करौली. सपोटरा उपखंड के मांगरोल गांव में दलित महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में परिजन शव का दाह संस्कार नहीं करने पर अड़ गए हैं. परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं और पीड़ित परिवार के लिए नौकरी, 50 लाख की आर्थिक सहायता और सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस मांग रहे हैं.
महिला की मौत के बाद परिजनों ने गांव के कुछ लोगों पर हत्या करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला की मौत से गुस्साए परिजन और भीम आर्मी मृतका के शव का दाह संस्कार नहीं करने अड़े हुए हैं. धरनार्थियों की मांग है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी और सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, जब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. इधर पुलिस ने परिजनों द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है.
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दरअसल सपोटरा इलाके के मांगरोल गांव निवासी मृतका के पति मुनिराज बैरवा ने पुलिस को सांपी प्राथमिकी में बताया कि गत 1 जून को रात 11 बजे कमल मीणा पुत्र भोरया मीणा घर पर आया था. उसने मुनिराज से कहा कि वह उसकी पत्नी को उसके साथ भेजे. मुनिराज के मना करने पर कमल ने पुराने लेनदेन के पैसे देने का दबाव बनाया. इसके बाद आरोपी मुनिराज की पत्नी को अपने साथ ले गया.
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रिपोर्ट के अनुसार उसके जाने के 2 घंटे बाद ही मुनीराज को सूचना मिली की गोठरा की झोपड़ी में उसकी पत्नी का एक्सीडेंट हो गया है. जब वह गोठरा की झोपड़ी में पहुंचा, तो उसकी पत्नी पड़ी हुई मिली. जबकि वहां एक्सीडेंट का कोई सबूत नहीं था. पति ने आरोप लगाए हैं कि पत्नी के पैरों में चप्पल भी नहीं थी और ना ही हाथों में चूड़ी थी. उसके कपड़े गंदे और फटे हुए थे. पत्नी की ये हालत देख पति बेहोश हो गया. जिसके बाद पीड़ित पति और मृतका तारंती बैरवा को अन्य लोगों ने अस्पताल पहुंचाया और इलाज करवाया.
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गंगापुर सिटी के अस्पताल में 2 दिन इलाज के बाद उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया. जहां 4 जून की रात 10 बजे उपचार के दौरान तारंती ने दम तोड़ दिया. मृतका के पति मुनिराज बैरवा ने पत्नी की मौत के बाद मांगरोल निवासी कमल पुत्र भोरया मीणा के खिलाफ हत्या का गंभीर आरोप लगाते हुए सपोटरा थाना पुलिस को प्राथमिक दी है. सदर पुलिस ने हत्या दरिंदगी और अपहरण का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
एसडीएम और थानाधिकारी की समझाइश रही असफलः इधर एसडीएम यंशवत मीना, सपोटरा थानाधिकारी धारासिंह मीणा घटना की गंभीरता को देखते हुए मांगरोल गांव पहुंचे और शव का दाह संस्कार करने के लिए पीड़ित परिजनों और दलित समाज के लोगों से समझाइश की, लेकिन धरनार्थी अपनी मांगो पर अडे़ हुए हैं.