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तूफान से कोटा संभाग के जिलों में लाखों का नुकसान, जद में आने से गई 4 लोगों की जान - storm in kota division

कोटा संभाग के मध्यप्रदेश से लगे जिलों में तूफान की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई. वहीं, लाखों के नुकसान होने की बात कही (storm in kota division) जा रही है.

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Published : May 31, 2023, 12:43 PM IST

कोटा. कोटा संभाग के मध्यप्रदेश से लगते जिलों में तूफान से काफी नुकसान हुआ है. बारां और झालावाड़ दोनों जिलों में तूफान की जद में आने से चार लोगों की मौत हो गई. जबकि कई हताहत हुए हैं. तूफान में लोगों के घरों पर लगे टीन टप्पर उड़ गए तो वहीं कच्चे मकानों को भारी नुकसान हुआ है. बताया गया कि तूफान में करीब दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है. कोटा संभाग में तूफान का असर बारां व झालावाड़ में ज्यादा रहा, जिसमें मनोहरथाना, अकलेरा, असनावर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, नाहरगढ़, किशनगंज, भंवरगढ़, कस्बाथाना, देवरी व भंवरगढ़ इलाके में भारी नुकसान हुआ है.

दरअसल, मंगलवार को आसमान में अचानक काले बादल छा गए, जिसके बाद करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा. वहीं, इस दौरान कस्बा थाना इलाके में सूखे पड़े नदी नाले पूरी तरह से भर गए. आलम यह रहा कि कस्बा थाना इलाके के पालको नदी की पुलिया तक पानी आ गया. इस दौरान 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही थी. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में विद्युत पोल और ट्रांसफार्मरों को भी खासा नुकसान होने की बात कही जा रही है.

छत पर कपड़े सुखाने गई महिला की मौत - बारां के नारगढ़ इलाके में बालापुरा निवासी लीलाधर कुशवाहा ने बताया कि उसकी पत्नी पिंकी कुशवाह (29) तेज अंधड़ के दौरान छत पर सुख रहे कपड़ों को उतारने के लिए गई थी. तभी हवा के तेज झोंकों के साथ टीन उड़कर आया और उससे टकरा गया, जिसके बाद उसकी पत्नी छत से नीचे गिर गई. इस हादसे में वो गंभीर रूप से जख्मी हो गई. आनन-फानन में उसे नाहरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बारां के लिए रेफर कर दिया गया. बारां जिला अस्पताल में पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इसे भी पढ़ें - नागौर में आंधी बारिश के बीच गिरा मोबाइल टावर, भारी नुकसान की संभावना

अस्पताल चौकी कांस्टेबल कलुआराम ने बताया कि महिला की मौत के बाद शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर मॉर्चरी में रखवा दिया. वहीं, कुछ समय के बाद परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया और फिर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. दूसरी ओर तेज अंधड़ से कस्बे सहित क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. नाहरगढ़ कस्बे के गुना रोड पर एक मकान की दीवार व बारां रोड पर एक मकान की दीवार ढह गई.

झालावाड़ में 3 लोगों की मौत - जिले के दांगीपुरा थाना क्षेत्र के कवरिया खेड़ी गांव में तेज हवा के कारण निर्माणाधीन मकान की दीवार गिर गई. जिसमें दबकर 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि महिला भूली बाई पत्नी रामचंद्र तंवर तेज हवा चलने के कारण घर के सामने चल रहे निर्माणाधीन मकान में कुछ सामान उठाने गई थी. तभी मकान की एक दीवार टूट कर उस पर गिर गई, जिससे वो घायल हो गई. इसके बाद उसे मनोहर थाना स्वास्थ्य केंद्र ले लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे झालावाड़ रेफर कर दिया गया.

वहीं, झालावाड़ पहुंचने पर चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. इसके पहले मनोहर थाना क्षेत्र के सरेड़ी गांव में टीन शेड के ऊपर रखे पत्थर के गिरने से एक 55 वर्षीय बुजुर्ग बिरम चंद की मौत हो गई. साथ ही कोलूखेड़ी डैम इलाके में विद्युत पोल के नीचे दबने से एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक श्रमिक की शिनाख्त रामप्रसाद भील के रूप में हुई है.

धौलपुर में किसान की मौत - धौलपुर में भी आंधी बारिश से भारी नुकसान हुआ है. विद्युत पोल, पेड़ और मकान धराशाई होने से करीब आधा दर्जन लोग जख्मी हो गए. वहीं, आंधी में हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर झाड़ियों में गिर गया. जिसकी चपेट में आने से एक 35 साल के किसान की मौत हो गई. इधर, परिजनों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

मामला बसई डांग थाना क्षेत्र के श्यामपुरा गांव का है. मंगलवार को आई आंधी के कारण हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर खेतों में गिर गया था. बुधवार सुबह 35 बर्षीय किसान राजेंद्र पुत्र उत्तम सिंह गुर्जर खेतों पर काम करने गया. झाड़ियों के अंदर पड़ा बिजली का तार किसान को दिखाई नहीं दिया और उसका पैर उसमें फंस गया. ऐसे में करंट की चपेट में आने से किसान की मौत हो गई. थाना प्रभारी मोहन सिंह ने बताया कि करंट की चपेट में आने से किसान की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है. साथ ही हादसे के कारणों की जांच की जा रही है.

विद्युत निगम के खिलाफ आक्रोश - घटना के बाद ग्रामीण व परिजनों का विद्युत निगम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया. मृतक किसान के पिता उत्तम सिंह गुर्जर ने बताया खेत और जंगलों में बिजली के तार आए दिन टूटते रहते हैं. विद्युत विभाग मेंटेनेंस के नाम पर कोई काम नहीं करता है. जर्जर और अवधिपार हो चुके बिजली के तार कभी भी आंधी एवं बरसात में टूट कर गिर पड़ते हैं. जिस वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है. विद्युत निगम के खिलाफ ग्रामीणों में भारी रोष देखा गया है.

