जोधपुर. इस याचिका में कहा गया है कि देश के मिजोरम लखनऊ में छात्र-छात्राओं दोनों को सैनिक स्कूल में प्रवेश देने की व्यवस्था लागू की गई है. लेकिन राजस्थान में लगातार छात्राओं को इससे वंचित रखा जा रहा है. इस मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए असिस्टेंट सॉलीसीटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कहा कि सेना के पास स्कूल गर्ल्स हॉस्टल के लिए संसाधन नहीं है.
साथ ही रस्तोगी ने कहा कि जगह का अभाव है. इसके चलते हम छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं इस पर राजस्थान हाई कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सैनिक स्कूलों को पर्याप्त देती है. सैनिक स्कूलों में जगह का अभाव है. मामले को लेकर लंबी बहस के बाद कोर्ट ने कहा कि 24 सितंबर को स्कूलों में जगह की पूरी जानकारी खंडपीठ के सामने रखी जाए. जिससे पता चले कि इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी कितनी है.
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मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह परेशानी फंड और इंफ्रास्ट्रक्चर के नहीं है. यह मानसिक परेशानी है. मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को जयपुर में होगी. याचिकाकर्ता अधिवक्ता इस मामले को लेकर वर्ष 2016 में जयपुर में याचिका दायर की थी. माही यादव ने कहा कि इस वर्ष की प्रवेश सूचना में भी केवल छात्रों को ही आवेदन करने की बात कही गई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में आने वाले जवाब के बाद ही इस पर निर्णय किया जाएगा.