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Rajasthan Highcourt Order: SMS के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष पद से हटाने पर रोक - etv bharat Rajasthan news

राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan Highcourt Order) एसएमएस के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष को राहत दी है. कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी को पद से हटाने के राज्य सरकार के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan Highcourt Order
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Published : Oct 22, 2022, 9:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी को पद से हटाने के राज्य सरकार के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब (Rajasthan Highcourt seeks reply to Rajasthan govt) किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. श्रीफल मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 17 मार्च, 2017 को एक परिपत्र जारी कर मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष पद पर दो साल का कार्यकाल तय कर रखा है. राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता को सितंबर, 2021 में एनेस्थीसिया विभाग में एचओडी पद पर नियुक्त किया था. ऐसे में परिपत्र के प्रावधान के तहत याचिकाकर्ता का कार्यकाल सितंबर, 2023 तक है और इससे पहले उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता.

पढ़ें. बर्खास्त तीन पार्षदों के वार्ड में चुनाव पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक

इसके बावजूद राज्य सरकार ने 20 सितंबर 2022 को याचिकाकर्ता को पद से हटा दिया. याचिका में कहा गया कि परिपत्र के तहत वरिष्ठ प्रोफेसर में से रोटेशन के आधार पर एचओडी लगाया जाता है और तय अवधि से पहले उन्हें एचओडी पद से नहीं हटाया जा सकता. ऐसे में राज्य सरकार के बीस सितंबर 2022 के आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को एचओडी पद से हटाने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी को पद से हटाने के राज्य सरकार के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब (Rajasthan Highcourt seeks reply to Rajasthan govt) किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. श्रीफल मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 17 मार्च, 2017 को एक परिपत्र जारी कर मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष पद पर दो साल का कार्यकाल तय कर रखा है. राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता को सितंबर, 2021 में एनेस्थीसिया विभाग में एचओडी पद पर नियुक्त किया था. ऐसे में परिपत्र के प्रावधान के तहत याचिकाकर्ता का कार्यकाल सितंबर, 2023 तक है और इससे पहले उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता.

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इसके बावजूद राज्य सरकार ने 20 सितंबर 2022 को याचिकाकर्ता को पद से हटा दिया. याचिका में कहा गया कि परिपत्र के तहत वरिष्ठ प्रोफेसर में से रोटेशन के आधार पर एचओडी लगाया जाता है और तय अवधि से पहले उन्हें एचओडी पद से नहीं हटाया जा सकता. ऐसे में राज्य सरकार के बीस सितंबर 2022 के आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को एचओडी पद से हटाने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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