जयपुर : राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हुए एमओयू को हर महीने समीक्षा होगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान हुए एमओयू की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान का आर्थिक विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रदेश को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना हमारे प्रमुख संकल्पों में से एक है और इसे पूरा करने के लिए मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन ने सभी प्रयासों को मजबूती एवं गति प्रदान की है. उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि तीन श्रेणियों में विभक्त एमओयू के क्रियान्वयन के कार्य में समयबद्धता और नियमों का पालन किया जाए. उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को निर्देशित किया कि एमओयू के क्रियान्वयन को गति प्रदान करने के लिए आवश्यक नियमावली बनाएं. साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को हर माह 11 और 26 तारीख को क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट भेजी जाए.
एमओयू क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निर्देशित किया कि विभागीय शासन सचिव एमओयू क्रियान्वयन की सम्पूर्ण प्रक्रिया की निरंतर मॉनिटरिंग करें. जिला प्रभारी सचिव एवं जिला कलक्टर्स एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए निरंतर निवेशकों से संवाद स्थापित करते हुए मॉनिटरिंग करें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी 10 दिन में 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वाले एमओयू के लिए जमीन आवश्यकता के मामलों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए.
निवेशकों को मिलेगी प्रगति रिपोर्ट : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से निवेशकों को दी जाने वाली सहूलियतें नियमानुसार उपलब्ध कराई जाएं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निवेशकों से निरंतर सम्पर्क स्थापित कर उनकी प्राथमिक आवश्यकताओं को चिन्हित करें. साथ ही, विशेष रूप से नियमों के अनुसार ही एमओयू से संबंधित भू-आवंटन के प्रकरणों को प्राथमिकता से समय पर निस्तारित करें. उन्होंने निर्देश दिए कि तीन श्रेणियों में चिन्हित निवेश एमओयू के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रत्येक माह की जाएगी. वहीं, निवेशक को भी एमओयू क्रियान्यवन की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट देखने की व्यवस्था की जाए. सीएम ने निर्देश दिए कि ऐसे एमओयू जिनमें एक से अधिक विभागों की स्वीकृति आवश्यक है. ऐसी स्थिति में सभी संबंधित विभाग क्रियान्वयन प्रक्रिया को आपसी सामंजस्य के साथ तीव्र गति से पूरा करें.
ये रहे मौजूद : बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव उद्योग अभिजात शर्मा, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव राजस्व दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन राजेश यादव, प्रमुख शासन सचिव खान एवं पैट्रोलियम टी. रविकांत, प्रमुख शासन सचिव आयुर्वेद भवानी सिंह देथा सहित विभिन्न विभागों के शासन सचिव उपस्थित रहे.