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जयपुर: पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की मंजूरी की घोषणा के बाद ग्रामीणों का धरना समाप्त - ग्रामीणों का धरना

प्रदेश में 48 नई पंचायत समितियों और 1264 ग्राम पंचायतों को मंजूरी की घोषणा के बाद बस्सी उपखंड क्षेत्र के बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चल रहा धरना खत्म हो गया. नाराज धरनार्थी ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है.

Picketing by villagers, बस्सी में धरना
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Published : Nov 16, 2019, 6:39 PM IST

बस्सी (जयपुर). प्रदेश में 48 नई पंचायत समितियों व 1264 ग्राम पंचायतों को मंजूरी की घोषणा के बाद राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र के बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चल रहा धरना खत्म हो गया. 16 अक्टूबर से बांसखोह सहित आसपास के रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे थे. लेकिन सरकार ने उनकी मांग नहीं स्वीकार की.

पंचायत समितियों को मंजूरी की घोषणा के बाद ग्रामीणों का धरना खत्म

बता दें कि धरने पर 28 अक्टूबर से 28 लोग अनशन पर बैठे थे. साथ ही 20 दिनों से कस्बे के बाजार पूर्ण रूप से बंद करके धरना दिया जा रहा था. धरने के बावजूद बांसखोह के ग्रामीण अपने क्षेत्र को पंचायत समिति बनाने में नाकाम रहे. जिसके बाद हताश धरनार्थियों को शनिवार को संत सुरजनदास महाराज ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनकी 16 दिन की भूख हड़ताल खत्म करवा दी.

इसके बाद ग्रामीणों ने 17 दिन से बंद अपने प्रतिष्ठान भी खोल लिए. वहीं धरना समाप्ति के बाद संघर्ष समिति ने अपना विरोध जारी रखने का निर्णय सुनाते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय किया है. साथ ही सोमवार को इलाके से जुड़े राजनेताओं ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा भी की.

सीएम, डिप्टी सीएम और विधायक का पुतला फूंका

वहीं अपनी अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों और संघर्ष समिति सदस्यों ने सीएम अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं स्थानीय विधायक लक्ष्मण मीणा का पुतला फूंक कर रोष प्रकट किया. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हम भी पीछे हटने वालो में से नहीं हैं. धरना समाप्त कर दिया तो क्या हुआ. हमने निर्णय करके अपना विरोध जारी करते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

बस्सी (जयपुर). प्रदेश में 48 नई पंचायत समितियों व 1264 ग्राम पंचायतों को मंजूरी की घोषणा के बाद राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र के बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चल रहा धरना खत्म हो गया. 16 अक्टूबर से बांसखोह सहित आसपास के रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे थे. लेकिन सरकार ने उनकी मांग नहीं स्वीकार की.

पंचायत समितियों को मंजूरी की घोषणा के बाद ग्रामीणों का धरना खत्म

बता दें कि धरने पर 28 अक्टूबर से 28 लोग अनशन पर बैठे थे. साथ ही 20 दिनों से कस्बे के बाजार पूर्ण रूप से बंद करके धरना दिया जा रहा था. धरने के बावजूद बांसखोह के ग्रामीण अपने क्षेत्र को पंचायत समिति बनाने में नाकाम रहे. जिसके बाद हताश धरनार्थियों को शनिवार को संत सुरजनदास महाराज ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनकी 16 दिन की भूख हड़ताल खत्म करवा दी.

इसके बाद ग्रामीणों ने 17 दिन से बंद अपने प्रतिष्ठान भी खोल लिए. वहीं धरना समाप्ति के बाद संघर्ष समिति ने अपना विरोध जारी रखने का निर्णय सुनाते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय किया है. साथ ही सोमवार को इलाके से जुड़े राजनेताओं ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा भी की.

सीएम, डिप्टी सीएम और विधायक का पुतला फूंका

वहीं अपनी अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों और संघर्ष समिति सदस्यों ने सीएम अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं स्थानीय विधायक लक्ष्मण मीणा का पुतला फूंक कर रोष प्रकट किया. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हम भी पीछे हटने वालो में से नहीं हैं. धरना समाप्त कर दिया तो क्या हुआ. हमने निर्णय करके अपना विरोध जारी करते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

Intro:बांसखोह को पंचायत समिति बनाने को लेकर चल रहा धरना समाप्त

संत सूरजमल दास जी महाराज ने जूस पिलाकर तुड़वाया अनसन

मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री व स्तानीय विधायक का पुतला फूंका

सोमवार को बांसखोह के स्तानीय कांग्रेस कार्यकर्ता देंगे स्तीफा

पंचायत चुनावों में कांग्रेस प्रतिनिदि का करेंगे बहिष्कारBody:

बस्सी ( जयपुर ) प्रदेश में जैसे ही नई 48 पंचायत समितियों व 1264 ग्राम पंचायतों को मंजूरी की घोषणा की गई। वही बात की जाए प्रदेश की राजधानी जयपुर के बस्सी उपखण्ड क्षेत्र के बाँसखोह कस्बे को भी पंचायत समिति बनाने की मांग पिछले कई महीनों से चली आ रही हैं । बांसखोह को पंचायत समिति बनाने को लेकर पिछले माह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट व जिला कलेक्टर जयपुर को ज्ञापन देकर बांसखोह को पंचायत समिति अवगत करवाया था। 16 अक्टूबर से बांसखोह सहित आसपास के सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे थे और 31 अक्टूम्बर से 28 लोग अनशन पर बैठे औऱ 20 दिनों से कस्बे के बाजार पूर्णरूप से बंद कर बैठे थे। धरने के बाद भी बांसखोह के ग्रामीण अपने इलाके को पंचायत समिति बनाने में नाकाम रहे। सरकार द्वारा बस्सी विधानसभा क्षेत्र में तूंगा को पंचायत समिति का दर्जा दिया है। हताश धरनार्थियों को शनिवार को संत सुरजनदास महाराज नेअपने हाथों से जूस पिलाकर उनकी 16 दिन से चल रही भूख हड़ताल को भी खत्म करवा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने 17 दिन से बंद अपने प्रतिष्ठान भी खोल लिए। वही धरना समाप्ति के बाद संघर्ष समिति ने अपना विरोध जारी रखने का निर्णय सुनाते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय किया। साथ ही सोमवार को इलाके से जुड़े राजनेताओं ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा भी की। इधर, अपनी अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों और संघर्ष समिति सदस्यों ने सीएम अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं स्थानीय विधायक लक्ष्मण मीणा का पुतला फूंक कर रोष प्रकट किया। वही ग्रामीणों का कहना हैं कि हम भी पिछे हटने वालो में से नहीं हैं। धरना समाप्त कर दिया तो क्या हुआ। हमने निर्णय करके अपना विरोध जारी करते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। साथ ही सोमवार को इलाके से जुड़े राजनेताओं को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा भी की है। बांसखो का प्रत्येक महिला-पुरूष ग्रामीण यह रोष प्रकट कर रहे है। वही ग्रामीणों का कहना हैं कि पंचायतराज चुनाव का विरोध करेंगे । पंचायत समिति चुनाव में स्तानीय स्तर पर कांग्रेस के प्रत्यासी मैदान में उतरने नही देंगे ।

बाइट :- धरनार्थी कैलाश गोस्वामीConclusion:
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