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झालवाड़ः बारिश के मौसम में भी सड़क पर सोने को मजबूर है, यहां के गड़िया लोहार - हाई अलर्ट

झालावाड़ के अकलेरा क्षेत्र में गड़िया लोहार समाज के लोग बरसात के मौसम में भी बिना छत के रहने को मजबूर हैं. ऐसे में उन्होंने जिला कलेक्टर से रहने की समुचित व्यवस्था करने को लेकर गुहार लगाई है.

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Published : Jul 31, 2019, 3:09 PM IST

झालवाड़. प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है. जिसके चलते कई जिलों के लिए हाई अलर्ट भी जारी किया जा चुका है. भारी बारिश में जहां पक्के मकान भी ढ़ह जाते हैं. वही कुछ ऐसे भी कई लोग हैं जो मकान तो दूर, सड़कों के किनारे बिना छत के रहने को मजबूर हैं.

हम बात कर रहे हैं झालावाड़ के अकलेरा में रहने वाले गड़िया लोहार समाज की. जो सड़क के किनारे बिना छत के जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात, हर मौसम में यह लोग परेशानियों को झेलते हुए ही अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में गड़िया लोहार समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर से भी गुहार लगाई है कि उनके रहने की व्यवस्था की जाए.

बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोने को मजबूर है झालवाड़ के गड़िया लोहार

पढ़ें: #NMC बिल : हड़ताल पर देश के 3 लाख डॉक्टर्स, जयपुर के डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

समाज के लोगों का कहना है कि वो पिछले 1 साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. उनकी मांग है कि उनके आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं की गई है. अकलेरा नगर पालिका में भी बार-बार प्रार्थना पत्र देने पर वहां के अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. वही उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टर से भी कई बार निवेदन कर चुके है. लेकिन अभी तक उनकी बात पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है.

ऐसे में गड़िया लौहारों ने फिर से जिला कलेक्टर से मिलते हुए अपनी बात रखी. जिस पर कलेक्टर का कहना है कि महीने भर में जब भी शिविर का आयोजन होगा. तब उनकी समस्या का निवारण कर दिया जाएगा.

झालवाड़. प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है. जिसके चलते कई जिलों के लिए हाई अलर्ट भी जारी किया जा चुका है. भारी बारिश में जहां पक्के मकान भी ढ़ह जाते हैं. वही कुछ ऐसे भी कई लोग हैं जो मकान तो दूर, सड़कों के किनारे बिना छत के रहने को मजबूर हैं.

हम बात कर रहे हैं झालावाड़ के अकलेरा में रहने वाले गड़िया लोहार समाज की. जो सड़क के किनारे बिना छत के जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात, हर मौसम में यह लोग परेशानियों को झेलते हुए ही अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में गड़िया लोहार समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर से भी गुहार लगाई है कि उनके रहने की व्यवस्था की जाए.

बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोने को मजबूर है झालवाड़ के गड़िया लोहार

पढ़ें: #NMC बिल : हड़ताल पर देश के 3 लाख डॉक्टर्स, जयपुर के डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

समाज के लोगों का कहना है कि वो पिछले 1 साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. उनकी मांग है कि उनके आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं की गई है. अकलेरा नगर पालिका में भी बार-बार प्रार्थना पत्र देने पर वहां के अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. वही उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टर से भी कई बार निवेदन कर चुके है. लेकिन अभी तक उनकी बात पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है.

ऐसे में गड़िया लौहारों ने फिर से जिला कलेक्टर से मिलते हुए अपनी बात रखी. जिस पर कलेक्टर का कहना है कि महीने भर में जब भी शिविर का आयोजन होगा. तब उनकी समस्या का निवारण कर दिया जाएगा.

Intro:झालावाड़ के अकलेरा क्षेत्र में गाडिया लोहार समाज के लोग बरसात के मौसम में भी बिना छत के रहने को मजबूर हैं. ऐसे में उन्होंने जिला कलेक्टर से रहने की समुचित व्यवस्था करने को लेकर गुहार लगाई है.


Body:प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है. जिसके चलते कई जिलों के लिए हाई अलर्ट भी जारी किया जा चुका है. भारी बारिश में जहां पक्के मकान भी ढह जाते हैं. वही ऐसे भी कई लोग हैं जो मकान तो दूर, सड़कों के किनारे बिना छत के रहने को मजबूर हैं.

हम बात कर रहे हैं झालावाड़ के अकलेरा में रहने वाले गाडिया लोहार समाज की. जो सड़क के किनारे बिना छत के जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. सर्दी गर्मी और बरसात. हर मौसम में यह लोग परेशानियों को झेलते हुए ही अपना जीवन यापन करते हैं. ऐसे में गाडिया लोहार समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर से भी गुहार लगाई है कि उनके रहने की व्यवस्था की जाए.

समाज के लोगों का कहना है कि पिछले 1 साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं कि उनके आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं की गई है. अकलेरा नगर पालिका में भी बार-बार प्रार्थना पत्र देने पर भी वहां के अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. वही उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टर से भी कई बार निवेदन किया लेकिन अभी तक उन पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में गाड़ियां लौहार ने फिर से जिला कलेक्टर से मिलते हुए अपनी बात रखी. जिस पर कलेक्टर का कहना है कि महीने भर में जब भी शिविर का आयोजन होगा उनकी समस्या का निवारण कर दिया जाएगा.


Conclusion:बाइट - दूना बाई
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