ETV Bharat / state

देवउठनी एकादशी पर सामूहिक विवाह सम्मेलन में 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे - Dev Uthani Ekadashi 2022

जयपुर में देवउठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत (Dev Uthani Ekadashi 2022) हुई. देवउठनी एकादशी पर सामूहिक विवाह सम्मेलन में माली समाज के 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.

Mass marriage organized on Dev Uthani Ekadashi
सामूहिक विवाह सम्मेलन
author img

By

Published : Nov 4, 2022, 8:19 PM IST

जयपुर. देवउठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई (Dev Uthani Ekadashi 2022) है. देवउठनी एकादशी के दिन राजधानी जयपुर में शादियों की धूम देखने को मिल रही है. देवउठनी एकादशी के अवसर पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों का भी आयोजन हुआ. राजधानी जयपुर में देवउठनी एकादशी पर जयसिंहपुरा खोर में माली (सैनी) समाज विकास सेवा समिति की ओर से 12वां सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया. विवाह सम्मेलन में माली सैनी समाज के 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने विवाह सम्मेलन में पहुंचकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया.

जयसिंहपुरा खोर में दो नंबर बस स्टैंड पर राजकीय विद्यालय परिसर में विवाह सम्मेलन का आयोजन हुआ. जयसिंहपुरा खोर के सुपर बाजार से बारात सजकर ढोल बाजों के साथ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर पहुंची. बारात में 22 घोड़ियों पर बैठकर जब दूल्हे एक साथ ढोल बाजों के साथ बाजार से होते हुए निकले तो नजारा देखने लायक था. माली सैनी समाज विकास सेवा समिति की ओर से बारात का स्वागत किया गया. माली समाज के विवाह सम्मेलन में 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार कर अग्नि के समक्ष सभी जोड़ों के फेरे करवाए. सम्मेलन में हजारो की संख्या में समाज के लोगो सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की. सम्मेलन में आए सभी लोगों ने वर वधू को आशीर्वाद दिया.

पढ़ें: Tulsi Vivah 2022: देवउठनी एकादशी पर होता है तुलसी विवाह, जानें कथा!

सामूहिक विवाह सम्मेलनों की सार्थकता बढ़ रही-जलदाय मंत्री: कार्यक्रम में पहुंचे जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जिस प्रकार से खर्चे और दिखावे की कुरीतियां बढ़ रही हैं. वैसे वैसे ही सामूहिक विवाह सम्मेलनों की सार्थकता बढ़ रही है. हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसके शादी समारोह में अधिक से अधिक मेहमान आएं और नव दंपति को आशीर्वाद मिले. सामूहिक विवाह सम्मेलन में हजारों की तादाद में लोग आते हैं. हजारों लोगों का आशीर्वाद एक साथ नए जोड़ों को मिलता है. यह बहुत ही सौभाग्य की बात है कि इतना आशीर्वाद मिलता है. उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की.

माली सैनी समाज विकास समिति के अध्यक्ष गणेश सैनी ने बताया कि माली सैनी समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों के विवाह करवाए जाते हैं जो कि शादी विवाह का खर्च उठाने में भी असमर्थ है. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर वधू को जरूरी सामान सहित उपहार भी भेंट किए गए हैं. इस तरह के सामूहिक विवाह सम्मेलनों से समाज की कुप्रथा दहेज प्रथा जैसे कई फिजूल खर्चों पर लगाम लगती है.

पढे़ं: देवउठनी एकादशी पर आज जयपुर में 7000 से अधिक शादियां, जयपुर ट्रैफिक पुलिस की अग्नि परीक्षा

सामूहिक विवाह का उद्देश्य दहेज प्रथा को बंद करना: माली सैनी समाज विकास सेवा समिति के संरक्षक ग्यारसी लाल माली ने कहा कि समाज से दहेज प्रथा को बंद करना माली सैनी विकास समिति का उद्देश्य है. दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते हैं. इसलिए माली सैनी समाज की ओर से हर साल देवउठनी एकादशी को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर माली सैनी समाज विकास सेवा समिति के संरक्षक ग्यारसी लाल माली, अध्यक्ष गणेश सैनी, ताराचंद सैनी घाटीवाला, सचिव लक्ष्मीनारायण कानरोत्या, कोषाध्यक्ष पूरणमल सैनी मालोल्या आदि थे.

