जयपुर. राजस्थान में एक तरफ बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी को लेकर वार पलटवार चल रहे हैं, तो दूसरी ओर विधानसभा के बाहर राजेंद्र गुढ़ा ने मंत्री महेश जोशी समेत अन्य मंत्रियों पर महिलाओं का शोषण करने के जो आरोप लगाए वह अब नार्को टेस्ट से लेकर f.i.r. तक पहुंच गए हैं. पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पर एफ आई आर दर्ज कराने का निर्णय तो लिया ही है. इसके साथ ही उन्होंने राजेंद्र गुढ़ा के उस चैलेंज को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने महेश जोशी के नार्को टेस्ट करवाने की बात कही थी.
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि जो आदमी मुझे बड़ा भाई समझता है, अचानक मेरे चरित्र हनन का प्रयास करता है. उन्होंने कहा कि जिस दिन राजेंद्र गुढा ने मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में बात की थी उससे ठीक पहले वह मेरे पास थे और जो मुझे बड़ा भाई मानते थे उनकी नज़र में अचानक मैं विलेन हो गया. जोशी ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा अगर मुझे चैलेंज करते हैं तो मैं उनके चैलेंज को स्वीकार करता हूं और हर तरीके के नार्को टेस्ट के लिए मैं तैयार हूं. जोशी ने कहा कि इसके अलावा भी कोई टेस्ट हो तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं. राजेंद्र गुढ़ा मेरा नार्को टेस्ट करवाने का इंतजाम करें, मैं हर आरोप पर अपना नार्को टेस्ट करवाने को तैयार हूं.
मुझे मुकदमा करने के विचार में 3 दिन लगे, उन्होंने सेकेंडों में कर दिया मेरा चरित्र हनन : मंत्री महेश जोशी राजेंद्र गुढ़ा पर खासे नाराज दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा तीन दिन से मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, मुझे तो फिर भी 3 दिन लगे कि मैं कैसे अपने छोटे भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाउ, लेकिन राजेंद्र गुढ़ा ने कुछ सेकंड में ही मेरा चरित्र हनन कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि मैं इस मामले में जल्द ही मुकदमा दर्ज करवाने जा रहा हूं, अगर राजेंद्र गुढ़ा चाहते हैं कि उनके खिलाफ मुकदमा नहीं हो तो वो बिना शर्त मुझसे और अन्य मंत्रियों से माफी मांगे. महेश जोशी ने कहा कि उनके मुकदमे से विधानसभा या अन्य किसी का कोई लेना देना नहीं, अगर वह विधानसभा के अंदर मुझ पर व्यक्तिगत आरोप लगाते तो मैं उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाता, लेकिन जब आरोप सदन के बाहर लगे हैं तो मामला भी थाने में दर्ज होगा.
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सोचा था मजबूत आदमी हैं तो भरोसेमंद होंगे : मंत्री महेश जोशी ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा से उनके रिश्ते हमेशा बेहतर रहे हैं. जब वो शांति से सोचेंगे तो उन्हें पता लगेगा कि उनकी छवि इससे बहुत खराब हुई है. उन्होंने कहा कि हम तो यह मानते हैं कि मजबूत आदमी बहुत विश्वास का काम करता है. अगर विश्वास में कोई चीज मजबूत आदमी को बता दी जाती है तो जिंदगी भर उसे किसी से जाहिर नहीं करता है. लेकिन अब गुढ़ा की यह बात सामने आ चुकी है कि अगर कोई इन पर भरोसा करेगा और वह किसी बात पर नाराज हो गए तो वह भरोसे को तोड़ देंगे.
गुढ़ा ने जो किया विधानसभा में उसमें सुनवाई के नहीं कोई आधार : मंत्री महेश जोशी ने कहा कि गुढ़ा भले ही सुनवाई बिना कार्रवाई की बात कर रहे हैं. लेकिन सुनवाई का मौका उसे दिया जाता है जिसकी बात सुनी नहीं गई हो. उन्होंने जो कुछ कहा और किया वह विधानसभा में सबके सामने किया. उसमें सुनवाई का कोई मौका ही नहीं बचता है. उन्होंने कहा कि 25 सितंबर की घटना को लेकर आलाकमान के सामने सुनवाई नहीं हुई थी. यही कारण है कि उन्हें सुनवाई का मौका मिला.
सरकार अकेले गुढ़ा या महेश जोशी ने नहीं बल्कि 102 विधायकों ने बचाई थी : राजेंद्र गुढ़ा की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि उन्होंने 2008 और 2018 में 6 विधायकों को साथ लेकर उन्होंने सरकार बचाई और आज काम निकलने के बाद उन्हें बर्खास्त और निलंबन का दिन देखना पड़ा. इस बयान पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि चाहे महेश जोशी हो राजेंद्र गुढ़ा हो या कोई तीसरा व्यक्ति, अगर वो सोचता है कि सरकार उसने बचाई थी तो यह उसकी गलतफहमी है, क्योंकि सरकार 102 विधायकों ने बचाई थी किसी एक या दो विधायक ने नहीं. साथ ही 102 विधायकों के भी एकजुट होने का कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे. सरकार को बचाने वाला सबसे बड़ा आदमी खुद अशोक गहलोत है, यह 102 विधायकों का सामूहिक प्रयास था और यह सामूहिक प्रयास इसलिए सफल हो पाया क्योंकि सबका अशोक गहलोत में भरोसा था. लेकिन मुख्यमंत्री की सदाशयता है कि वह सभी को इसका श्रेय देते हैं. इससे कोई गलतफहमी पालने लगे कि मैं सरकार बचाने वाला हूं तो इसका कोई इलाज नहीं.