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गणतंत्र दिवस परेड- 10 हजार विशेष अतिथियों को किया गया आमंत्रित, तैयारी पूरी - REPUBLIC DAY PARADE

इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 10 हजार विशेष अतिथियों को किया गया आमंत्रित. सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था.

Republic Day Parade
गणतंत्र दिवस की झांकी (फाइल फोटो) (IANS)
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By PTI

Published : 9 hours ago

नई दिल्ली : आगामी गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के कारण राष्ट्रपति भवन (सर्किट-1) 21 से 29 जनवरी तक आम जनता के लिए बंद रहेगा. सर्किट 1 आगंतुकों को राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत का भ्रमण कराता है, तथा उन्हें भवन के अग्रभाग, प्रमुख कक्षों और लंबे ड्राइंग रूम आदि दिखाता है.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाला ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह एक सैन्य परंपरा है. यह हर सप्ताह आयोजित किया जाता है ताकि राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के एक नए समूह को कार्यभार संभालने का मौका मिल सके.

पैरालंपिक दल के सदस्य, उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता उन लगभग 10,000 विशेष अतिथियों में शामिल हैं जिन्हें यहां कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “ ‘स्वर्णिम भारत’ के इन वास्तुकारों में विविध पृष्ठभूमि के लोग हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सरकार की योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं." इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है.

मंत्रालय ने यह भी बताया कि इन विशेष अतिथियों को विभिन्न क्षेत्रों और कार्यक्षेत्रों से चुना गया है. इसके लिए कुल 31 श्रेणियां थी. इन श्रेणियों में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, आपदा राहत कर्मचारी, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जल योद्धा, जीवंत गांवों के अतिथि (गेस्ट्स फ्रॉम वाइब्रेंट विलेजेज़), पूर्वोत्तर राज्यों के अतिथि, सर्वश्रेष्ठ पेटेंट धारक, सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप व सड़क निर्माण श्रमिक समेत अन्य शामिल हैं.

बयान के अनुसार, आमंत्रित लोगों में हथकरघा कारीगर, पैरालंपिक दल के सदस्य और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

सुरक्षा व्यवस्था

राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह और आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनी और 5,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा के लिए बुधवार को विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक अंतर-राज्यीय समन्वय बैठक की. बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने की और इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, चंडीगढ़ तथा जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए.

पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “समन्वय बैठक के दौरान दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने और कड़ी निगरानी के लिए अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनी तथा साइबर सुरक्षा में माहिर अधिकारियों की मांग की है.” पुलिस ने कहा कि समन्वय बैठक में अधिकारियों ने विभिन्न मामलों से जुड़ी खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान किया और सीमा पर जांच एवं संदिग्ध तत्वों के सत्यापन सहित अन्य आतंकवाद विरोधी उपायों को मजबूत करने का संकल्प लिया.

पुलिस के मुताबिक, अरोड़ा ने सभी संबंधित एजेंसियों से संदिग्ध तत्वों पर नजर रखने के लिए मानवीय एवं तकनीकी बुद्धिमत्ता का व्यापक रूप से इस्तेमाल करने और नापाक मंसूबों पर पानी फेरने के लिए संदिग्ध गतिविधियों का पहले से अनुमान लगाने का आह्वान किया.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की आवाजाही के बारे में पहले से जानकारी देने पर जोर दिया गया. इसमें एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सक्रिय अंतरराज्यीय गिरोहों और अवैध हथियारों, शराब, नकदी, नशीले पदार्थों आदि की आपूर्ति के मामलों पर भी चर्चा की गई. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारु बनाए रखने के लिए समन्वय का खाका तैयार किया गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सभी जिलों के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और वरिष्ठ अधिकारियों को तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. इसमें हर जिले के डीसीपी को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में तथा मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात करें. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जमीन पर मौजूद टीमों ने अब तक 3,000 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों तथा क्षेत्रों की पहचान की है.”

उन्होंने कहा, “चुनाव के दौरान अवैध शराब और नकदी के वितरण के अलावा हथियारों की तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे. गणतंत्र दिवस समारोह और चुनाव प्रक्रिया के दौरान हिंसा या हथियारों के दुरुपयोग की आशंका टालने के लिए एजेंसियों ने पहले ही अपने स्थानीय सूत्रों को सक्रिय कर दिया है.” अधिकारी के अनुसार, विशेष प्रकोष्ठ और अपराध शाखा की टीमें हथियार आपूर्तिकर्ताओं की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही हैं.

उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए नयी दिल्ली में उच्च स्तरीय सुरक्षा तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यवधान न हो, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां सुरक्षा अभ्यास कर रही हैं. अधिकारी ने बताया, “नई दिल्ली, उत्तर दिल्ली और मध्य दिल्ली जैसे क्षेत्रों में लगभग 4,000 छत सुरक्षा बिंदुओं की पहचान की गई है. कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को सुरक्षा स्टिकर प्रदान किए जाएंगे, जबकि परेड मार्ग और आसपास के इलाकों में एफआरएस (चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली) कैमरे सहित लगभग 500 उच्च-रिजोल्यूशन वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित कैमरे लगाए जा रहे हैं.”

