जैसलमेर. सीमावर्ती जिले जैसलमेर को पिछड़ा जिला माना जाता है, लेकिन कोरोना काल में अब तक जैसलमेर ने इस महामारी का डटकर मुकाबला किया है. वहीं राज्य सरकार ने भी कोरोना की रोकथाम के लिए जिले को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं. ऐसे में जिला कलेक्टर का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए जैसलमेर में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं.
कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में जिले में चिकित्सक और अन्य मेडिकल स्टॉफ की कमी थी. लेकिन चिकित्सा विभाग के सभी डॉक्टरों, नर्सिंगकर्मियों और अन्य कर्मचारियों ने बेहतर काम किया है और राज्य सरकार भी जैसलमेर को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है. जिसके चलते पिछले दिनों जिले को 10 नए चिकित्सक मिले हैं. वहीं मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति करने की अनुमति मिलने के बाद उनको जल्द नियुक्त किया गया है. इसके बाद यहां हालात और अधिक बेहतर हो जाएंगे.
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कलेक्टर ने कहा कि पर्याप्त मेडिकल स्टाफ होने के चलते अब राजकीय जवाहर चिकित्सालय के वेंटिलेटर सुचारू रूप से संचालित किए जा रहे हैं. साथ ही अन्य चिकित्सा सेवाएं भी बेहतर हुई हैं. राज्य सरकार ने जिले में कोरोना जांच लैब स्थापित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में फंड उपलब्ध करवाया है और लैब स्थापित करने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है. आगामी कुछ दिनों में लैब स्थापित होने से यहां के लोगों को उसका काफी फायदा मिलेगा. लैब स्थापित होने के बाद कोरोना रिपोर्ट जल्दी मिल सकेगी. जिससे कोरोना संक्रमण की रोकथाम में काफी सहयोग मिलेगा.