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अंग्रेजी स्कूलों पर रार: 'कांग्रेस ने कई हिंदी स्कूलों का सिर्फ बोर्ड बदला, न शिक्षक लगाए और न ही संसाधन दिए'- जोगाराम - ENGLISH MEDIUM SCHOOLS

संसदीय कार्य एवं कानून मंत्री बोले- हमने आंकड़े मंगवाए तो ऐसे कई स्कूल ऐसे मिले. जिनमें अंग्रेजी माध्यम का कोई विद्यार्थी भर्ती नहीं हुआ.

जोगाराम पटेल का कांग्रेस पर हमला
जोगाराम पटेल का कांग्रेस पर हमला (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2025, 1:17 PM IST

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. भजनलाल सरकार ने इन स्कूलों की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेता भी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कर रहे हैं. अब संसदीय कार्य एवं कानून मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि हमारे पास कई शिकायतें आई हैं. जिनमें कहा गया है कि कई हिंदी स्कूलों का केवल बोर्ड बदला गया है. अंग्रेजी जानने वाले शिक्षक नहीं लगाए गए और न ही कोई दूसरे संसाधन मुहैया करवाए गए. ऐसे में जो अंग्रेजी स्कूल जरूरी हैं. उन्हें यथावत रखा जाएगा. जो स्कूल विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं. उन पर न्यायोचित फैसला लिया जाएगा.

छींटाकशी करने से बाज आए कांग्रेस नेता : उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं को छींटाकशी नहीं करनी चाहिए. आमजन का यह मानना है कि अंग्रेजी माध्यम का स्कूल वाकई में अंग्रेजी माध्यम का ही हो. जिसमें शुरू से बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाई करवाई जाए. शिक्षक और वातावरण भी अंग्रेजी माध्यम का ही मिले. हमारे पास शिकायतें आई कि हिंदी माध्यम के स्कूल का केवल बोर्ड बदल दिया गया. अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई. हमने आंकड़े मंगवाए तो ऐसे कई स्कूल हैं. जिनमें अंग्रेजी माध्यम का कोई विद्यार्थी भर्ती नहीं हुआ.

मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर साधा निशाना (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: कांग्रेस ने अंग्रेजी शिक्षा के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगाए, छात्रों और अभिभावकों के साथ किया छलावा - दिलावर

जहां जरूरत होगी, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल रखेंगे : कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, भाजपा किसी भेद को नहीं मानती है. भाजपा के लिए पूरा राजस्थान एक है. हमारे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल रहे और पनपे. विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा मिले. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सिर्फ खानापूर्ति करें. अगर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की जरूरत है तो हम उन्हें रखेंगे. कोई खत्म होने वाला नहीं है. जहां विद्यार्थी भर्ती नहीं हो रहे हैं. जहां अभिभावक यह कह रहे हैं कि उन्हें अंग्रेजी स्कूल नहीं चाहिए. जहां हमारे शिक्षक नहीं हैं. ऐसे में अंग्रेजी स्कूल खोलने का जो मकसद था. वो मकसद पूरा नहीं होगा.

सरकार के काम की समीक्षा की रही है परंपरा : उन्होंने कहा, जो भी सरकार आती है. वो पहले वाली सरकार के आखिरी छह महीने के कार्यकाल के फैसलों की समीक्षा करती है. पहले भी जब कांग्रेस की सरकार आई तो शांतिलाल धारीवाल की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी. इस कमेटी ने वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह महीने के कार्यकाल की समीक्षा की. उसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली. अब हमने भी कमेटी बनाई है. जिसकी अध्यक्षता गजेंद्र सिंह खींवसर कर रहे हैं. इस कमेटी का लगभग 80 फीसदी काम हो चुका है. इनमें से कई विषय मीडिया के ध्यान में भी लाए जाएंगे.

पढ़ें: रीट के अभ्यर्थियों को गृह जिला आवंटित करने की तैयारी, आवेदन में संशोधन का मिलेगा मौका

कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में किया जमीन आवंटन : उन्होंने बताया कि जिन कार्यों की समीक्षा हो रही है. उनमें कई प्रकरण जमीन आवंटन के हैं. पिछली सरकार ने जाते-जाते 15 दिन में 350 से ज्यादा जमीनों का आवंटन आनन-फानन में कर दिया. उसमें भी ध्यान रखेंगे कि आवंटन सही है तो कोई दिक्कत नहीं. लेकिन अगर कोई गलत आवंटन किया गया है तो उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

एसआई भर्ती में किसी को बख्शा नहीं जाएगा : ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने और बाद में जमानत पर रिहा ट्रेनी एसआई को निलंबित करने के मामले में उन्होंने कहा, जहां तक ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने की बात है. यह एक प्रशासनिक व्यवस्था है. किसी की जमानत होने का मतलब बरी होना नहीं है. ऐसे में नियमानुसार अगर कोई आरोपी है तो उन्हें निलंबित या बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसलिए जिलों में जो भी ट्रेनी गए हैं और वो आरोपी हैं तो नियमानुसार उन पर कार्रवाई होगी.

