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छात्रसंघ चुनाव 2019: जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में संगठनों पर निर्दलीय प्रत्याशी भारी

जोधपुर जिले के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के मतदान में इस बार अब तक के रिकार्ड से ज्यादा मतदान हुआ है. बता दें कि इस बार 56.64 फीसदी मतदान हुआ है. इस बार ग्रामीण छात्रों ने जोरदार मतदान किया है जिसका फायदा निर्दलीय को मिल सकता है.

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Published : Aug 27, 2019, 11:32 PM IST

जोधपुर. जिले के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का मतदान संपन्न हो गया. इस बार अब तक के रिकार्ड से ज्यादा मतदान हुआ है. ऐसे में चुनाव लड़ने वाले छात्र संगठन अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बता दें कि इस बार 56.64 फीसदी मतदान हुआ है. यह मतदान फीसदी पिछले वर्ष से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस बार ग्रामीण छात्रों ने जोरदार मतदान किया है जिसका फायदा निर्दलीय को मिल सकता है.

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 56.64 फीसदी हुआ मतदान

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव पारस गुर्जर ने बताया कि व्यास विश्वविद्यालय में लगातार 2 सालों से उनके संगठन के अध्यक्ष हैं और उन्होंने छात्र हित में कई काम करवाए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में इस बार का बढ़ा हुआ मतदान उनके पक्ष में ही जाएगा और उन्हें पूरा विश्वास है कि एनएसयूआई के प्रत्याशी हनुमान ही चुनाव जीतेंगे.

पढ़ें- छात्र संघ चुनाव 2019: अजमेर में मतदान के दौरान उलझ पड़े ABVP-NSUI के कार्यकर्ता, ABVP कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप

वहीं इस चुनाव को रोचक बनाने वाले एबीवीपी के बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि ग्रामीण मतदान उनके पक्ष में जाएगा. एबीवीपी के पूर्व पदाधिकारी रहे भूपेंद्र सिंह का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशियों ने सभी दलों की नींद उड़ा रखी है हालांकि जीत का दावा एबीवीपी कर रही है लेकिन उन्हें बागी के भीतर घात का भी डर सता रहा है.

बता दें कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में पिछले दो चुनावों में एनएसयूआई की कांता ग्वाला और सुनील चौधरी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. जबकि इससे पहले एबीवीपी ने 3 बार छात्र संघ अध्यक्ष दिया था. एनएसयूआई जहां जाट को ही प्रत्याशी बना रही है तो एबीवीपी राजपूत को मैदान में उतार रही है. लेकिन इस बार एबीवीपी ने रविन्द्र सिंह भाटी को प्रत्याशी नहीं बना कर नए चेहरे को उतारा है, जिसका सीधा नुकसान एबीवीपी को उठाना पड़ेगा क्योंकि भाटी लगातार सक्रिय थे और उनको बड़ा छात्र समर्थन भी मिल रहा था.

जोधपुर. जिले के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का मतदान संपन्न हो गया. इस बार अब तक के रिकार्ड से ज्यादा मतदान हुआ है. ऐसे में चुनाव लड़ने वाले छात्र संगठन अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बता दें कि इस बार 56.64 फीसदी मतदान हुआ है. यह मतदान फीसदी पिछले वर्ष से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस बार ग्रामीण छात्रों ने जोरदार मतदान किया है जिसका फायदा निर्दलीय को मिल सकता है.

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 56.64 फीसदी हुआ मतदान

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव पारस गुर्जर ने बताया कि व्यास विश्वविद्यालय में लगातार 2 सालों से उनके संगठन के अध्यक्ष हैं और उन्होंने छात्र हित में कई काम करवाए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में इस बार का बढ़ा हुआ मतदान उनके पक्ष में ही जाएगा और उन्हें पूरा विश्वास है कि एनएसयूआई के प्रत्याशी हनुमान ही चुनाव जीतेंगे.

