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Rajasthan High Court : हर जिले में 150 लोगों की क्षमता का वृद्धाश्रम खोला जाए - Rajasthan Hindi news

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण अधिनियम के तहत जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम केन्द्र खोला जाए, जिसमें कम से कम 150 वृद्धों के रहने की व्यवस्था हो.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2023, 9:09 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण अधिनियम के तहत जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम केन्द्र खोला जाए, जिसमें कम से कम 150 वृद्धों के रहने की व्यवस्था हो. इन केन्द्रों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही मनोरंजन के साधन भी होना जरूरी हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को रोडमैप पेश करने को कहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत कल्याणकारी योजना पूरी तरह से लागू हो गई हैं. ऐसे में इस जनहित याचिका को पुन: जनहित याचिका के तौर पर पंजीकृत करने के निर्देश दिए जाते हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों को वृद्धाश्रमों में दी जाने वाली सेवाओं से जोड़ने के संबंध में भी योजना बना सकती है, इसलिए सामाजिक न्याय विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के सहयोग से काम करने की जरूरत है, ताकि छात्रों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना आ सके.

पढ़ें. Rajasthan High Court: नॉमिनी में पत्नी का हवाला नहीं देने मात्र पर क्यों रोकी फैमिली पेंशन?

प्रदेश में 40 वृद्धाश्रम और 16 डे-केयर सेंटर : अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह शपथ पत्र पेश कर बताएं कि इस संबंध में निगरानी तंत्र कैसे काम करता है? इसके अलावा अदालत ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से जागरूकता कार्यक्रम तैयार करने को कहा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि प्रदेश में 40 वृद्धाश्रम और 16 डे-केयर सेंटर खोले गए हैं. वहीं पुलिस की ओर से तैयार वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा एप्लिकेशन भी काम रही है. इसके साथ ही वृद्धों के कल्याण के लिए कई परिपत्र, आदेश और गाइड लाइन भी जारी की गई है.

इस पर अदालत ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी और भी काम करना बाकी है. जब राज्य सरकार ने सूची पेश की थी तब 36 जिले थे, लेकिन अब जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. ऐसा लगता है कि एक जिले में बनाए गए वृद्धाश्रम केन्द्र में एक से अधिक जिलों के लिए है, लेकिन इसमें सुधार की जरूरत है. अवमानना याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार वृद्धजनों के कल्याण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूर्व में दिए अदालती आदेशों का पालना नहीं कर रही है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण अधिनियम के तहत जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम केन्द्र खोला जाए, जिसमें कम से कम 150 वृद्धों के रहने की व्यवस्था हो. इन केन्द्रों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही मनोरंजन के साधन भी होना जरूरी हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को रोडमैप पेश करने को कहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत कल्याणकारी योजना पूरी तरह से लागू हो गई हैं. ऐसे में इस जनहित याचिका को पुन: जनहित याचिका के तौर पर पंजीकृत करने के निर्देश दिए जाते हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों को वृद्धाश्रमों में दी जाने वाली सेवाओं से जोड़ने के संबंध में भी योजना बना सकती है, इसलिए सामाजिक न्याय विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के सहयोग से काम करने की जरूरत है, ताकि छात्रों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना आ सके.

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प्रदेश में 40 वृद्धाश्रम और 16 डे-केयर सेंटर : अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह शपथ पत्र पेश कर बताएं कि इस संबंध में निगरानी तंत्र कैसे काम करता है? इसके अलावा अदालत ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से जागरूकता कार्यक्रम तैयार करने को कहा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि प्रदेश में 40 वृद्धाश्रम और 16 डे-केयर सेंटर खोले गए हैं. वहीं पुलिस की ओर से तैयार वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा एप्लिकेशन भी काम रही है. इसके साथ ही वृद्धों के कल्याण के लिए कई परिपत्र, आदेश और गाइड लाइन भी जारी की गई है.

इस पर अदालत ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के तहत कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी और भी काम करना बाकी है. जब राज्य सरकार ने सूची पेश की थी तब 36 जिले थे, लेकिन अब जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. ऐसा लगता है कि एक जिले में बनाए गए वृद्धाश्रम केन्द्र में एक से अधिक जिलों के लिए है, लेकिन इसमें सुधार की जरूरत है. अवमानना याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार वृद्धजनों के कल्याण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूर्व में दिए अदालती आदेशों का पालना नहीं कर रही है.

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