नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने अमेरिकी संस्था 'यूएसएड' द्वारा भारत को विभाजित करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को धन दिए जाने का दावा करते हुए सोमवार को सरकार से मांग की कि इस मामले में जांच कराई जाए और दोषी पाए गए लोगों को जेल में डाला जाए. दुबे ने कांग्रेस के साथ अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस के साथ संबंध होने का अपना आरोप एक बार फिर दोहराया.
शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'यूएसएड' संस्था को पूरी तरह बंद कर दिया है क्योंकि यह वर्षों से विभिन्न सरकारों को गिराने के लिए पैसा खर्च कर रही थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को बताना चाहिए कि क्या यूएसएड ने जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को पांच हजार करोड़ रुपये भारत को विभाजित करने के लिए दिये या नहीं. उसने राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया या नहीं.
दुबे ने सवाल उठाया कि क्या 'यूएसएड' ने तालिबान को पैसा दिया था? उन्होंने कहा कि इस अमेरिकी संस्था ने आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधिया बढ़ाने वाले कुछ संगठनों को पैसा दिया या नहीं, विपक्ष यह बताए.
भाजपा सांसद ने देश में मानवाधिकार के नाम पर और 'सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च' के नाम पर विभिन्न संस्थाओं को 'यूएसएड' द्वारा पैसा दिए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार से अनुरोध किया कि इनकी जांच हो और जिन्होंने देश को नुकसान पहुंचाने के लिए पैसा लिया, उन्हें जेल में डाला जाए.
दुबे के इन आरोपों पर कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी की. कुछ सदस्य इस संबंध में व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाह रहे थे. हालांकि, पीठासीन सभापति संध्या राय ने कहा कि शून्यकाल में व्यवस्था का प्रश्न नहीं होता. भाजपा सांसद दुबे पहले भी सदन में इन मुद्दों को उठाते रहे हैं.