करौली. राजस्थान के करौली जिले में मौसम में बदलाव के चलते इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बात से किसानों के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं. जिले में 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सीजन की गेहूं की फसल खेतों में लहलहाती हुई नजर आ रही हैं. कृषि अधिकारियों की मानें तो मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल है, इससे उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को फायदा होगा.
वहीं, गेहूं की फसल करने वाले किसान फसल के उत्पादन को लेकर काफी खुश हैं. मौसम की अनुकूलता को देखते हुए किसानों को पहले से ही अच्छी फसल होने की उम्मीद थी. इस बार जहां जनवरी में कड़ाके की ठंड ने गेहूं की फसल को लाभ पहुंचाया. वहीं, फरवरी के अंत तक पड़ी सर्दी ने भी गेहूं की फसल को दम दिया. इससे उनकी फसल काफी अच्छी हुई है. गेहूं का दाना भी मोटा हुआ है. अगैती फसल करने वाले किसानों को मौसम का पूरा लाभ मिला.
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किसानों का कहना है कि इस बार अच्छी बारिश और कंडाके की ठंड की वजह से गेंहू की बंपर पैदावार की उम्मीद है. सर्दी में कोहरा और ओस की बूंद फसल पर अमृत साबित हुईं. खेत में फसल पकाव की ओर है, जिससे किसान खुश हैं. वहीं, कृषि अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल फरवरी के अंत तक सर्दी का असर रहा है और तापमान गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है. बीते कई साल का आंकड़ा देखा जाए तो फरवरी में तापमान में वृद्धि हो जाती थी. इस कारण फसल समय से पहले पक जाती थी. उसे फोर्स मेच्योरिटी कहते हैं. इस कारण दाना छोटा रह जाता है और पैदावार में गिरावट आती है. इस बार मौसम ठंडा होने के चलते गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है.
जिले में 81 हजार हेक्टेयर में रखा गया बुवाई का लक्ष्य
कृषि विभाग के उप निदेशक बीडी शर्मा ने बताया कि करौली जिले में इस साल 81 हजार हेक्टेयर मे गेहूं फसल की बुवाई हुई है. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से फसल के हिसाब से रकवा तय किया गया. इस बार विभाग ने रबी की फसल में सर्वाधिक गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया. जिले में गेहूं की उत्पादकता 3700 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है. लेकिन, उम्मीद करते हैं कि इस बार 3800-3900 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो.