झुंझुनू. केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को कांग्रेस कमेटी ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया. धरने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. हालांकि, कांग्रेस के इस धरने से जिले के सभी कांग्रेसी विधायक गायब रहे. जिले की सात विधानसभा में से 6 में कांग्रेस के विधायक हैं. इसके बावजूद धरने में कोई भी विधायक शामिल नहीं हुआ.
धरने को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुरारी सैनी ने कहा कि, केद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानून कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून किसान विरोधी हैं. इन कानूनों के आने के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा.
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कांग्रेस के वक्ताओं ने कहा कि, इन कृषि कानूनों के आने के बाद किसानों की खेती पर निजी कंपनियों का अधिकार हो जाएगा. मंडियां बंद हो जाएंगी और निजी कंपनियां फसल का मूल्य तय करेंगी. निजी कारोबारियों की मनमानी बढ़ जाएगी. साथ ही फसल भण्डारण होने के कारण कालाबाजारी बढ़ेगी. ऐसे में हमारी मांग है कि किसान विरोधी इन कानूनों को वापस लिया जाए. वहीं, धरने के अंत में कांग्रेस कमेटी ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के लिए 2 मिनट का मौन रख उसे श्रद्धांजलि दी.