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सावधान… इस दिन भूलकर भी ना तोड़ें बेलपत्र, हो सकता है भारी नुकसान! - WHEN NOT TO PLUCK BAEL LEAVES

शिवपुराण के अनुसार, कुछ तिथियां ऐसी होती हैं, जिनमें बेलपत्र को नहीं तोड़ना चाहिए. पढ़ें डिटेल…

WHEN NOT TO PLUCK BAEL LEAVES
शिवलिंग और बेल का पेड़ (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 11, 2025, 3:43 PM IST

हैदराबाद: बेलपत्र, भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. त्रिनेत्रधारी महादेव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि बेलपत्र में देवी लक्ष्मी का वास होता है और यह भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि बेलपत्र में तीनों पत्तियां त्रिदेव - ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का प्रतीक हैं. इसलिए, इसका विशेष महत्व है और इसे तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है. आइये जानते हैं लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र से

शास्त्रों के अनुसार, कुछ ऐसे दिन होते हैं जब बेलपत्र को तोड़ना वर्जित माना गया है. इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं.

किन दिनों में न तोड़े बेलपत्र?

  • सोमवार: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन बेलपत्र तोड़ना अशुभ माना जाता है.
  • शिवरात्रि: शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है.
  • चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि: इन तिथियों पर बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए.
  • संक्रांति: संक्रांति के दिन बेलपत्र तोड़ना निषेध माना गया है.
  • दोपहर के बाद: दोपहर के बाद बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए.

क्यों नहीं तोड़ना चाहिए इन दिनों में बेलपत्र?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है. इन दिनों में बेलपत्र में विशेष ऊर्जा का संचार होता है, जिसे तोड़ने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है. इसके अलावा, कुछ मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं और व्यक्ति को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है.

क्या करें अगर बेलपत्र की आवश्यकता हो?
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया यदि आपको इन दिनों में बेलपत्र की आवश्यकता हो, तो आप एक दिन पहले तोड़े हुए बेलपत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं. मंदिर या शिवालयों में चढ़े हुए बेलपत्र को धोकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

बेलपत्र का महत्व
बेलपत्र न केवल भगवान शिव को प्रिय है, बल्कि इसके कई औषधीय गुण भी हैं. आयुर्वेद में बेलपत्र का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है. बेलपत्र में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.

यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, इन 3 राशियों के जीवन में होगा बड़ा बदलाव, चमकने वाली है किस्मत!

हैदराबाद: बेलपत्र, भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. त्रिनेत्रधारी महादेव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि बेलपत्र में देवी लक्ष्मी का वास होता है और यह भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि बेलपत्र में तीनों पत्तियां त्रिदेव - ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का प्रतीक हैं. इसलिए, इसका विशेष महत्व है और इसे तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है. आइये जानते हैं लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र से

शास्त्रों के अनुसार, कुछ ऐसे दिन होते हैं जब बेलपत्र को तोड़ना वर्जित माना गया है. इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं.

किन दिनों में न तोड़े बेलपत्र?

  • सोमवार: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन बेलपत्र तोड़ना अशुभ माना जाता है.
  • शिवरात्रि: शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है.
  • चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि: इन तिथियों पर बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए.
  • संक्रांति: संक्रांति के दिन बेलपत्र तोड़ना निषेध माना गया है.
  • दोपहर के बाद: दोपहर के बाद बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए.

क्यों नहीं तोड़ना चाहिए इन दिनों में बेलपत्र?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है. इन दिनों में बेलपत्र में विशेष ऊर्जा का संचार होता है, जिसे तोड़ने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है. इसके अलावा, कुछ मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों में बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं और व्यक्ति को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है.

क्या करें अगर बेलपत्र की आवश्यकता हो?
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया यदि आपको इन दिनों में बेलपत्र की आवश्यकता हो, तो आप एक दिन पहले तोड़े हुए बेलपत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं. मंदिर या शिवालयों में चढ़े हुए बेलपत्र को धोकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

बेलपत्र का महत्व
बेलपत्र न केवल भगवान शिव को प्रिय है, बल्कि इसके कई औषधीय गुण भी हैं. आयुर्वेद में बेलपत्र का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है. बेलपत्र में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.

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