जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक मामले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. दो दिन से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा आगरा-जयुपर हाईवे पर धरने पर बैठे हैं. सरकार की ओर से दूसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है. मीणा ने कहा है कि पेपर लीक मामले की जांच के लिए गहलोत सरकार सीबीआई को अनुशंसा करे, नहीं तो धरना ऐसे ही जारी रहेगा.
गृह राज्य मंत्री के साथ वार्ता विफल : सांसद किरोड़ी मंगलवार से आगरा-जयुपर हाईवे पर धरने पर बैठे हैं. बढ़ते विरोध के बाद राज्य सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव धरना स्थल पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने सांसद और उनके समर्थकों से बातचीत कर समझाने की कोशिश की, लेकिन मीणा ने दो टूक शब्दों में कहा है कि पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने तक धरना जारी रहेगा.
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CBI जांच की जरूरत नहीं : किरोड़ी मीणा ने मौजूदा गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार डर के कारण ही सीबीआई जांच नहीं करवा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई जांच नहीं होगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा. जबकि गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव का कहना है कि पेपर लीक हुआ लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले का खुलासा किया है. हमें प्रदेश की जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है. प्रदेश की जांच एजेंसियां निष्पक्ष होकर काम कर रही हैं. पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. सीबीआई जांच की अभी कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी हुए शामिल : बुधवार को धरना स्थल पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी पहुंचे. उनके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक रामलाल शर्मा समेत बड़ी संख्या में बीजेपी नेता धरना स्थल पर पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए बालियान ने कहा कि राजस्थान सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश कर रही है. इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिन्हाेंने प्रदेश के लाखों युवाओं के सपनों को तोड़ा है, मुख्यमंत्री ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. बड़ा दुर्भाग्य है कि पेपर लीक के मुख्य सरगनाओं को बचाने के लिए सरकार सीबीआई से जांच कराने से बच रही है.
चुनावी माहौल में मुद्दा न बन जाए : राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब 1 साल से कम का वक्त बचा है. प्रदेश में एक बाद एक 16 से ज्यादा बार हुए पेपर लीक प्रकरण से युवाओं में आक्रोश है. सरकार को डर है कि पेपर लीक कहीं इस बार का चुनावी मुद्दा न बन जाए. क्योंकि इस मुद्दे से बड़ी संख्या में युवा जुड़े हैं. सरकार अपना कोई भी तर्क रखे लेकिन इस बार सदन से सड़क तक पेपर लीक प्रकरण में गहलोत सरकार बैकफुट पर है.
मीणा ने दिए थे पेपर लीक के सुबूत: पेपर लीक मामले में लगातार राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मीडिया के जरिए कई बार पेपर लीक के सरगनाओं के नाम उजागर कर चुके हैं. इतना ही नहीं मीणा ने पेपर लीक की जांच कर रही एसओजी के अधिकारियों पर भी सवाल उठाए थे. सांसद मीणा ने सीबीआई जांच के साथ ही राजस्थान में सरकारी नौकरियों में राज्यों के युवाओं का कोटा तय करने की भी मांग की है.