ये भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस परेड 2025: पंजाब समेत 15 राज्यों की झांकी मंजूर, दिल्ली की थीम खारिज

नई दिल्ली : आगामी गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के कारण राष्ट्रपति भवन (सर्किट-1) 21 से 29 जनवरी तक आम जनता के लिए बंद रहेगा. सर्किट 1 आगंतुकों को राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत का भ्रमण कराता है, तथा उन्हें भवन के अग्रभाग, प्रमुख कक्षों और लंबे ड्राइंग रूम आदि दिखाता है.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाला ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह एक सैन्य परंपरा है. यह हर सप्ताह आयोजित किया जाता है ताकि राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के एक नए समूह को कार्यभार संभालने का मौका मिल सके.

पैरालंपिक दल के सदस्य, उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता उन लगभग 10,000 विशेष अतिथियों में शामिल हैं जिन्हें यहां कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “ ‘स्वर्णिम भारत’ के इन वास्तुकारों में विविध पृष्ठभूमि के लोग हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सरकार की योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं." इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है.

मंत्रालय ने यह भी बताया कि इन विशेष अतिथियों को विभिन्न क्षेत्रों और कार्यक्षेत्रों से चुना गया है. इसके लिए कुल 31 श्रेणियां थी. इन श्रेणियों में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले गांवों के सरपंच, आपदा राहत कर्मचारी, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जल योद्धा, जीवंत गांवों के अतिथि (गेस्ट्स फ्रॉम वाइब्रेंट विलेजेज़), पूर्वोत्तर राज्यों के अतिथि, सर्वश्रेष्ठ पेटेंट धारक, सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप व सड़क निर्माण श्रमिक समेत अन्य शामिल हैं.

बयान के अनुसार, आमंत्रित लोगों में हथकरघा कारीगर, पैरालंपिक दल के सदस्य और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

सुरक्षा व्यवस्था

राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह और आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनी और 5,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा के लिए बुधवार को विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक अंतर-राज्यीय समन्वय बैठक की. बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने की और इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, चंडीगढ़ तथा जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए.

पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “समन्वय बैठक के दौरान दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने और कड़ी निगरानी के लिए अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनी तथा साइबर सुरक्षा में माहिर अधिकारियों की मांग की है.” पुलिस ने कहा कि समन्वय बैठक में अधिकारियों ने विभिन्न मामलों से जुड़ी खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान किया और सीमा पर जांच एवं संदिग्ध तत्वों के सत्यापन सहित अन्य आतंकवाद विरोधी उपायों को मजबूत करने का संकल्प लिया.

पुलिस के मुताबिक, अरोड़ा ने सभी संबंधित एजेंसियों से संदिग्ध तत्वों पर नजर रखने के लिए मानवीय एवं तकनीकी बुद्धिमत्ता का व्यापक रूप से इस्तेमाल करने और नापाक मंसूबों पर पानी फेरने के लिए संदिग्ध गतिविधियों का पहले से अनुमान लगाने का आह्वान किया.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की आवाजाही के बारे में पहले से जानकारी देने पर जोर दिया गया. इसमें एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सक्रिय अंतरराज्यीय गिरोहों और अवैध हथियारों, शराब, नकदी, नशीले पदार्थों आदि की आपूर्ति के मामलों पर भी चर्चा की गई. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारु बनाए रखने के लिए समन्वय का खाका तैयार किया गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सभी जिलों के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और वरिष्ठ अधिकारियों को तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. इसमें हर जिले के डीसीपी को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में तथा मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात करें. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जमीन पर मौजूद टीमों ने अब तक 3,000 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों तथा क्षेत्रों की पहचान की है.”

उन्होंने कहा, “चुनाव के दौरान अवैध शराब और नकदी के वितरण के अलावा हथियारों की तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे. गणतंत्र दिवस समारोह और चुनाव प्रक्रिया के दौरान हिंसा या हथियारों के दुरुपयोग की आशंका टालने के लिए एजेंसियों ने पहले ही अपने स्थानीय सूत्रों को सक्रिय कर दिया है.” अधिकारी के अनुसार, विशेष प्रकोष्ठ और अपराध शाखा की टीमें हथियार आपूर्तिकर्ताओं की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही हैं.

उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए नयी दिल्ली में उच्च स्तरीय सुरक्षा तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यवधान न हो, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां सुरक्षा अभ्यास कर रही हैं. अधिकारी ने बताया, “नई दिल्ली, उत्तर दिल्ली और मध्य दिल्ली जैसे क्षेत्रों में लगभग 4,000 छत सुरक्षा बिंदुओं की पहचान की गई है. कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को सुरक्षा स्टिकर प्रदान किए जाएंगे, जबकि परेड मार्ग और आसपास के इलाकों में एफआरएस (चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली) कैमरे सहित लगभग 500 उच्च-रिजोल्यूशन वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित कैमरे लगाए जा रहे हैं.”

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