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वामपंथी उग्रवाद पर लगाम! देश में प्रभावित जिलों की संख्या लगातार घट रही - NAXAL PROBLEM IN INDIA

देश में वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने लोकसभा में विस्तार से जानकारी दी. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Nityanand Rai
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 11, 2025, 3:48 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्यों द्वारा वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति बनायी है. इन योजना के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप वामपंथी उग्रवाद में लगातार गिरावट आई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं.

नित्यानंद राय ने कहा, "वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. पिछले छह वर्षों में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की तीन बार समीक्षा की गई है. अप्रैल 2018 में इनकी संख्या 126 से घटकर 90 रह गई. जुलाई 2021 में यह संख्या 70 हो गई और फिर अप्रैल 2024 में यह संख्या घटकर 38 रह गई. वामपंथी उग्रवाद से होने वाली हिंसा में 2010 के उच्च स्तर की तुलना में 2024 में 81 प्रतिशत की कमी आई है. 2024 में मरनेवालों की संख्या 374 थी जबकि 2010 में 1936 थी."

Naxal affected district
बीजापुर में छापेमारी को जाते जवान. (File Photo) (ETV Bharat)

छत्तीसगढ़ पर विशेष जोरः राय ने कहा कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में विशेष काम किया गया है. यह स्वीकार करते हुए कि छत्तीसगढ़ नक्सलियों का प्रमुख गढ़ बना हुआ है. केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्य के लिए कई विशेष पहल की है. सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 4046 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं. साथ ही दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 1333 टावर लगाए गए हैं. छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में स्थानीय लोगों के वित्तीय समावेशन के लिए 1214 डाकघर खोले गए हैं. इसके अलावा 297 बैंक शाखाएं और 268 एटीएम खोले गए हैं.

माओवादी गतिविधियों से दूरः कौशल विकास के लिए नौ आईटीआई और 14 कौशल विकास केंद्र बनाए गए हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 45 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं. राय ने कहा कि इसके अलावा, सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, स्थानीय लोगों के कल्याण और युवाओं को माओवादियों के प्रभाव से दूर रखने के लिए नागरिक गतिविधियां चलाते हैं.

Naxal affected district
बस्तर में हाई अलर्ट पर फोर्स. (ETV Bharat)

राष्ट्रीय नीति और कार्य योजनाः वामपंथी उग्रवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी. इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और पात्रताओं आदि को शामिल करते हुए एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है. राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण पर धन खर्च कर रही है. वामपंथ उग्रवाद इलाके में सड़क नेटवर्क के विस्तार, दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार पर विशेष जोर दिया गया.

सुरक्षा संबंधी व्यय योजनाः इस योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद हिंसा में मारे गए नागरिक और सुरक्षा बलों के परिवार को अनुग्रह राशि, सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और संचालन संबंधी आवश्यकताओं, आत्मसमर्पण करने वाले वामपंथी उग्रवादियों के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग आदि के लिए धनराशि प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों (2019 से अब तक) के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 1925.83 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

Naxal affected district
छत्तीसगढ़ के सीएम शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए. (File Photo) (ETV Bharat)

खुफिया तंत्र को मजबूत करनाः विशेष खुफिया शाखाओं और जिला पुलिस को मजबूत करने का काम विशेष बुनियादी ढांचा योजना के माध्यम से किया जाता है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 394.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 85.42 करोड़ रुपये शामिल हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 147 सहित 702 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन स्वीकृत किए गए हैं.

विशेष केंद्रीय सहायताः अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास को और गति देने के लिए, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत राज्यों को धन मुहैया कराया जाता है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 2384.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

Naxal affected district
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बरामद हथियार. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

इसे भी पढ़ेंः Naxalites Attack on Leaders : नक्सली हिंसा में नेताओं की हत्या पर सियासत, बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग

इसे भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में सड़क निर्माण में लगी मशीनों व वाहन को नक्सलियों ने फूंका, दिया ये संदेश

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्यों द्वारा वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति बनायी है. इन योजना के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप वामपंथी उग्रवाद में लगातार गिरावट आई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं.

नित्यानंद राय ने कहा, "वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. पिछले छह वर्षों में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की तीन बार समीक्षा की गई है. अप्रैल 2018 में इनकी संख्या 126 से घटकर 90 रह गई. जुलाई 2021 में यह संख्या 70 हो गई और फिर अप्रैल 2024 में यह संख्या घटकर 38 रह गई. वामपंथी उग्रवाद से होने वाली हिंसा में 2010 के उच्च स्तर की तुलना में 2024 में 81 प्रतिशत की कमी आई है. 2024 में मरनेवालों की संख्या 374 थी जबकि 2010 में 1936 थी."

Naxal affected district
बीजापुर में छापेमारी को जाते जवान. (File Photo) (ETV Bharat)

छत्तीसगढ़ पर विशेष जोरः राय ने कहा कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में विशेष काम किया गया है. यह स्वीकार करते हुए कि छत्तीसगढ़ नक्सलियों का प्रमुख गढ़ बना हुआ है. केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्य के लिए कई विशेष पहल की है. सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 4046 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं. साथ ही दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 1333 टावर लगाए गए हैं. छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में स्थानीय लोगों के वित्तीय समावेशन के लिए 1214 डाकघर खोले गए हैं. इसके अलावा 297 बैंक शाखाएं और 268 एटीएम खोले गए हैं.

माओवादी गतिविधियों से दूरः कौशल विकास के लिए नौ आईटीआई और 14 कौशल विकास केंद्र बनाए गए हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 45 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं. राय ने कहा कि इसके अलावा, सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, स्थानीय लोगों के कल्याण और युवाओं को माओवादियों के प्रभाव से दूर रखने के लिए नागरिक गतिविधियां चलाते हैं.

Naxal affected district
बस्तर में हाई अलर्ट पर फोर्स. (ETV Bharat)

राष्ट्रीय नीति और कार्य योजनाः वामपंथी उग्रवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी. इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और पात्रताओं आदि को शामिल करते हुए एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है. राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण पर धन खर्च कर रही है. वामपंथ उग्रवाद इलाके में सड़क नेटवर्क के विस्तार, दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार पर विशेष जोर दिया गया.

सुरक्षा संबंधी व्यय योजनाः इस योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद हिंसा में मारे गए नागरिक और सुरक्षा बलों के परिवार को अनुग्रह राशि, सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और संचालन संबंधी आवश्यकताओं, आत्मसमर्पण करने वाले वामपंथी उग्रवादियों के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग आदि के लिए धनराशि प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों (2019 से अब तक) के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 1925.83 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

Naxal affected district
छत्तीसगढ़ के सीएम शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए. (File Photo) (ETV Bharat)

खुफिया तंत्र को मजबूत करनाः विशेष खुफिया शाखाओं और जिला पुलिस को मजबूत करने का काम विशेष बुनियादी ढांचा योजना के माध्यम से किया जाता है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 394.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 85.42 करोड़ रुपये शामिल हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 147 सहित 702 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन स्वीकृत किए गए हैं.

विशेष केंद्रीय सहायताः अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास को और गति देने के लिए, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत राज्यों को धन मुहैया कराया जाता है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 2384.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

Naxal affected district
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बरामद हथियार. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

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