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दक्षिण भारत से दो विशेष श्रमिक ट्रेनों से 1650 प्रवासी श्रमिक पहुंचे जालोर

राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश में लाने का कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है. पिछले 10 दिनों से लगातार स्पेशल ट्रेनों के जरिये प्रवासियों को लाया जा रहा है. बता दें कि बुधवार को भी दो स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 1650 प्रवासी श्रमिकों को जालोर लाया गया. जिसके बाद जिला मुख्यायल पर स्क्रीनिंग करने के बाद श्रमिकों को रोडवेज बसों के जरिए अपने अपने गृह जिलों में भेजा गया.

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Published : May 20, 2020, 6:23 PM IST

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विशेष श्रमिक रेलगाड़ी से प्रवासी श्रमिक जालोर पहुंचे

जालोर. कोरोना की रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था. उसके बाद अलग अलग फेज में आगे बढ़ते हुए लॉकडाउन चौथे फेज तक पहुंच गया है. इस दौरान हजारों की तादाद में दक्षिण भारत सहित कई राज्यों में राजस्थान के मजदूर फंस गए हैं. जिनको अब स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लाया जा रहा है. बता दें कि बुधवार को भी दक्षिण भारत से प्रदेश के विभिन्न जिलों के 1650 प्रवासी श्रमिकों को लेकर दो विशेष श्रमिक ट्रेनें जालोर रेलवे स्टेशन पहुंची.

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श्रमिकों को राजस्थान रोडवेज की बस से घर के लिए भेजा गया

जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार जिला परिषद के सीईओ अशोक कुमार व इंसिडेंट कमांडर चंपालाल जीनगर के मार्गदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से रोडवेज बसों द्वारा शाह गेनाजी पूंजाजी स्टेडियम ले जाया गया. स्टेडियम में सर्वप्रथम प्रवासी श्रमिकों को सैनिटाइज किया गया. जिसके बाद स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण कर पंजीयन करने के बाद उन्हें जिला प्रशासन द्वारा अल्पाहार, भोजन व पानी की बोतलें दी गई और रोडवेज बसों के माध्यम से राजस्थान के विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया गया.

आप बीती बताकर रोने लगे प्रवासी श्रमिक

श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद काम धंधे पूरी तरह से बंद हो गए थे. जिसके कारण रहने और खाने में मुश्किल आ रही थी. आंध्र प्रदेश में मिट्टी के खिलौने बनाने वाले अलवर निवासी पति-पत्नी ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद परिवार की आजीविका चलाना मुश्किल हो गया था. सभी लोग अपने-अपने घरों की तरफ लौटने लग गए, लेकिन आवागमन के संसाधन नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ा. आखिर में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से गांव लौटे हैं.

पढ़ेंः यूपी के अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा तो बनता हैः मंत्री सुभाष गर्ग

जालोर से प्रवासियों को विभिन्न जिलों में भेजा गया

दक्षिण भारत के बड़े शहरों से दो स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से राजस्थान के अलग-अलग जिलों के 1650 श्रमिक जालोर पहुंचे. ऐसे में यहां पर सभी प्रवासियों की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें रोडवेज बसों से अलग-अलग जिलों के लिए रवाना किया गया.

जालोर. कोरोना की रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था. उसके बाद अलग अलग फेज में आगे बढ़ते हुए लॉकडाउन चौथे फेज तक पहुंच गया है. इस दौरान हजारों की तादाद में दक्षिण भारत सहित कई राज्यों में राजस्थान के मजदूर फंस गए हैं. जिनको अब स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लाया जा रहा है. बता दें कि बुधवार को भी दक्षिण भारत से प्रदेश के विभिन्न जिलों के 1650 प्रवासी श्रमिकों को लेकर दो विशेष श्रमिक ट्रेनें जालोर रेलवे स्टेशन पहुंची.

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श्रमिकों को राजस्थान रोडवेज की बस से घर के लिए भेजा गया

जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार जिला परिषद के सीईओ अशोक कुमार व इंसिडेंट कमांडर चंपालाल जीनगर के मार्गदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से रोडवेज बसों द्वारा शाह गेनाजी पूंजाजी स्टेडियम ले जाया गया. स्टेडियम में सर्वप्रथम प्रवासी श्रमिकों को सैनिटाइज किया गया. जिसके बाद स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण कर पंजीयन करने के बाद उन्हें जिला प्रशासन द्वारा अल्पाहार, भोजन व पानी की बोतलें दी गई और रोडवेज बसों के माध्यम से राजस्थान के विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया गया.

आप बीती बताकर रोने लगे प्रवासी श्रमिक

श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद काम धंधे पूरी तरह से बंद हो गए थे. जिसके कारण रहने और खाने में मुश्किल आ रही थी. आंध्र प्रदेश में मिट्टी के खिलौने बनाने वाले अलवर निवासी पति-पत्नी ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद परिवार की आजीविका चलाना मुश्किल हो गया था. सभी लोग अपने-अपने घरों की तरफ लौटने लग गए, लेकिन आवागमन के संसाधन नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ा. आखिर में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से गांव लौटे हैं.

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जालोर से प्रवासियों को विभिन्न जिलों में भेजा गया

दक्षिण भारत के बड़े शहरों से दो स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से राजस्थान के अलग-अलग जिलों के 1650 श्रमिक जालोर पहुंचे. ऐसे में यहां पर सभी प्रवासियों की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें रोडवेज बसों से अलग-अलग जिलों के लिए रवाना किया गया.

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