जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बजट पर सामान्य वाद-विवाद में प्रदेश की सबसे वयोवृद्ध और वरिष्ठ 84 वर्षीय विधायक सूर्यकांता व्यास ने अपनी बात रखते हुए सरकार पर जमकर पंच कैसे. क्योंकि सूर्यकांता व्यास जोधपुर से आती हैं और उनकी विधानसभा सूरसागर और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विधानसभा सरदारपुरा आसपास है. ऐसे में उन्होंने जोधपुर के मुख्यमंत्री होने के बावजूद जोधपुर में विकास नहीं होने को दुर्भाग्य करार दिया.
सूर्यकांता व्यास ने स्कूलों के हालात पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्कूल खोलना कोई बुरी बात नहीं है. लेकिन हालात ऐसे हैं कि स्कूल है, तो मास्टर नहीं, मास्टर है तो जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्कूल तो खोलें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आने वाला भविष्य उन स्कूलों में क्या सीख रहा है. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एक सरकारी स्कूल में चौथी क्लास के बच्चे से पूछा कि हमारे मुख्यमंत्री का नाम क्या है, तो उसे यह बात पता नहीं थी. व्यास ने कहा कि यह तो कमाल हो गया कि अगर चौथी क्लास का बच्चा यह नहीं बता सके कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन है और वह भी जोधपुर का बच्चा.
पढ़ें: विधानसभा में बोले फूलचंद मीणा, गुप्त मतदान हो तो आज गिर जाए गहलोत सरकार, पायलट को कहा 'बेचारा'
सूर्यकांता व्यास ने कहा कि हमे तो घमंड रहता है कि मुख्यमंत्री हमारे जोधपुर के हैं. कांग्रेस का राज था तो कोई तो मुख्यमंत्री बनता ही, ऐसे में जब हमारे जोधपुर का मुख्यमंत्री है. इस बात का हमे घमंड है, लेकिन जोधपुर का मुख्यमंत्री होने के बाद भी जोधपुर का विकास नहीं हो फिर क्या मतलब. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जोधपुर की गली-गली जानते हैं. फिर भी हमारे यहां जोधपुर में कोई काम अधूरा रह जाए, तो फिर इसे हम अपना दुर्भाग्य समझें.
पढ़ें: No Uproar in Rajasthan Vidhansabha : बजट सेशन में बना एक और 'इतिहास', जानते हैं ऐसा क्या हुआ!
सूर्यकांता व्यास पिछले साल बजट में घोषणा होने के बावजूद उनके क्षेत्र में ट्यूबवेल नहीं लगाने पर नाराज नजर आईं. उन्होंने कहा कि हमारे नेता कभी हमें किसी की बुराई करने को नहीं कहते. अगर मुख्यमंत्री अच्छा काम करते, तो हम उन्हें माला भी पहनाते. लेकिन सरकार की घोषणा के बाद आज साल भर हो जाए, ट्यूबवेल की घोषणा की और अब तक ट्यूबवेल नहीं लगे. मैं फोन करते-करते परेशान हो गई. अधिकारी सुनते नहीं है. इसे गम्भीरता से लिया जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जोधपुर में काम हो, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं हो रही.
पढ़ें: विधानसभा में बिना नाम लिए विधायक मलिंगा ने की रामदेव पर विवादित टिप्पणी, पौने दो आंख वाला बाबा कहा
सूर्यकांता व्यास ने राजस्थानी कहावत कहते हुए कहा कि 'कागला (कौवा) माखन खावे' की कहावत जोधपुर में पूरी हो रही है क्योंकि घोषणा होती है, लेकिन उसकी मॉनिटरिंग नहीं होती. उन्होंने कहा कि जोधपुर से आने वाले कई विधायकों ने विधानसभा में कहा कि जोधपुर को ये दिया, वो दिया. लेकिन जोधपुर को इन्होंने क्या दिया? जोधपुर ने राजस्थान को जयनारायण व्यास, बरकतुल्लाह खान और अशोक गहलोत के रूप में 3-3 मुख्यमंत्री दिए हैं. ऐसे में अशोक गहलोत जोधपुर के लिए जितना करें उतना कम है. व्यास ने कहा कि जोधपुर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और कोई देखने वाला नहीं है. मुख्यमंत्री भले ही जोधपुर का विकास चाहें, लेकिन अधिकारी उस पर ध्यान नहीं देते.