर्ती बच्चे और उनके साथ आये परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती होने से मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी आती है.

कोटा के अस्पताल में 30 बेड पर 75 बच्चों को किया गया भर्ती

नया गांव निवासी बच्चे के पिता रामावतार मीणा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक बेड पर दो दो बच्चे भर्ती होने से संक्रमण का भी खतरा रहता है. मेडिकल अस्पताल प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहा है.

पढ़ें- पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह पहुंचे कोटा एयरपोर्ट, अधिकारियों ने की अगवानी

वहीं, महावीर नगर निवासी भर्ती दिव्यांसु की दादी का कहना है कि एक बेड पर तीन बच्चों को भर्ती कर रखा है. जिससे कई समस्याओं को देखना पड़ रहा है. किसी को कुछ नहीं बोल सकते और प्रशासन इस ओर देख नहीं रहा. विज्ञान नगर निवासी भर्ती प्रियंका की माँ का कहना है कि एक बेड पर दो दो बच्चे हो रहे है बच्चो को बैठने उठने में भी परेशानियां आती है. उनका कहना है कि क्या मालूम दूसरे को क्या बीमारी है इससे संक्रमण फैल सकता है.

मेडिकल कालेज के शिशु विभाग के मेल नर्स कहना है कि जब 30 बेड पर70 से 80 बच्चे होंगे तो अव्यवस्था तो होगी. उन्होंने बताया कि प्रशासन को बेड बढ़ाने के लिए लिखित में दे रखा है. यह भी कहा कि पहले यह पूरा वार्ड था. लेकिन अब इसमें ही एनआईसीयू ओर पीआईसीयू बनाने से जनरल में अब 30 बेड रहने से परेशानी आ रही है. इससे एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती करने से परिजनों और स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में तीन वार्ड है-

12 बेड एनआईसीयू, भर्ती 20 बच्चे
04 बेड पीआईसी, भर्ती 8 बच्चे
30 बेड जनरल वार्ड, भर्ती 70 बच्चे

Intro:स्पेशल:- न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल केशिशु वार्ड हुआ फूल एक बेड पर दो से तीन बच्चे कर रखे भर्ती।
शिशुवार्ड वार्ड में 30 पलंगों पर करीब 75 बच्चे हो रहे है भर्ती।
कोटा शहर के न्यू मेडिकल कालेज अस्पताल में शिशु रोग विभाग के तीन वार्ड इन दिनों हाउसफुल हो रहे है।इसमे30 बेड पर 75 बच्चे भर्ती है।हालात यह है कि एक बेड पर दो से तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है।इससे लगे एनआईसीयू सीजन में एक वार्मर पर दो से तीन बच्चों को भर्ती रहते है।
Body:नए अस्पताल में इन दिनों शिशु रोग विभाग के वार्ड हाउसफुल होने से भर्ती बच्चे और उनके साथ आये परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती होने से मेडिकल स्टाफ के साथ साथ परिजनों को भी परेशानी आती है।नया गांव निवासी बच्चे के पिता रामावतार मीणा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक बेड पर दो दो बच्चे भर्ती होने से संक्रमण का भी खतरा रहता है इस ओर मेडिकल अस्पताल प्रशासन का इस ओर ध्यान नही दे रहे है।महावीर नगर निवासी भर्ती दिव्यांसु की दादी का कहना है कि एक बेड पर तीन बच्चों को भर्ती कर रखा है जिससे कई समस्याओं को देखना पड़ रहा है किसी को कुछ नही बोल सकते।प्रशासन इस ओर देख नही रहा।विज्ञान नगर निवासी भर्ती प्रियंका की माँ का कहना है कि एक बेड पर दो दो बच्चे हो रहे है।बच्चो को बैठने उठने में भी परेशानिया आती है।उनका कहना है कि क्या मालूम दुसरे को क्या बीमारी है इससे संक्रमण फैल सकता है।
मेडिकल कालेज के शिशु विभाग के मेल नर्स कहना है कि जब 30 बेड पर70 से80 बच्चे होंगे तो अवेवस्था तो होगी।उन्होंने बताया कि प्रशासन बेड बढ़ाने के लिए लिखित में दे रखा है।उनका कहना है कि पहले यह पूरा वार्ड था।लेकिन अब इसमें ही एनआईसीयू ओर पीआईसीयू बनाने से जनरल में अब30 बेड रहने से परेशानी आ रही है।उनका कहना है कि इससे एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती करने से परिजनों और स्टाफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
Conclusion:मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में तीन वार्ड है।
12 बेड एनआईसीयू, भर्ती20 बच्चे
04 बेड पीआईसी ,भर्ती 8 बच्चे
30 बेड जनरल वार्ड, भर्ती 70 बच्चे
बाईट-रामावतार मीणा, पिता, भर्ती मरीज
बाईट-स्नेहलता बाई, दादी, भर्ती पोती
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