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कांग्रेस की पांच सूचियों के बाद भी सीएम गहलोत के गृह जिले की इन सीटों पर सस्पेंस बरकरार - Rajasthan elections 2023

Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की पांच सूचियां जारी होने के बाद भी जोधपुर जिले की कई सीटों पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. पार्टी यहां चार सीटों को लेकर असमंजस की स्थिति में है.

Rajasthan Assembly Elections 2023,  Suspense continues regarding the candidates
सीएम गहलोत के गृह जिले की इन सीटों पर सस्पेंस बरकरार.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 1, 2023, 3:55 PM IST

जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की उम्मीदवारों की पांच सूचियां जारी हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले की चार सीटों पर सस्पेंस बरकरार है. खास बात यह है कि इन चारों सीटों में से दो जगह पर कांग्रेस के विधायक हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं.

वहीं, पूर्व की सूचियों में पहली बार जीतकर आए तीन विधायकों के नाम आ चुके हैं. पार्टी की ओर से मंगलवार को जारी की गई दो सूचियों में फलोदी, लोहावट, शेरगढ़ और सूरसागर विधानसभा क्षेत्र को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. लोहावट और शेरगढ़ सीट पर कांग्रेस काबिज है, जबकि फलोदी और सूरसागर में गत बार भाजपा ने जीत दर्ज की थी. भाजपा में भी उठापटक चल रही है. अभी तक पार्टी को आठ प्रत्याशी घोषित करने हैं. बीजेपी ने भी शेरगढ़, फलोदी, लोहावट सहित आठ सीटों के उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.

पढ़ेंः UP CM in Alwar : योगी आदित्यनाथ बोले- राजस्थान में अराजकता का माहौल, इसका इलाज तो हनुमान जी की गदा में है

कांग्रेस क्या चारों सीटों पर चेहरे बदलेगी: कांग्रेस में यह तय हो गया है कि सूरसागर में इस बार नया प्रत्याशी ही मैदान में आएगा, क्योंकि गतबार चुनाव लड़ने वाले अयूब खान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाकर भेज दिया. फलोदी से महेश व्यास चुनाव हार गए थे, वहां पर पार्टी राजपूत या बिश्नोई पर विचार विमर्श कर रही है. लोहावट से कृष्णा राम विश्नोई ने पहली बार कांग्रेस को जीत दिलाई थी,लेकिन उनका टिकट अभी तक अटका हुआ है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के ही लोग उनके विरोध में उतरे हुए हैं. पार्टी यहां भी प्रयोग करने के लिए विश्नोई की जगह जाट को मैदान में उतार सकती है. कमोबेश यही हालत शेरगढ़ से पहली बार चुनाव जीतने वाली मीना कंवर के हैं. यहां भी नए चेहरे विधायक से ज्यादा मजबूत नजर आ रहे हैं. पार्टी ने बिलाड़ा के मौजूदा एमएलए हीराराम का टिकट काटकर बदलाव के संकेत भी दिए हैं.

पढ़ेंः Rajasthan Election 2023 : दीया कुमारी ने भरा नामांकन, कहा- डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए जनता आतुर

भाजपा में भी नए की कवायदः गत चुनाव में भाजपा को 10 में से सिर्फ दो सीट फलोदी और सूरसागर ही मिली थी. सूरसागर से भाजपा मौजूदा विधायक सूर्यकांता व्यास का टिकट कट चुकी है, जबकि फलोदी से पब्बाराम बिश्नोई को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है. यहां कई विश्नोई दावेदार हैं. पार्टी पिछली बार चुनाव हारने वालों को बदलने के मूड में भी दिखाई दे रही है. सभी की नजरें शेरगढ़ पर हैं. पिछला चुनाव हारने वाले बाबू सिंह की जगह महामंत्री जसवंत सिंह इंदा की दावेदारी भारी है. लूणी, लोहावट में पार्टी के पास विकल्प बहुत कम है, गत बार हारे के भरोसे है. वहीं, भोपालगढ़, ओसियां में पेच फंसे हैं. जोधपुर शहर को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, यहां पार्टी कांग्रेस के सूरसागर के प्रत्याशी के हिसाब से समीकरण बनाएगी.

जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की उम्मीदवारों की पांच सूचियां जारी हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले की चार सीटों पर सस्पेंस बरकरार है. खास बात यह है कि इन चारों सीटों में से दो जगह पर कांग्रेस के विधायक हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं.

वहीं, पूर्व की सूचियों में पहली बार जीतकर आए तीन विधायकों के नाम आ चुके हैं. पार्टी की ओर से मंगलवार को जारी की गई दो सूचियों में फलोदी, लोहावट, शेरगढ़ और सूरसागर विधानसभा क्षेत्र को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. लोहावट और शेरगढ़ सीट पर कांग्रेस काबिज है, जबकि फलोदी और सूरसागर में गत बार भाजपा ने जीत दर्ज की थी. भाजपा में भी उठापटक चल रही है. अभी तक पार्टी को आठ प्रत्याशी घोषित करने हैं. बीजेपी ने भी शेरगढ़, फलोदी, लोहावट सहित आठ सीटों के उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.

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कांग्रेस क्या चारों सीटों पर चेहरे बदलेगी: कांग्रेस में यह तय हो गया है कि सूरसागर में इस बार नया प्रत्याशी ही मैदान में आएगा, क्योंकि गतबार चुनाव लड़ने वाले अयूब खान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाकर भेज दिया. फलोदी से महेश व्यास चुनाव हार गए थे, वहां पर पार्टी राजपूत या बिश्नोई पर विचार विमर्श कर रही है. लोहावट से कृष्णा राम विश्नोई ने पहली बार कांग्रेस को जीत दिलाई थी,लेकिन उनका टिकट अभी तक अटका हुआ है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के ही लोग उनके विरोध में उतरे हुए हैं. पार्टी यहां भी प्रयोग करने के लिए विश्नोई की जगह जाट को मैदान में उतार सकती है. कमोबेश यही हालत शेरगढ़ से पहली बार चुनाव जीतने वाली मीना कंवर के हैं. यहां भी नए चेहरे विधायक से ज्यादा मजबूत नजर आ रहे हैं. पार्टी ने बिलाड़ा के मौजूदा एमएलए हीराराम का टिकट काटकर बदलाव के संकेत भी दिए हैं.

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भाजपा में भी नए की कवायदः गत चुनाव में भाजपा को 10 में से सिर्फ दो सीट फलोदी और सूरसागर ही मिली थी. सूरसागर से भाजपा मौजूदा विधायक सूर्यकांता व्यास का टिकट कट चुकी है, जबकि फलोदी से पब्बाराम बिश्नोई को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है. यहां कई विश्नोई दावेदार हैं. पार्टी पिछली बार चुनाव हारने वालों को बदलने के मूड में भी दिखाई दे रही है. सभी की नजरें शेरगढ़ पर हैं. पिछला चुनाव हारने वाले बाबू सिंह की जगह महामंत्री जसवंत सिंह इंदा की दावेदारी भारी है. लूणी, लोहावट में पार्टी के पास विकल्प बहुत कम है, गत बार हारे के भरोसे है. वहीं, भोपालगढ़, ओसियां में पेच फंसे हैं. जोधपुर शहर को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, यहां पार्टी कांग्रेस के सूरसागर के प्रत्याशी के हिसाब से समीकरण बनाएगी.

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