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Pharmacist candidate on hunger strike: प्रोविजनल लिस्ट जारी करने की मांग को लेकर अब शिफू के बाहर आमरण अनशन पर बैठे फार्मासिस्ट अभ्यर्थी - jaipur news

प्रदेश के चिकित्सा महकमे में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती निकालते हुए राज्य सरकार ने युवाओं को सौगात तो दी, लेकिन सरकार ने एक भी पद पर नियुक्ति नहीं दी. इससे आक्रोशित फार्मासिस्ट के अभ्यर्थियों ने शिफू के बाहर प्रदर्शन किया और 2 अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन भी शुरू किया.

Pharmacist candidate on hunger strike
Pharmacist candidate on hunger strike
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 7, 2023, 7:03 AM IST

आमरण अनशन पर बैठे फार्मासिस्ट अभ्यर्थी

जयपुर. राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग में 8 कैडर पर भर्ती तो निकाली, लेकिन इनमें से एक भी पद पर नियुक्ति नहीं हुई. इन्हीं में शामिल फार्मासिस्ट के अभ्यर्थियों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आमरण अनशन का रास्ता अपनाया है. शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने राजस्थान स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संस्थान (शिफू) के बाहर डेरा डालते हुए यहीं पर रात गुजारी. इस दौरान दो अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.

प्रदेश के चिकित्सा महकमे में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती निकालते हुए राज्य सरकार ने युवाओं को सौगात तो दी, लेकिन ये सौगात अभी भी अधूरी ही है. दरअसल, सरकार ने नर्सिंग और पैरामेडिकल के 20,546 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. इनमें फार्मासिस्ट के 3067 पद भी शामिल हैं, लेकिन इनमें से एक भी पद पर अब तक नियुक्ति नहीं किए जाने और फार्मासिस्ट की प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति रोष है, और अब उन्होंने अपना रोष प्रकट करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.

पढ़ें : नियमितीकरण सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन

शुक्रवार को संविदा फार्मासिस्ट संघ के बैनर तले अभ्यर्थी राज्य स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार कल्याण संस्थान (शिफू) के बाहर आमरण अनशन पर बैठे. फार्मासिस्ट कर्मचारी शुक्रवार देर रात वहीं डटे रहे. इस दौरान संविदा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि सभी फार्मासिस्ट साथी शिफू के बाहर धरने पर बैठे हैं. दो साथी दीपक और विकास आमरण अनशन पर हैं. ये अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी सुध नहीं लेती.

उन्होंने बताया कि आचार संहिता कभी भी लग सकती है, लेकिन प्रशासन ने प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं की. उनका प्रतिनिधिमंडल शिफू में अधिकारियों से भी मिलने पहुंचा, तो वहां नकारात्मक जवाब मिला. एसीएस और हेल्थ मिनिस्टर ने भी कोई रिस्पांस नहीं दिया. ऐसे में अब आमरण अनशन का रास्ता चुना है और ये अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रोविजनल लिस्ट जारी नहीं हो जाती. देर रात सेवारत फार्मासिस्ट एम्पलाई एसोसिएशन के पदाधिकारी भी अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों से मुलाकात करने पहुंचे.

आमरण अनशन पर बैठे फार्मासिस्ट अभ्यर्थी

जयपुर. राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग में 8 कैडर पर भर्ती तो निकाली, लेकिन इनमें से एक भी पद पर नियुक्ति नहीं हुई. इन्हीं में शामिल फार्मासिस्ट के अभ्यर्थियों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आमरण अनशन का रास्ता अपनाया है. शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने राजस्थान स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संस्थान (शिफू) के बाहर डेरा डालते हुए यहीं पर रात गुजारी. इस दौरान दो अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.

प्रदेश के चिकित्सा महकमे में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती निकालते हुए राज्य सरकार ने युवाओं को सौगात तो दी, लेकिन ये सौगात अभी भी अधूरी ही है. दरअसल, सरकार ने नर्सिंग और पैरामेडिकल के 20,546 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. इनमें फार्मासिस्ट के 3067 पद भी शामिल हैं, लेकिन इनमें से एक भी पद पर अब तक नियुक्ति नहीं किए जाने और फार्मासिस्ट की प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति रोष है, और अब उन्होंने अपना रोष प्रकट करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.

पढ़ें : नियमितीकरण सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आयुर्वेद संविदा चिकित्सकों ने शुरू किया आमरण अनशन

शुक्रवार को संविदा फार्मासिस्ट संघ के बैनर तले अभ्यर्थी राज्य स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार कल्याण संस्थान (शिफू) के बाहर आमरण अनशन पर बैठे. फार्मासिस्ट कर्मचारी शुक्रवार देर रात वहीं डटे रहे. इस दौरान संविदा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि सभी फार्मासिस्ट साथी शिफू के बाहर धरने पर बैठे हैं. दो साथी दीपक और विकास आमरण अनशन पर हैं. ये अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी सुध नहीं लेती.

उन्होंने बताया कि आचार संहिता कभी भी लग सकती है, लेकिन प्रशासन ने प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं की. उनका प्रतिनिधिमंडल शिफू में अधिकारियों से भी मिलने पहुंचा, तो वहां नकारात्मक जवाब मिला. एसीएस और हेल्थ मिनिस्टर ने भी कोई रिस्पांस नहीं दिया. ऐसे में अब आमरण अनशन का रास्ता चुना है और ये अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रोविजनल लिस्ट जारी नहीं हो जाती. देर रात सेवारत फार्मासिस्ट एम्पलाई एसोसिएशन के पदाधिकारी भी अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों से मुलाकात करने पहुंचे.

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