कोटा. कोटा संभाग के मध्यप्रदेश से लगते जिलों में तूफान से काफी नुकसान हुआ है. बारां और झालावाड़ दोनों जिलों में तूफान की जद में आने से चार लोगों की मौत हो गई. जबकि कई हताहत हुए हैं. तूफान में लोगों के घरों पर लगे टीन टप्पर उड़ गए तो वहीं कच्चे मकानों को भारी नुकसान हुआ है. बताया गया कि तूफान में करीब दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है. कोटा संभाग में तूफान का असर बारां व झालावाड़ में ज्यादा रहा, जिसमें मनोहरथाना, अकलेरा, असनावर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, नाहरगढ़, किशनगंज, भंवरगढ़, कस्बाथाना, देवरी व भंवरगढ़ इलाके में भारी नुकसान हुआ है.

दरअसल, मंगलवार को आसमान में अचानक काले बादल छा गए, जिसके बाद करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा. वहीं, इस दौरान कस्बा थाना इलाके में सूखे पड़े नदी नाले पूरी तरह से भर गए. आलम यह रहा कि कस्बा थाना इलाके के पालको नदी की पुलिया तक पानी आ गया. इस दौरान 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही थी. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में विद्युत पोल और ट्रांसफार्मरों को भी खासा नुकसान होने की बात कही जा रही है.

छत पर कपड़े सुखाने गई महिला की मौत - बारां के नारगढ़ इलाके में बालापुरा निवासी लीलाधर कुशवाहा ने बताया कि उसकी पत्नी पिंकी कुशवाह (29) तेज अंधड़ के दौरान छत पर सुख रहे कपड़ों को उतारने के लिए गई थी. तभी हवा के तेज झोंकों के साथ टीन उड़कर आया और उससे टकरा गया, जिसके बाद उसकी पत्नी छत से नीचे गिर गई. इस हादसे में वो गंभीर रूप से जख्मी हो गई. आनन-फानन में उसे नाहरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बारां के लिए रेफर कर दिया गया. बारां जिला अस्पताल में पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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अस्पताल चौकी कांस्टेबल कलुआराम ने बताया कि महिला की मौत के बाद शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर मॉर्चरी में रखवा दिया. वहीं, कुछ समय के बाद परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया और फिर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. दूसरी ओर तेज अंधड़ से कस्बे सहित क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. नाहरगढ़ कस्बे के गुना रोड पर एक मकान की दीवार व बारां रोड पर एक मकान की दीवार ढह गई.

झालावाड़ में 3 लोगों की मौत - जिले के दांगीपुरा थाना क्षेत्र के कवरिया खेड़ी गांव में तेज हवा के कारण निर्माणाधीन मकान की दीवार गिर गई. जिसमें दबकर 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि महिला भूली बाई पत्नी रामचंद्र तंवर तेज हवा चलने के कारण घर के सामने चल रहे निर्माणाधीन मकान में कुछ सामान उठाने गई थी. तभी मकान की एक दीवार टूट कर उस पर गिर गई, जिससे वो घायल हो गई. इसके बाद उसे मनोहर थाना स्वास्थ्य केंद्र ले लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे झालावाड़ रेफर कर दिया गया.

वहीं, झालावाड़ पहुंचने पर चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. इसके पहले मनोहर थाना क्षेत्र के सरेड़ी गांव में टीन शेड के ऊपर रखे पत्थर के गिरने से एक 55 वर्षीय बुजुर्ग बिरम चंद की मौत हो गई. साथ ही कोलूखेड़ी डैम इलाके में विद्युत पोल के नीचे दबने से एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक श्रमिक की शिनाख्त रामप्रसाद भील के रूप में हुई है.

धौलपुर में किसान की मौत - धौलपुर में भी आंधी बारिश से भारी नुकसान हुआ है. विद्युत पोल, पेड़ और मकान धराशाई होने से करीब आधा दर्जन लोग जख्मी हो गए. वहीं, आंधी में हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर झाड़ियों में गिर गया. जिसकी चपेट में आने से एक 35 साल के किसान की मौत हो गई. इधर, परिजनों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

मामला बसई डांग थाना क्षेत्र के श्यामपुरा गांव का है. मंगलवार को आई आंधी के कारण हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर खेतों में गिर गया था. बुधवार सुबह 35 बर्षीय किसान राजेंद्र पुत्र उत्तम सिंह गुर्जर खेतों पर काम करने गया. झाड़ियों के अंदर पड़ा बिजली का तार किसान को दिखाई नहीं दिया और उसका पैर उसमें फंस गया. ऐसे में करंट की चपेट में आने से किसान की मौत हो गई. थाना प्रभारी मोहन सिंह ने बताया कि करंट की चपेट में आने से किसान की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है. साथ ही हादसे के कारणों की जांच की जा रही है.

विद्युत निगम के खिलाफ आक्रोश - घटना के बाद ग्रामीण व परिजनों का विद्युत निगम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया. मृतक किसान के पिता उत्तम सिंह गुर्जर ने बताया खेत और जंगलों में बिजली के तार आए दिन टूटते रहते हैं. विद्युत विभाग मेंटेनेंस के नाम पर कोई काम नहीं करता है. जर्जर और अवधिपार हो चुके बिजली के तार कभी भी आंधी एवं बरसात में टूट कर गिर पड़ते हैं. जिस वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है. विद्युत निगम के खिलाफ ग्रामीणों में भारी रोष देखा गया है.

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