जयपुर. कांग्रेस सांसद शशि थरूर शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अशोक गहलोत को सीख देते हुए कहा, अगर किसी बात पर मतभेद हो तो भी अपने साथियों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना गलत हैं. शशि थरूर ने कहा कि मैं तो दूसरी पार्टी के लोगों को भी ऐसा नहीं कहूंगा. दरअसल, थरूर ने ये बातें राजस्थान के सीएम गहलोत की ओर से पायलट को गद्दार, निकम्मा, नाकारा जैसे से शब्दों के इस्तेमाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में कही.
राहुल गांधी की इमेज पर क्या बोले शशि थरूर, जानिए: देश में कांग्रेस तीन राज्यों तक सिमट गई है. इस स्थिति में नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि वह तो बदलाव के नाम पर ही चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार मिली. कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि इससे राहुल गांधी की इमेज बदली है. उनको लेकर जो 'पप्पू बिजिनेस' की बात होती है वो तीन आरोपों की वजह से होती थी. पहला- वो लोगों से मिलते नहीं. दूसरा- किसी से बात नहीं करते. तीसरा- विदेश चले जाते हैं, लेकिन अब वो हर आदमी से मिलते हैं, सबकी बात सुनते हैं और 160 दिन से देश में घूम रहे हैं. दर्जनों प्रेस कांफ्रेस की हैं. उन्होंने कहा कि देश के प्राइम मिनिस्टर ने कितनी प्रेस कांफ्रेंस की हैं.
राहुल गांधी की इस यात्रा से लोगों में ऊर्जा आई: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा से लोगों में ऊर्जा आई है. भारत जोड़ो यात्रा का संदेश देश की एकता का है. अगर नफरत को हटाना है तो ऐसा करने में कुछ गलत नहीं है. हम चाहते हैं लोगों में ये संदेश जाए कि जो चल रहा हैं उसको वैसे ही स्वीकार करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, हम फर्जी एकता की बात नहीं कर रहे हम देश में महंगाई, बेरोजगारी से दूसरे मुद्दों को भी उठा रहे हैं. वहीं, आने वाली फिल्म गोडसे गांधी पर शशि थरूर ने कहा कि जल्द महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि आ रही है. ऐसे समय में उनके दूसरे मूल्यों के बारे में भी बोलने की जरूरत है. मेरा मानना है कि प्राइम मिनिस्टर को भी अब स्वच्छता मिशन में गांधी के चश्में के अलावा दूसरे मूल्यों के बारे में बोलना चाहिए.
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देश में सभी को लिखने की आजादी होनी चाहिए: इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, देश में सभी को लिखने की आजादी होनी चाहिए, लेकिन इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इससे किसी और का नुकसान नहीं हो. केरल में शशि थरूर और वेणु गोपाल, तो राजस्थान में गहलोत और सचिन के बीच टकराव चल रहा है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये हर पार्टी की हकीकत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जो आज पोजिशन में नहीं है वो छोटा है. लोकतंत्र में हर इंसान को अपनी बात रखने का अधिकार है. अगर कोई राजनेता अपनी राय व्यक्त करता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो कोई दबाव डाल रहा है.
राजनीति से बाहर होने पर रोमांस पर शायद लिखूं: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर से जब पूछा गया कि क्या आप कभी रोमांस पर लिखने की सोच रहे है तो उन्होंने कहा कि उनकी एक किताब जिसका नाम राइट था, उसमें रोमांस भी था. कई सालों से उपन्यास नहीं लिखा है. अभी लिखने के लिए काफी कुछ है. जब आप लोग मुझे राजनीति से बाहर भेज देंगे, तो शायद मैं ऐसा कुछ लिखूं.