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Accused RTU Prof Case: अस्मत मांगने के आरोपी गिरीश परमार को जेल से किया गिरफ्तार, ये है मामला

आरटीयू में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के आरोपी गिरीश परमार को आरके पुरम थाना पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर जेल से गिरफ्तार किया है. यहां से कोर्ट में पेश किए गए आरोपी को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

Accused RTU Prof Case, Girish Parmar arrested from jail in another case
अस्मत मांगने के आरोपी गिरीश परमार को जेल से किया गिरफ्तार, ये है मामला
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Published : Feb 11, 2023, 6:12 PM IST

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में गिरफ्तार एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार को एमआईटी की पूर्व छात्रा की शिकायत वाले मामले में जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. एमआईटी की पूर्व छात्रा ने भी परमार पर पास करने के बदले अस्मत मांगने का आरोप लगाया है.

आरटीयू के मामले में तीन आरोपी 20 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव शामिल हैं. इस संबंध में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के पास में 6 अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिनमें इन तीनों के अलावा अन्य भी आरोपी शामिल हैं. इसी में एक मुकदमा मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एमआईटी की पूर्व छात्रा ने दर्ज करवाया था. जिसमें भी पास करने की एवज में अस्मत मांगी गई थी.

पढ़ें: KOTA RTU CASE: पुलिस ने शुरू की दूसरे मामले की जांच, गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल जेल से गिरफ्तार

इस मामले में एकमात्र आरोपी गिरीश परमार हैं. ऐसे में आरके पुरम थाना पुलिस ने शनिवार को उसे प्रोडक्शन वारंट पर जेल से गिरफ्तार किया. जहां से न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट प्रकरण क्रमांक 4 में पेश किया गया. न्यायालय ने पुलिस को आरोपी की 2 दिन की रिमांड दी है. पुलिस उप अधीक्षक चतुर्थ मुकुल शर्मा ने बताया कि आरोपी गिरीश परमार से पुलिस रिमांड में एमआईटी से जुड़े मामले में पूछताछ की जाएगी.

पढ़ें: RTU Case: पीड़िता पुलिस से बोली, 4 साल के एमटेक में लग गए 14 साल...यूनिवर्सिटी ने शिकायतों पर नहीं की सुनवाई

एमआईटी में रहकर भी मांगी थी छात्राओं से अस्मत: गिरीश परमार राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बतौर प्रिंसिपल पद पर कार्य करने के लिए चले गए थे. जहां पर भी इसी तरह से छात्राओं से अस्मत मांगने की शिकायत आई थी. हालांकि तब यह मामला सामने नहीं आ पाया था. इसके बाद वे वापस आरटीयू में सेवाएं देने लगे थे. आरटीयू में अस्मत मांगने का मामला सामने आने के बाद पीड़ित छात्रा सामने आई थी. जिसने आरकेपुरम थाने में पास करने की एवज में अस्मत मांगने की शिकायत दर्ज करवाई थी. यह मुकदमा दिसंबर महीने में ही दर्ज किया गया था.

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में गिरफ्तार एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार को एमआईटी की पूर्व छात्रा की शिकायत वाले मामले में जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. एमआईटी की पूर्व छात्रा ने भी परमार पर पास करने के बदले अस्मत मांगने का आरोप लगाया है.

आरटीयू के मामले में तीन आरोपी 20 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव शामिल हैं. इस संबंध में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के पास में 6 अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिनमें इन तीनों के अलावा अन्य भी आरोपी शामिल हैं. इसी में एक मुकदमा मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एमआईटी की पूर्व छात्रा ने दर्ज करवाया था. जिसमें भी पास करने की एवज में अस्मत मांगी गई थी.

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इस मामले में एकमात्र आरोपी गिरीश परमार हैं. ऐसे में आरके पुरम थाना पुलिस ने शनिवार को उसे प्रोडक्शन वारंट पर जेल से गिरफ्तार किया. जहां से न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट प्रकरण क्रमांक 4 में पेश किया गया. न्यायालय ने पुलिस को आरोपी की 2 दिन की रिमांड दी है. पुलिस उप अधीक्षक चतुर्थ मुकुल शर्मा ने बताया कि आरोपी गिरीश परमार से पुलिस रिमांड में एमआईटी से जुड़े मामले में पूछताछ की जाएगी.

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एमआईटी में रहकर भी मांगी थी छात्राओं से अस्मत: गिरीश परमार राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बतौर प्रिंसिपल पद पर कार्य करने के लिए चले गए थे. जहां पर भी इसी तरह से छात्राओं से अस्मत मांगने की शिकायत आई थी. हालांकि तब यह मामला सामने नहीं आ पाया था. इसके बाद वे वापस आरटीयू में सेवाएं देने लगे थे. आरटीयू में अस्मत मांगने का मामला सामने आने के बाद पीड़ित छात्रा सामने आई थी. जिसने आरकेपुरम थाने में पास करने की एवज में अस्मत मांगने की शिकायत दर्ज करवाई थी. यह मुकदमा दिसंबर महीने में ही दर्ज किया गया था.

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