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कार्तिक पूर्णिमा : बांके बिहारी मन्दिर से निकाली गई भव्य परिक्रमा, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

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Published : Nov 12, 2019, 10:46 AM IST

कोटा के रंग बाड़ी स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर से पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा निकाली गई. यह परिक्रमा मंदिर प्रांगण से सुबह शुरू हुई और खड़े गणेश जी से होते हुए रंगबाड़ी बालाजी मंदिर प्रांगण में पूर्ण हुई.

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कोटा. शहर के रंग बाड़ी स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर से पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा मंदिर प्रांगण से सुबह शुरू हुई, जो खड़े गणेश जी होते हुए वापस रंगबाड़ी बालाजी मंदिर प्रांगण में पूर्ण हुई. बता दें कि साढ़े 4 किलोमीटर परिक्रमा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कृष्ण में भजनों पर नाचते गाते चले. वहीं परिक्रमा मार्ग पर कई जगहों पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद ठाकुर जी की महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया.

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा

मंदिर समिति के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परिक्रमा 2010 से प्रारम्भ हुई और यह 119वीं परिक्रमा है. यहां पर हर महीने की पूर्णिमा पर परिक्रमा निकलती है. बता दें कि इसमें कार्तिक पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा और होली की पूर्णिमा पर विशेष आयोजन होता है.

पढ़ें- कोटा: चंबल गार्डन में संवेदक ने बिना अनुमति बढ़ा दी झूलों की दरें, राजस्व समिति की शिकायत के बाद नगर निगम ने किया सील

श्रद्धालुओं ने बताया कि 5 साल से इस परिक्रमा में आ रहे हैं. पहले तो इसमें कम श्रद्धालु आते थे. धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. भजनों पर नाचते गाते परिक्रमा में आनंद आता है. श्रद्धालुओं ने बताया कि ठाकुर जी जब से यहां बिराजे हैं यह पूरा क्षेत्र ब्रज मय हो गया है. इसमें कोटा के आसपास के गांव से काफी श्रद्धालु परिक्रमा में हिस्सा लेते हैं.

वहीं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने धार्मिक जलाशयों पर स्नान और दीपदान भी किया. इसके साथ ही कई क्षेत्रों में इस अवसर पर कई आयोजन किए गए.

कोटा. शहर के रंग बाड़ी स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर से पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा मंदिर प्रांगण से सुबह शुरू हुई, जो खड़े गणेश जी होते हुए वापस रंगबाड़ी बालाजी मंदिर प्रांगण में पूर्ण हुई. बता दें कि साढ़े 4 किलोमीटर परिक्रमा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कृष्ण में भजनों पर नाचते गाते चले. वहीं परिक्रमा मार्ग पर कई जगहों पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद ठाकुर जी की महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया.

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा

मंदिर समिति के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परिक्रमा 2010 से प्रारम्भ हुई और यह 119वीं परिक्रमा है. यहां पर हर महीने की पूर्णिमा पर परिक्रमा निकलती है. बता दें कि इसमें कार्तिक पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा और होली की पूर्णिमा पर विशेष आयोजन होता है.

पढ़ें- कोटा: चंबल गार्डन में संवेदक ने बिना अनुमति बढ़ा दी झूलों की दरें, राजस्व समिति की शिकायत के बाद नगर निगम ने किया सील

श्रद्धालुओं ने बताया कि 5 साल से इस परिक्रमा में आ रहे हैं. पहले तो इसमें कम श्रद्धालु आते थे. धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. भजनों पर नाचते गाते परिक्रमा में आनंद आता है. श्रद्धालुओं ने बताया कि ठाकुर जी जब से यहां बिराजे हैं यह पूरा क्षेत्र ब्रज मय हो गया है. इसमें कोटा के आसपास के गांव से काफी श्रद्धालु परिक्रमा में हिस्सा लेते हैं.

वहीं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने धार्मिक जलाशयों पर स्नान और दीपदान भी किया. इसके साथ ही कई क्षेत्रों में इस अवसर पर कई आयोजन किए गए.

Intro:रंगबाड़ी स्थित बाँके बिहारी मन्दिर से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा हजारो श्रद्धालुओ ने लिया हिस्सा।

कोटा शहर के रंग बाड़ी स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर से पूर्णिमा के अवसर पर निकली भव्य परिक्रमा मंदिर प्रांगण से सुबह शुरू हुई खड़े गणेश जी होते हुए वापस रंगबाड़ी बालाजी मंदिर प्रांगण में पूर्ण हुई साडे 4 किलोमीटर परिक्रमा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कृष्ण में भजनों पर नाचते गाते चले परिक्रमा मार्ग में कई जगह भव्य स्वागत किए गए।

Body:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर रंगबाड़ी स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर से हजारों श्रद्धालुओं के साथ परिक्रमा शुरू हुई जोकि रंगबाड़ी बालाजी खड़े गणेश जी होते हुए वापस मंदिर प्रांगण में पहुंची तत्पश्चात ठाकुर जी के महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया मंदिर समिति के सदस्य ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परिक्रमा 2010 से प्रारम्भ हुई और 119वी परिक्रमा है यह है हर महीने के पूर्णिमा पर परिक्रमा निकलती है मुख्यतः इसमें कार्तिक पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा और होली की पूर्णिमा पर विशेष आयोजन होता है। श्रद्धालुओं ने बताया कि 5 साल की परिक्रमा में आ रहे हैं पहले तो इसमें कम श्रद्धालु आते थे धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है भजनों पर नाचते गाते परिक्रमा में आनंद आता है। श्रद्धालुओं ने बताया कि ठाकुर जी जब से यहां बिराजे हैं यह पूरा क्षेत्र ब्रज मय हो गया है। इसमें कोटा के आस-पास के गांव से काफी श्रद्धालु परिक्रमा में हिस्सा लेते हैं।
Conclusion:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने धार्मिक जलाशयों पर स्नान और दीपदान भी किये।इसके साथ ही कई क्षेत्रों में इस अवसर पर कई आयोजन होते है।
बाईट-गिरधर नामा, श्रद्धालु
बाईट-मंजू मौर्य, श्रद्धालु
बाईट-गिरधारलाल बडेरा, श्रद्धालु
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