जयपुर. कांग्रेस में टिकट को लेकर मंथन का दौर जारी है. पार्टी शीर्ष नेतृत्व लगातार प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक पर बैठक कर रहा है, ताकि उन चेहरों की क्षेत्रवार पहचान की जा सके, जो जिताऊ के साथ ही टिकाऊ भी हो. जिले व विधानसभा क्षेत्रों से दावेदारों की सूची भी आ चुकी है, लेकिन अभी भी नामों पर मुहर लगनी बाकी है. असल में पार्टी जिस फॉर्मूले के तहत टिकट देने की योजना बना रही है, उसकी कसौटी पर अभी भी सामने आई सूची के नाम पूरी तरह से फिट नहीं बैठे हैं. यही वजह है कि टिकट को लेकर मंथनों का सिलसिला जारी है.
पार्टी को चाहिए जिताऊ फेस - भले ही कोई दो बार चुनाव हारा हो, वयोवृद्ध हो, सांसद रह चुका हो या फिर सांसद का चुनाव लड़ चुका हो, अगर उसकी जीत का आधार होगा तो पार्टी उसे चुनावी मैदान में उतरेगी. वहीं, इस बार राजस्थान में कांग्रेस की टिकट पर कई ऐसे नेता चुनाव लड़ते दिखाई दे सकते हैं, जो विधानसभा चुनाव लड़ने की मंशा जाता चुके हैं या फिर पार्टी ये समझती हो कि वो चुनाव लड़ने के योग्य हैं. प्रदेश में करीब एक दर्जन से ज्यादा नेता ऐसे हैं, जो लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और अब विधानसभा चुनाव में ताल ठोकना चाहते हैं.
इसे भी पढ़ें - आज गौरव गोगोई अजमेर, बीकानेर, सीकर और जयपुर संभाग के टिकटार्थियों की जानेंगे दिल की बात
आपको बता दें कि कांग्रेस की टिकट पर 2019 में चुनाव लड़ चुके आठ नेता ऐसे हैं, जिन्होंने 2018 के विधानसभा और 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था. इनमें कृष्णा पूनिया और रामनारायण मीणा तो वर्तमान में विधायक भी हैं. इसके इतर पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने राजधानी जयपुर की एक नहीं, बल्कि तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों से अपनी दावेदारी ठोक दी है. उन्होंने किशनपोल, हवामहल और आदर्श नगर सीट से टिकट की मांग की है. वहीं, नमोनारायण मीणा ने बामनवास, बद्रीराम जाखड़ ने सुमेरपुर पाली और ओसियां, मानवेन्द्र सिंह ने शिव और जैसलमेर, रघुवीर मीणा ने सलूम्बर, ताराचंद भगोरा ने चौरासी, गोपाल सिंह ईडवा ने जैतारण, रामपाल शर्मा ने मांडलगढ़, श्रवण कुमार ने सूरजगढ़, रतन देवासी ने रानीवाड़ा और रफीक मंडेलियाने चूरू से दावेदारी ठोकी है.
लंबी है दावेदारों की सूची - इतना ही नहीं इस सूची में कुछ ऐसे भी नाम शामिल हैं, जो 2018 में विधायक बनकर या विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2019 में लोकसभा चुनाव भी लड़े थे. इनमें मुख्य रूप से चूरू से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रफीक मंडेलिया हैं, जिन्होंने इस बार चूरू सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट की है. वहीं, झुंझुनू से लोकसभा चुनाव लड़ चुके श्रवण कुमार ने अब सूरजगढ़ सीट से दावेदारी पेश की है. इनके अलावा बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके मानवेन्द्र सिंह ने जैसलमेर या फिर शिव सीट, जालोर से लोकसभा चुनाव लड़े चुके रतन देवासी ने रानीवाड़ा, उदयपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके रघुवीर मीणा ने सलूम्बर और बांसवाड़ा से चुनाव लड़ने की मंशा जताई है. इसी प्रकार कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके ताराचंद भगोरा ने चौरासी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है.
इसे भी पढ़ें - Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस नेताओं ने कहा-30000 से ज्यादा अंतर से हारे उम्मीदवारों का ना दें टिकट
पार्टी इन पर खेल सकती दांव - वहीं, कृष्णा पूनिया फिर से सार्दुलपुर से तो रामनारायण मीणा पीपल्दा या देवली से टिकट चाह रहे हैं. हालांकि, कुछ ऐसे भी नाम हैं, जो भले ही टिकट की दावेदारी में न हों, बावजूद इसके पार्टी उन पर दांव खेल सकती है और इसमें अलवर शहर से भंवर जितेंद्र सिंह और चोमू,हवामहल, आदर्श नगर या फिर फलोदी से वैभव गहलोत प्रत्याशी हो सकते हैं.