कालवाड़ (जयपुर). शहर के जोबनेर में कृषि पर्यवेक्षक संगीता बागड़ी की संदिग्ध अवस्था में मौत का मामला सामने आया था. जोबनेर थाना क्षेत्र में बुधवार 24 जून को एक कृषि पर्यवेक्षक की मौत के मामले ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी. जिस पर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लगा.
वहीं, महिला के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. जिसमें कृषि पर्यवेक्षक ने लिखा था कि उसे कुछ सिनियर अधिकारी जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर रहे थे. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने आत्महत्या ना मानकर हत्या का मामला दर्ज करवाया. इस मामले को लेकर परिवार के और क्षेत्र के लोगों ने थाने के सामने धरना भी दिया. जिस पर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने खुद आकर परिजनों और क्षेत्र के लोगों को अपराधी को तीन दिन में पकड़ लेने का आश्वासन दिया.
ग्रामीण SP शंकर दत्त शर्मा के नेतृत्व में जोबनेर थाना अधिकारी शिव शंकर चतुर्वेदी, DYSP राज कंवर शेखावत ने टीम गठित कर आरोपी की तलाश शुरू की. आरोपी का मोबाइल स्विच ऑफ होने की वजह से सफलता हासिल नहीं हुई. इस दौरान पुलिस ने लोगों से पुछताछ भी की. साथ ही पुलिस ने मुखबिर भी लगाए, लेकिन इसके बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर रहा.
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वहीं, शनिवार की शाम को अभियुक्त श्योराम जितरवाल ने अपना मोबाइल ऑन किया तो उसकी सर्च लोकेशन जोबनेर थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा में आई. जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को धर दबोचा. पुलिस ने आरोपी को थाने लाकर पूछताछ की तो उसने कृषि पर्यवेक्षक संगीता बागड़ी को मारना स्वीकार किया. वहीं, पुलिस अन्य आरोपी आशा चौधरी की भी तलाश कर रही है. ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा की टीम ने तत्परता दिखाकर तीन दिन में ही आरोपी को हिरासत में लेकर सफलता हासिल की.
ये था पूरा मामला
जयपुर के जोबनेर में बुधवार 24 जून को संदिग्ध अवस्था में एक कृषि पर्यवेक्षक अपने विभाग कार्यालय में मृत पाई थी. जिसके बाद घटना की सूचना मिलने पर जोबनेर थानाधिकारी शिव शंकर चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे थे. थाना अधिकारी ने बताया था कि सूचना पर पुलिस पहुंची तो कृषि पर्यवेक्षक अपने विभाग के कमरे में मृत मिली. जहां पर थाना पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था.
जिसके बाद मोकै पर पहुंची डीवाईएसपी राज कंवर शेखावत बताया था कि सुसाइड नोट में महिला संगीता बागड़ी ने श्योराण जीतरवाल पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिस पर सुनीता समय से पहले विभाग का कार्य करने पर भी इसे श्योराण जीतरवाल मानसिक प्रताड़ना देता था. 16 महीने से प्रताड़ना झेलने पर आत्महत्या जैसा कदम उठाना लिखा बताया. वहीं परिजनों ने थाने के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था और जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ने की मांग की थी.