जयपुर. देवउठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई (Dev Uthani Ekadashi 2022) है. देवउठनी एकादशी के दिन राजधानी जयपुर में शादियों की धूम देखने को मिल रही है. देवउठनी एकादशी के अवसर पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों का भी आयोजन हुआ. राजधानी जयपुर में देवउठनी एकादशी पर जयसिंहपुरा खोर में माली (सैनी) समाज विकास सेवा समिति की ओर से 12वां सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया. विवाह सम्मेलन में माली सैनी समाज के 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने विवाह सम्मेलन में पहुंचकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया.

जयसिंहपुरा खोर में दो नंबर बस स्टैंड पर राजकीय विद्यालय परिसर में विवाह सम्मेलन का आयोजन हुआ. जयसिंहपुरा खोर के सुपर बाजार से बारात सजकर ढोल बाजों के साथ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर पहुंची. बारात में 22 घोड़ियों पर बैठकर जब दूल्हे एक साथ ढोल बाजों के साथ बाजार से होते हुए निकले तो नजारा देखने लायक था. माली सैनी समाज विकास सेवा समिति की ओर से बारात का स्वागत किया गया. माली समाज के विवाह सम्मेलन में 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार कर अग्नि के समक्ष सभी जोड़ों के फेरे करवाए. सम्मेलन में हजारो की संख्या में समाज के लोगो सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की. सम्मेलन में आए सभी लोगों ने वर वधू को आशीर्वाद दिया.

पढ़ें: Tulsi Vivah 2022: देवउठनी एकादशी पर होता है तुलसी विवाह, जानें कथा!

सामूहिक विवाह सम्मेलनों की सार्थकता बढ़ रही-जलदाय मंत्री: कार्यक्रम में पहुंचे जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जिस प्रकार से खर्चे और दिखावे की कुरीतियां बढ़ रही हैं. वैसे वैसे ही सामूहिक विवाह सम्मेलनों की सार्थकता बढ़ रही है. हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसके शादी समारोह में अधिक से अधिक मेहमान आएं और नव दंपति को आशीर्वाद मिले. सामूहिक विवाह सम्मेलन में हजारों की तादाद में लोग आते हैं. हजारों लोगों का आशीर्वाद एक साथ नए जोड़ों को मिलता है. यह बहुत ही सौभाग्य की बात है कि इतना आशीर्वाद मिलता है. उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की.

माली सैनी समाज विकास समिति के अध्यक्ष गणेश सैनी ने बताया कि माली सैनी समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों के विवाह करवाए जाते हैं जो कि शादी विवाह का खर्च उठाने में भी असमर्थ है. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर वधू को जरूरी सामान सहित उपहार भी भेंट किए गए हैं. इस तरह के सामूहिक विवाह सम्मेलनों से समाज की कुप्रथा दहेज प्रथा जैसे कई फिजूल खर्चों पर लगाम लगती है.

पढे़ं: देवउठनी एकादशी पर आज जयपुर में 7000 से अधिक शादियां, जयपुर ट्रैफिक पुलिस की अग्नि परीक्षा

सामूहिक विवाह का उद्देश्य दहेज प्रथा को बंद करना: माली सैनी समाज विकास सेवा समिति के संरक्षक ग्यारसी लाल माली ने कहा कि समाज से दहेज प्रथा को बंद करना माली सैनी विकास समिति का उद्देश्य है. दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते हैं. इसलिए माली सैनी समाज की ओर से हर साल देवउठनी एकादशी को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर माली सैनी समाज विकास सेवा समिति के संरक्षक ग्यारसी लाल माली, अध्यक्ष गणेश सैनी, ताराचंद सैनी घाटीवाला, सचिव लक्ष्मीनारायण कानरोत्या, कोषाध्यक्ष पूरणमल सैनी मालोल्या आदि थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.