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विशेष शिक्षा में डिप्लोमा रखने वालों के आवेदन स्वीकार करने के आदेश - RAJASTHAN HIGH COURT

REET 2024- विशेष शिक्षा में डिप्लोमा रखने वालों के आवेदन स्वीकार करने के आदेश. जानें पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2025, 9:13 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 भर्ती के लिए आयोजित रीट-2024 में विशेष शिक्षा में डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, एनसीटीई और राजस्थान पुनर्वास परिषद से जवाब तलब किया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश हितेश शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा ने अदालत को बताया कि पंचायती राज विभाग ने गत 24 सितंबर को साल 1996 के पंचायत नियम के नियम 266 में संशोधन कर तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 के लिए विशेष शिक्षा में बीएड अनिवार्य कर दी. याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शिक्षक भर्ती के लिए रीट-2024 आयोजित की है, जिसमें तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 के लिए स्नातक के साथ विशेष शिक्षा में बीएड की योग्यता रखी गई है.

पढे़ं : पूर्व में चयनित वॉलीबॉल खिलाड़ियों को पुनः ट्रायल की जरूरत नहीं - RAJASTHAN HIGH COURT

याचिकाकर्ताओं के पास विशेष शिक्षा में डिप्लोमा है और वे नियमों में किए गए इस संशोधन के चलते भर्ती के लिए अपात्र हो गए हैं. याचिका में कहा गया कि तृतीय श्रेणी लेवल 2 के अलावा विशेष शिक्षक के लिए पूर्व में आयोजित हुई लेवल 1, द्वितीय श्रेणी शिक्षक और स्कूल व्याख्याता भर्ती के लिए विशेष शिक्षा में डिप्लोमा वालों को पात्र माना गया है. वहीं, राजस्थान पुनर्वास परिषद भी विशेष शिक्षा में डिप्लोमा को बीएड के समान मानता है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार कर उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 भर्ती के लिए आयोजित रीट-2024 में विशेष शिक्षा में डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, एनसीटीई और राजस्थान पुनर्वास परिषद से जवाब तलब किया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश हितेश शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा ने अदालत को बताया कि पंचायती राज विभाग ने गत 24 सितंबर को साल 1996 के पंचायत नियम के नियम 266 में संशोधन कर तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 के लिए विशेष शिक्षा में बीएड अनिवार्य कर दी. याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शिक्षक भर्ती के लिए रीट-2024 आयोजित की है, जिसमें तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक लेवल 2 के लिए स्नातक के साथ विशेष शिक्षा में बीएड की योग्यता रखी गई है.

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याचिकाकर्ताओं के पास विशेष शिक्षा में डिप्लोमा है और वे नियमों में किए गए इस संशोधन के चलते भर्ती के लिए अपात्र हो गए हैं. याचिका में कहा गया कि तृतीय श्रेणी लेवल 2 के अलावा विशेष शिक्षक के लिए पूर्व में आयोजित हुई लेवल 1, द्वितीय श्रेणी शिक्षक और स्कूल व्याख्याता भर्ती के लिए विशेष शिक्षा में डिप्लोमा वालों को पात्र माना गया है. वहीं, राजस्थान पुनर्वास परिषद भी विशेष शिक्षा में डिप्लोमा को बीएड के समान मानता है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार कर उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं.

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