जैसलमेर. गौवंश संरक्षण समिति राजस्थान द्वारा गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को राज्यभर में जिला स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं. इसी कड़ी में जैसलमेर जिले में भी समिति के कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बिश्नोई को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगे रखी.
गौवंश संरक्षण समिति के जिला संरक्षक रमण सोनी ने बताया कि राज्य में स्टांप विक्रय पर 10 फीसदी सरचार्ज और शराब बिक्री से प्राप्त वैट राशि के सरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयोग में लिया जाता था, जिसमें हाल ही में संशोधन किया गया है. अब इसे आपदा प्रबंधन में भी खर्च किया जा रहा है. इसे यथावत रखने एवं अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.
वहीं, गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इसके अतिरिक्त गौशालाओं के नियमों में सरलीकरण करने, गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने, पंचायत स्तर पर नंदीशाला स्थापित करने, गौशालाओं के बिजली के बिलों में जो पहले छूट दी जा रही थी, जिसे समाप्त किया गया है. इसे यथावत रखने और आबकारी एक्ट में जब्त होने वालों ने वाहनों पर जो कार्रवाई होती है, वही कार्रवाई गौ तस्करी के वाहनों पर करने की मांग गई है.
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साथ ही गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौ तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश की सीमा पर पहले जो विशेष पुलिस चौकी स्थापित की गई थी. उससे तस्करी में काफी कमी आई थी. लेकिन, उन विशेष पुलिस चौकियों को बंद कर दिया गया है. उन चौकियों को फिर से स्थापित करने, मनरेगा के तहत गौशाला के कार्यों और किसानों के कृषि कार्यों को भी जोड़ने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है, जिससे इस पर सरकार ठोस निर्णय लेकर गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कोई विशेष कदम उठाए.