जोधपुर : राजकोट एम्स की 31 वर्षीय नर्सिंग अधिकारी हितेशी बोराना, जो गंभीर चोट लगने के बाद ब्रेन डेड घोषित हुई थीं, उनके परिजनों ने अंगदान के माध्यम से तीन लोगों को नया जीवन दिया है. एम्स जोधपुर के कार्यवाहक एमएस डॉ. दीपक झा ने बताया कि हितेशी के परिवार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेकर मानवता की मिसाल पेश की. उनकी एक किडनी एसएमएस जयपुर भेजी गई, जबकि दूसरी किडनी और लीवर का प्रत्यारोपण एम्स जोधपुर में किया गया.
हितेशी बोराना जोधपुर के पाल रोड स्थित रूप नगर की निवासी थीं और राजकोट एम्स में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं. 12 दिसंबर को राजकोट में उन्हें गंभीर चोट लगी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए जोधपुर लाया गया. तमाम प्रयासों के बावजूद 21 दिसंबर को एम्स जोधपुर में उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. हितेशी के पिता लक्ष्मी नारायण बोराना, जो एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल हैं और उनकी मां चंद्रकला सेवानिवृत्त वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी हैं. उन्होंने अंगदान के महत्व को समझते हुए इस महान कार्य के लिए सहमति दी. हितेशी की एक किडनी और लीवर का सफल प्रत्यारोपण जोधपुर एम्स में किया गया.
परिजनों का धन्यवाद : हितेशी ने अपनी बीएससी नर्सिंग एम्स जोधपुर से पूरी की थी और बाद में उनका चयन राजकोट एम्स में हुआ था. एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी के मार्गदर्शन में डॉ. मनोज कमल, डॉ. अंकुर शर्मा, डॉ. वैभव, डॉ. सुभाष, डॉ. सेल्वा, डॉ. पीयूष, डॉ. लोकेश, डॉ. गौतम राम, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. मनीष चतुर्वेदी, डॉ. राजेश, डॉ. सादिक, डॉ. मोहित और डॉ. दीपक कुमार की टीम ने पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया. एम्स के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने हितेशी की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों का धन्यवाद किया.