जयपुर. नेफ्रोलॉजी रिसर्च सोसायटी और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग की ओर से रविवार को जयपुर में आयोजित कार्यशाला में एक्यूट किडनी फेलियर को लेकर देशभर से आए चिकित्सकों ने चर्चा की. इस कार्यशाला में देश के लगभग 120 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इसमें एक्यूट किडनी फेलियर विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे और बीमारियों के रोकथाम के विभिन्न उपायों को बताया.
नेफ्रोलॉजी रिसर्च सोसायटी जयपुर के सेक्रेटरी और सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विनय मल्होत्रा ने बताया कि पिछले कुछ समय से अकस्मात किडनी इंफेक्शन या फिर किडनी फेलियर के मामले सामने आ रहे हैं. इसका मुख्य कारण डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और लाइफस्टाइल है. इस वर्कशॉप में आज देश भर से आए चिकित्सक एक्यूट किडनी फेलियर को लेकर चर्चा कर रहे हैं. आखिर किन कारणों की वजह से अचानक किडनी फेल हो रही है और इलाज को लेकर क्या कुछ नई तकनीकी सामने आई है इसे लेकर चर्चा की गई.
पढ़ें. राजस्थान: SMS अस्पताल में पहला स्किन डोनेशन, जयपुर की अनिता गोयल के परिजनों ने की स्किन डोनेट
गर्भवती महिलाओं को खतरा : हैदराबाद से आई वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनीषा राय ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में अचानक किडनी फेलियर के मामले बढ़ गए हैं और इसका मुख्य कारण है घर पर ही डिलीवरी होना. डॉक्टर राय का कहना है कि यदि गर्भवती महिला का बीपी हाई है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है. यदि चिकित्सकीय परामर्श नहीं मिलता है तो कई बार गर्भवती महिला की किडनी फेल हो जाती है और इसका असर नवजात बच्चे पर भी देखने को मिलता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर समय-समय पर जांच की जरूरत होती है.
नेफ्रोलॉजी रिसर्च सोसायटी जयपुर के अध्यक्ष और सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ धनंजय अग्रवाल ने बताया कि बदलती लाइफस्टाइल के कारण पिछले कुछ सालों में किडनी से जुड़ी समस्याएं सबसे अधिक देखने को मिली हैं. खासकर स्ट्रेस के कारण युवा वर्ग हाई ब्लड प्रेशर यानी बीपी का शिकार हो रहा है. कई बार बीपी के कारण मरीज किडनी के रोग से ग्रसित हो जाता है.