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जैसलमेर: गौवंश संरक्षण समिति ने विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जैसलमेर में सोमवार को गौवंश संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं ने गौवंश से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगे रखी. बता दें कि गौवंश संरक्षण समिति राजस्थान के द्वारा पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर ज्ञापन सौंपे गए हैं.

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Published : Sep 21, 2020, 7:18 PM IST

गौवंश संरक्षण समिति, Jaisalmer News,
जैसलमेर में गौवंश संरक्षण के लिए सौंपा गया ज्ञापन

जैसलमेर. गौवंश संरक्षण समिति राजस्थान द्वारा गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को राज्यभर में जिला स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं. इसी कड़ी में जैसलमेर जिले में भी समिति के कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बिश्नोई को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगे रखी.

पढ़ें: केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदेश की 247 मंडियां बंद, अजमेर कृषि उपज मंडी में भी हड़ताल का असर

गौवंश संरक्षण समिति के जिला संरक्षक रमण सोनी ने बताया कि राज्य में स्टांप विक्रय पर 10 फीसदी सरचार्ज और शराब बिक्री से प्राप्त वैट राशि के सरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयोग में लिया जाता था, जिसमें हाल ही में संशोधन किया गया है. अब इसे आपदा प्रबंधन में भी खर्च किया जा रहा है. इसे यथावत रखने एवं अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.

जैसलमेर में गौवंश संरक्षण के लिए सौंपा गया ज्ञापन

वहीं, गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इसके अतिरिक्त गौशालाओं के नियमों में सरलीकरण करने, गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने, पंचायत स्तर पर नंदीशाला स्थापित करने, गौशालाओं के बिजली के बिलों में जो पहले छूट दी जा रही थी, जिसे समाप्त किया गया है. इसे यथावत रखने और आबकारी एक्ट में जब्त होने वालों ने वाहनों पर जो कार्रवाई होती है, वही कार्रवाई गौ तस्करी के वाहनों पर करने की मांग गई है.

पढ़ें: श्रीगंगानगरः किसान मजदूर व्यापारी संघ ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव, जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

साथ ही गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौ तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश की सीमा पर पहले जो विशेष पुलिस चौकी स्थापित की गई थी. उससे तस्करी में काफी कमी आई थी. लेकिन, उन विशेष पुलिस चौकियों को बंद कर दिया गया है. उन चौकियों को फिर से स्थापित करने, मनरेगा के तहत गौशाला के कार्यों और किसानों के कृषि कार्यों को भी जोड़ने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है, जिससे इस पर सरकार ठोस निर्णय लेकर गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कोई विशेष कदम उठाए.

जैसलमेर. गौवंश संरक्षण समिति राजस्थान द्वारा गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को राज्यभर में जिला स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं. इसी कड़ी में जैसलमेर जिले में भी समिति के कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बिश्नोई को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगे रखी.

पढ़ें: केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदेश की 247 मंडियां बंद, अजमेर कृषि उपज मंडी में भी हड़ताल का असर

गौवंश संरक्षण समिति के जिला संरक्षक रमण सोनी ने बताया कि राज्य में स्टांप विक्रय पर 10 फीसदी सरचार्ज और शराब बिक्री से प्राप्त वैट राशि के सरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयोग में लिया जाता था, जिसमें हाल ही में संशोधन किया गया है. अब इसे आपदा प्रबंधन में भी खर्च किया जा रहा है. इसे यथावत रखने एवं अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.

जैसलमेर में गौवंश संरक्षण के लिए सौंपा गया ज्ञापन

वहीं, गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इसके अतिरिक्त गौशालाओं के नियमों में सरलीकरण करने, गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने, पंचायत स्तर पर नंदीशाला स्थापित करने, गौशालाओं के बिजली के बिलों में जो पहले छूट दी जा रही थी, जिसे समाप्त किया गया है. इसे यथावत रखने और आबकारी एक्ट में जब्त होने वालों ने वाहनों पर जो कार्रवाई होती है, वही कार्रवाई गौ तस्करी के वाहनों पर करने की मांग गई है.

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साथ ही गौवंश संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गौ तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश की सीमा पर पहले जो विशेष पुलिस चौकी स्थापित की गई थी. उससे तस्करी में काफी कमी आई थी. लेकिन, उन विशेष पुलिस चौकियों को बंद कर दिया गया है. उन चौकियों को फिर से स्थापित करने, मनरेगा के तहत गौशाला के कार्यों और किसानों के कृषि कार्यों को भी जोड़ने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है, जिससे इस पर सरकार ठोस निर्णय लेकर गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कोई विशेष कदम उठाए.

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