नवलगढ़ (झुंझुनू). जिले के अरावली के पहाड़ियों पर चढ़ते बच्चे, बुजुर्ग, जवान, पुरूष और महिला श्रद्धालु. महिलाओं के सिर पर लदे हुए थैले, थैलों से आती मालपुए और पकौड़ी की खुश्बू, सिर पर झोले, मन में अटूट आस्था का ज्वार, श्रद्धालुओं का अपूर्व उत्साह, नाचते-गाते परिक्रमार्थी, ये नजारा है अरावली की रमणीय वादियों में स्थित तीर्थराज लोहार्गल का.
दरअसल, रविवार को तीर्थराज लोहार्गल से शुरू हुई बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा में रंगत दखने को मिली. जहां पहले दिन से श्रद्धालुओं और परिक्रमार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा. परिक्रमा का नेतृत्व कर रही ठाकुर जी की पालकी सोमवार अलसुबह पहले पड़ाव किरोड़ी से रवाना हुई. जहां स्नान-ध्यान और पूजा-अर्चना के बाद अखिल भारतीय चतुर्थ संप्रदाय और खाकी अखाड़े के महंत दिनेश दास महाराज के नेतृत्त्व में फेरी का अगुवा दल रवाना हुआ.
इसके बाद देर शाम पालकी दूसरे पड़ाव यानी शाकम्भरी पहुंची. जहां सैकड़ों संत-महात्माओं का हुजूम उमड़ा. पुरूषों की तुलना में महिला श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा रही. शेखावाटी समेत आसपास के राज्यों के परिक्रमार्थियों ने फेरी प्रारम्भ की. बता दें कि गोगानवमी से शुरू हुई 24 कोसीय परिक्रमा अमावस्या को महास्नान के साथ पूरी होगी. अमावस्या को गोल्याणा से लोहार्गल तक मेला भरेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे.
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श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह लगाए गए शिविर-
यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसे ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं. साथ ही नि:शुल्क चाय-पानी, भंडारे, चिकित्सा व्यवस्था की व्यवस्था भी की गई है. कहीं शिकंजी, तो कहीं दवाई, कहीं पूड़ी-पकौड़ी तो कहीं शाकाहारी भोजन हर कोई दोनों हाथों से परिक्रमार्थियों की सेवा करने में जुटा है.
नवलगढ़ प्रधान ने भी शुरू की परिक्रमा-
नवलगढ़ प्रधान गजाधर डाका ने भी हर बार की तरह क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ परिक्रमा शुरू की. प्रधान का ज्यादा ढाका ने बताया कि वह हर साल पूरी 24 कोस की परिक्रमा देते हुए आमजन की समस्याओं को सुनते हैं और संबंधित विभाग के अधिकारियों को तुरंत निर्देशित करते हुए समाधान का प्रयास किया जाता है.