जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण व दुष्कर्म के अभियुक्त दिनेश उर्फ लाला को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अपराध में अभियुक्त का सहयोग करने वाले अभियुक्त शिवराम को भी तीन साल की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर कुल 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मेडिकल साक्ष्य से साबित है कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ संबंध बनाए हैं. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो भी यह दुष्कर्म कर श्रेणी में ही माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 8 अगस्त, 2022 को रामनगरिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि पीड़िता 6 अगस्त की शाम को सब्जी लाने की बात कहकर गई थी, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटी. उसने पीड़िता को परिचितों और रिश्तेदारों के यहां तलाश किया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 25 अगस्त को पीड़िता को नोएडा से बरामद कर अभियुक्त दिनेश को गिरफ्तार किया.
पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ नोएडा सहित अन्य जगहों पर रखकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया है. वहीं इस अपराध में उसके भाई शिवराम ने भी सहयोग किया है. दूसरी ओर अभियुक्त पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. ऐसे में उसे दोषमुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने दुष्कर्म के मुख्य अभियुक्त को बीस साल और सहयोगी भाई को तीन साल की सजा से दंडित किया है.