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. भजनलाल सरकार ने इन स्कूलों की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेता भी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कर रहे हैं. अब संसदीय कार्य एवं कानून मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि हमारे पास कई शिकायतें आई हैं. जिनमें कहा गया है कि कई हिंदी स्कूलों का केवल बोर्ड बदला गया है. अंग्रेजी जानने वाले शिक्षक नहीं लगाए गए और न ही कोई दूसरे संसाधन मुहैया करवाए गए. ऐसे में जो अंग्रेजी स्कूल जरूरी हैं. उन्हें यथावत रखा जाएगा. जो स्कूल विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं. उन पर न्यायोचित फैसला लिया जाएगा.

छींटाकशी करने से बाज आए कांग्रेस नेता : उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं को छींटाकशी नहीं करनी चाहिए. आमजन का यह मानना है कि अंग्रेजी माध्यम का स्कूल वाकई में अंग्रेजी माध्यम का ही हो. जिसमें शुरू से बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाई करवाई जाए. शिक्षक और वातावरण भी अंग्रेजी माध्यम का ही मिले. हमारे पास शिकायतें आई कि हिंदी माध्यम के स्कूल का केवल बोर्ड बदल दिया गया. अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई. हमने आंकड़े मंगवाए तो ऐसे कई स्कूल हैं. जिनमें अंग्रेजी माध्यम का कोई विद्यार्थी भर्ती नहीं हुआ.

मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर साधा निशाना (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: कांग्रेस ने अंग्रेजी शिक्षा के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगाए, छात्रों और अभिभावकों के साथ किया छलावा - दिलावर

जहां जरूरत होगी, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल रखेंगे : कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, भाजपा किसी भेद को नहीं मानती है. भाजपा के लिए पूरा राजस्थान एक है. हमारे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल रहे और पनपे. विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा मिले. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सिर्फ खानापूर्ति करें. अगर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की जरूरत है तो हम उन्हें रखेंगे. कोई खत्म होने वाला नहीं है. जहां विद्यार्थी भर्ती नहीं हो रहे हैं. जहां अभिभावक यह कह रहे हैं कि उन्हें अंग्रेजी स्कूल नहीं चाहिए. जहां हमारे शिक्षक नहीं हैं. ऐसे में अंग्रेजी स्कूल खोलने का जो मकसद था. वो मकसद पूरा नहीं होगा.

सरकार के काम की समीक्षा की रही है परंपरा : उन्होंने कहा, जो भी सरकार आती है. वो पहले वाली सरकार के आखिरी छह महीने के कार्यकाल के फैसलों की समीक्षा करती है. पहले भी जब कांग्रेस की सरकार आई तो शांतिलाल धारीवाल की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी. इस कमेटी ने वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह महीने के कार्यकाल की समीक्षा की. उसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली. अब हमने भी कमेटी बनाई है. जिसकी अध्यक्षता गजेंद्र सिंह खींवसर कर रहे हैं. इस कमेटी का लगभग 80 फीसदी काम हो चुका है. इनमें से कई विषय मीडिया के ध्यान में भी लाए जाएंगे.

पढ़ें: रीट के अभ्यर्थियों को गृह जिला आवंटित करने की तैयारी, आवेदन में संशोधन का मिलेगा मौका

कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में किया जमीन आवंटन : उन्होंने बताया कि जिन कार्यों की समीक्षा हो रही है. उनमें कई प्रकरण जमीन आवंटन के हैं. पिछली सरकार ने जाते-जाते 15 दिन में 350 से ज्यादा जमीनों का आवंटन आनन-फानन में कर दिया. उसमें भी ध्यान रखेंगे कि आवंटन सही है तो कोई दिक्कत नहीं. लेकिन अगर कोई गलत आवंटन किया गया है तो उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

एसआई भर्ती में किसी को बख्शा नहीं जाएगा : ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने और बाद में जमानत पर रिहा ट्रेनी एसआई को निलंबित करने के मामले में उन्होंने कहा, जहां तक ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने की बात है. यह एक प्रशासनिक व्यवस्था है. किसी की जमानत होने का मतलब बरी होना नहीं है. ऐसे में नियमानुसार अगर कोई आरोपी है तो उन्हें निलंबित या बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसलिए जिलों में जो भी ट्रेनी गए हैं और वो आरोपी हैं तो नियमानुसार उन पर कार्रवाई होगी.

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