कोटा. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने सोमवार को 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है. प्रदेश में चुनाव 23 नवंबर को है, जो की ये चुनावी तारीख करीब डेढ़ महीने ही दूर है, लेकिन हाड़ौती से एक भी प्रत्याशी का नाम इस सूची में शामिल नहीं है. हाड़ौती में राजस्थान विधानसभा के लिए 17 सीटें हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायक भी हैं, लेकिन भाजपा की दिग्गज नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम भी इस सूची से नदारद है.
कांग्रेस बोली - राजे की हो रही उपेक्षा : इस पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पंकज मेहता का कहना है कि ये भाजपा का अंदरूनी मामला है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की उपेक्षा हो रही है. दूसरी तरफ चुनावी मैदान में 7 सांसदों को उतारा गया है. इससे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी कमजोर है और डरी हुई है. वहीं, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और कोटा संभाग के प्रभारी मुकेश दाधीच का कहना है कि अभी तो पहली ही सूची जारी हुई है. सभी 200 सीटों पर पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी. केवल कमजोरी सीटों पर ही प्रत्याशियों की घोषणा की गई है. हाड़ौती भाजपा का मजबूत गढ़ है. ऐसे में अक्टूबर के अंत तक सभी सूचियां लगभग हम जारी कर देंगे. साथ ही सभी 200 प्रत्याशी 6 नवंबर को नॉमिनेशन भी भरेंगे.
विधायक और पूर्व मंत्री भी लिस्ट से नदारद : पूर्व मंत्री मदन दिलावर, प्रताप सिंह सिंघवी व बाबूलाल वर्मा जैसे दिग्गज नेताओं का भी नाम इस सूची में शामिल नहीं है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के दो बार से ज्यादा बार जीते हुए विधायकों में चंद्रकांता मेघवाल, नरेंद्र नागर व अशोक डोगरा का नाम भी लिस्ट से बाहर है. इसी के चलते भाजपा प्रत्याशियों की ये पहली सूची चर्चा का विषय बनी हुई है. दूसरी तरफ भाजपा के लिए हाड़ौती की कमजोरी सीटें बारां की अंता, बारां अटरू, कोटा उत्तर सीट और बूंदी की हिंडोली विधानसभा सीट शामिल है, लेकिन इन पर भी प्रत्याशी अभी घोषित नहीं किए गए हैं.