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अब चूरू में फर्जी तरीके से किसान ऋण माफी...SOG करेगी मामले की जांच

राजस्थान में 4 जिलों के बाद अब चूरू में भी फर्जी तरीके से किसान ऋण माफी का मामला सामने आया है. सहकारिता विभाग ने मामले की जांच एसओजी टीम से कराने का निर्णय लिया है.

चूरू में फर्जी तरीके से किसान ऋणमाफी
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Published : Jun 20, 2019, 10:44 PM IST

जयपुर. किसानों की ऋण माफी योजना के तहत हुई गड़बड़ी के मामले अब सहकारिता विभाग एसओजी को सौंपने की तैयारी कर रहा है. एसओजी के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों द्वारा ऋण माफी के दौरान हुए गवन का एक और मामला चूरू में भी सामने आया है.

चूरू में फर्जी तरीके से किसान ऋणमाफी

यह मामला चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव का है. जहां लंबे समय से ऋण माफी के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी. जांच के दौरान आरोप सही पाया गया है. गांव में प्रथम दृष्टया 30 से 40 मामले ऐसे बताए जा रहे हैं जहां फर्जी तरीके से ऋण माफी की गई है. अब ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.

सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव में ग्राम सहकारी समितियों ने ऋण माफी की थी. उस ऋण माफी में गड़बड़ियां मिली हैं. मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए बैंकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं. के. पवन ने कहा है कि इस मामले में जिन लोगों से वसूली बनती है उनसे वसूली भी की जाएगी. इससे पहले भी डूंगरपुर, अलवर, पाली, बहरोड़ में भी इसी तरह के मामले आए थे और उसमें भी समान कार्रवाई की गई है.

चूरू में फर्जी तरीके से ऋण माफी करने के जो मामले सामने आए हैं उनमें लाभ पाने वाले सरकारी कर्मचारी, मृतक और बाहर गए हुए लोग शामिल हैं. सहकारिका विभाग के रजिस्ट्रार ने बताया है कि अब इस तरह के मामलों को एसओजी को सौंपने की तैयारी की जा रही है. इस तरह के संगठित आर्थिक अपराध की जांच एसओजी करेगी ताकि इस तरह के मामले फिर नहीं हो. इस मामले को एसओजी के साथ बैठक हो चुकी है.

जयपुर. किसानों की ऋण माफी योजना के तहत हुई गड़बड़ी के मामले अब सहकारिता विभाग एसओजी को सौंपने की तैयारी कर रहा है. एसओजी के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों द्वारा ऋण माफी के दौरान हुए गवन का एक और मामला चूरू में भी सामने आया है.

चूरू में फर्जी तरीके से किसान ऋणमाफी

यह मामला चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव का है. जहां लंबे समय से ऋण माफी के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी. जांच के दौरान आरोप सही पाया गया है. गांव में प्रथम दृष्टया 30 से 40 मामले ऐसे बताए जा रहे हैं जहां फर्जी तरीके से ऋण माफी की गई है. अब ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.

सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव में ग्राम सहकारी समितियों ने ऋण माफी की थी. उस ऋण माफी में गड़बड़ियां मिली हैं. मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए बैंकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं. के. पवन ने कहा है कि इस मामले में जिन लोगों से वसूली बनती है उनसे वसूली भी की जाएगी. इससे पहले भी डूंगरपुर, अलवर, पाली, बहरोड़ में भी इसी तरह के मामले आए थे और उसमें भी समान कार्रवाई की गई है.

चूरू में फर्जी तरीके से ऋण माफी करने के जो मामले सामने आए हैं उनमें लाभ पाने वाले सरकारी कर्मचारी, मृतक और बाहर गए हुए लोग शामिल हैं. सहकारिका विभाग के रजिस्ट्रार ने बताया है कि अब इस तरह के मामलों को एसओजी को सौंपने की तैयारी की जा रही है. इस तरह के संगठित आर्थिक अपराध की जांच एसओजी करेगी ताकि इस तरह के मामले फिर नहीं हो. इस मामले को एसओजी के साथ बैठक हो चुकी है.

Intro:जयपुर। किसानों की ऋण माफी योजना के तहत हुई गड़बड़ी के मामले अब सहकारिता विभाग एसओजी को सौंपने की तैयारी कर रहा है। एसओजी के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों द्वारा ऋण माफी के दौरान हुए गवन का एक और मामला चूरू में भी सामने आया है। चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव में यह मामला सामने आया है। काफी लंबे समय से आनंदसिंह पुरा गांव में ऋण माफी के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी। जब जांच की गई तो मामला सही पाया गया। आनदसिंह पुरा गांव में प्रथम दृष्टा 30 से 40 मामले ऐसे बताए जा रहे हैं जहां गलत ऋण माफी कर दी गई। इन मामलों में भी जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी साथ ही वसूली बनती है तो वसूली भी की जाएगी।


Body:सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि चूरू के आनंद सिंह पुरा गांव में ग्राम सहकारी समितियों ने ऋण माफी की थी उस ऋण माफी में गड़बड़ियां मिली है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए बैंकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिन लोगों से वसूली बनती है उनसे वसूली भी की जाएगी । उन्होंने कहा इससे पहले भी डूंगरपुर, अलवर, पाली, बहरोड़ में भी इसी तरह के मामले आए थे और उसमें भी समान कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि यहां भी सरकारी कर्मचारियों के लिए माफी हुई थी जो गलत थी।


Conclusion:चूरू में जो 30 से 40 मामले सामने आए हैं उनमें सरकारी कर्मचारी, मृतक और बाहर गए हुए लोगों के मामले हैं। रजिस्ट्रार नीरज के. पावन ने बताया कि अब इस तरह के मामलों को एसओजी को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस तरह के संगठित आर्थिक अपराध की जांच एसओजी करेगी ताकि इस तरह के मामले फिर नहीं हो । उन्होंने कहा कि इस मामले को एसओजी के साथ बैठक हो चुकी है हमने ऐसे मामले पहले भी एसओजी को सौपे हैं।

बाईट नीरज के. पवन, रजिस्ट्रार सहकारिता
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