जोधपुर. जिले के लूणी विधानसभा क्षेत्र के 4 ग्राम पंचायतों के किसान शुक्रवार से जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के (protest in Jodhpur collectorate) बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गत वर्ष खरीफ की फसल खराबी का क्लेम नहीं मिलने के विरोध में किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. विरोध में कांग्रेस-भाजपा से जुड़े नेता भी शामिल हैं. किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते किसानों की फसल खराबे की पटवारी की ओर से रिपोर्ट नहीं की गई जिसकी वजह से यह हालात उत्पन्न हुए हैं.
पिछले एक साल से किसान बीमा कंपनी और कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. इससे परेशान होकर उन्होंने आंदोलन की राह चुनी है. धरना में शामिल किसान ने बताया कि 2021 में खरीफ की फसल के दौरान पूरी लूणी पंचायत समिति क्षेत्र में फसलें खराब हुई थी. क्षेत्र में लगभग सभी किसानों को मुआवजा भी दिया गया. सिर्फ 4 पंचायत हैं जिनमें नंदवान, कालीजाल, शुभदंड और जानादेसर के किसानों की फसलों की खराबे की गिरदावरी रिपोर्ट पटवारियों ने नहीं की जिसके चलते किसान मुआवजे से वंचित हो (protest for crop failure compensation) गए.
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किसानों ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में प्रशासन के अधिकारियों के साथ नेताओं की भी मिलीभगत है जिसके चलते 4 गांव के सैकड़ों किसानों के करीब 27 करोड़ का मुआवजा अटका हुआ है. इसलिए आज सभी किसान एकत्र होकर कलक्ट्रेट पर पहुंचे हैं. हमारा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक फसल बीमा योजना के क्लेम को लेकर स्थिति साफ नहीं हो जाती. जिला कलेक्टर को चाहिए कि वह इस पूरे मामले में क्षेत्र के उपखंड अधिकारी तहसीलदार व पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और किसानों को मुआवजा दिलवाए.