जयपुर: 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान के अंतर्गत 'जल संचय- जन भागीदारी' विषय पर एक संवाद कार्यक्रम बुधवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होगा. इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शहर के 200 उद्यमियों, समाजसेवियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से संवाद कर उन्हें प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने की अभिनव पहल से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे.
जारी प्रेसनोट के मुताबिक बुधवार शाम को राजकीय महाविद्यालय सांगानेर में आयोजित कार्यक्रम में वर्षा जल संचयन के कार्यों का भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया जाएगा. बता दें कि गत अक्टूबर में सूरत में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम पूरे देश में जल संचयन में जनभागीदारी का प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है. गुजरात सहित दूसरे राज्यों में रह रहे राजस्थानी व्यवसायी राजस्थान में अपने-अपने गृह जिले में जल संचयन कार्य में जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं.
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स्थानीय भामाशाहों को साथ लेकर भी ग्रामीण क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण करवाया जा रहा है. 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान का उद्देश्य वर्षा जल संचय के द्वारा प्रदेश में भूजल स्तर की गिरावट को रोकना है. शुरुआती स्तर पर इस अभियान में सिरोही, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, झुंझुनू और जयपुर जिलों को जोड़ा गया है.
बता दें कि भूजल पर अत्यधिक निर्भरता के कारण 216 पंचायत समितियां यानी प्रदेश का 72 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में आ गया है, जिसमें भूजल की गुणवत्ता भी खराब हुई है. इस अभियान से भूजल स्तर में गिरावट रोकने के साथ-साथ घरेलू उपयोग और कृषि कार्यों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी. अभियान में पर्यावरण अनुकूल रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं से व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल और भाप बन कर उड़ जाने वाले सतही जल की एक-एक बूंद के संचय, संग्रहण एवं पुर्नभरण पर फोकस किया जाएगा.