पढ़ें- छात्र संघ चुनाव 2019: अजमेर में मतदान के दौरान उलझ पड़े ABVP-NSUI के कार्यकर्ता, ABVP कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप

वहीं इस चुनाव को रोचक बनाने वाले एबीवीपी के बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि ग्रामीण मतदान उनके पक्ष में जाएगा. एबीवीपी के पूर्व पदाधिकारी रहे भूपेंद्र सिंह का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशियों ने सभी दलों की नींद उड़ा रखी है हालांकि जीत का दावा एबीवीपी कर रही है लेकिन उन्हें बागी के भीतर घात का भी डर सता रहा है.

बता दें कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में पिछले दो चुनावों में एनएसयूआई की कांता ग्वाला और सुनील चौधरी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. जबकि इससे पहले एबीवीपी ने 3 बार छात्र संघ अध्यक्ष दिया था. एनएसयूआई जहां जाट को ही प्रत्याशी बना रही है तो एबीवीपी राजपूत को मैदान में उतार रही है. लेकिन इस बार एबीवीपी ने रविन्द्र सिंह भाटी को प्रत्याशी नहीं बना कर नए चेहरे को उतारा है, जिसका सीधा नुकसान एबीवीपी को उठाना पड़ेगा क्योंकि भाटी लगातार सक्रिय थे और उनको बड़ा छात्र समर्थन भी मिल रहा था.

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विश्वविद्यालय में अब तक का सर्वाधिक मतदान, संगठनों की जीत के दावों पर निर्दलीय भारी



जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के चुनाव का मतदान संपन्न हो गया। इस बार अब तक का रिकार्ड मतदान हुआ है। ऐसे में चुनाव लडने वाले छात्र राजनीतिक के संगठन अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इस बार 56.64 फसदी मत पडे हैं। जो विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के चुनाव में अब तक का सर्वाधिक मतदान है। यह मतदान गत वर्ष से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है। गत वर्ष 46 फीसदी हुआ था। ऐसे में जीत के दावों के साथ बदलाव के भी संकेत मिल रहे है। इसकी वजह है इस बार ग्रामीण छात्रों ने जोरदार मतदान किया है इसका फायदा निर्दलीय को मिल सकता है। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव पारस गुर्जर का कहना है कि व्यास विश्वविद्यालय में लगातार 2 सालों से उनके संगठन के अध्यक्ष हैं और उन्होंने छात्र हित में कई काम करवाए हैं ऐसे में इस बार का बढ़ा हुआ मतदान उनके पक्ष में ही जाएगा और उन्हें पूरा विश्वास है कि एनएसयूआई के प्रत्याशी हनुमान पर ही चुनाव जीतेंगे वही इस चुनाव को रोचक बनाने वाले एबीवीपी के बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने साफ कहा कि ग्रामीण मतदान उनके पक्ष में जाएगा एबीपी के पूर्व पदाधिकारी रहे भूपेंद्र सिंह का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशियों ने सभी दलों की नींद उड़ा रखी है हालांकि जीत का दावा एबीपी कर रही है लेकिन उन्हें बागी के भीतर घात का भी डर सता रहा है।


जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में पिछले दो चुनावों में एनएसयूआई की कांता ग्वाला व सुनील चौधरी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे जबकि इससे पहले एबीवीपी ने बार तीन बार छात्र संघ अध्यक्ष दिया था।  एनएसयूआईजहां जाट को ही प्रत्याशी बना रही है तो एबीवीपी राजपूत को मैदान में उतारा रही है। लेकिन इस बार एबीवीपी ने तगड़े दावेदार रविन्द्र सिंह भाटी को प्रत्याशी नही बना कर नए चेहरे को उतारा है। जिसका सीधा नुकसान एबीवीपी को उठाना पड़ेगा क्योंकि भाटी लगातार सक्रिय थे और उनको बड़ा छात्र समर्थन भी मिल रहा था ऐसे में सही मायने में चुनाव की सीधी टक्कर एनएसयूआई और एबीवीपी के बागी के बीच ही हुई है। जिसका परिणाम बुधवार को आएगा।


Bite 1 पारस गुर्जर, प्रदेश महासचिव एनएसयूआई

Bite 2 भूपेंद्र सिंह, पूर्व पदाधिकारी एबीवीपी

Bite 3 रविन्द्र सिंह भाटी, निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष पद










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