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Safer Internet Day 2025: AI को लेकर भारत में लोगों की राय क्या है? माइक्रोसॉफ्ट ने किया सर्वे - AI SURVEY

माइक्रोसॉफ्ट ने एक सर्वे किया है, जिससे पता चला है कि भारत में एआई यूज़ को लेकर लोगों की राय क्या है.

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भारत में एआई को लेकर लोगों की राय (ETV BHARAT VIA COPILOT)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Feb 11, 2025, 5:41 PM IST

हैदराबाद: आज पूरी दुनिया में सेफर इंटरनेट डे मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इंटरनेट की दुनिया में हो रही फ्रॉड एक्टिविटीज़ के बारे में जागरूक करना और ऑनलाइन सेफ्टी टिप्स फैलाना है. इस मौके पर आज माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे का नौवां सीज़न रिलीज़ किया है. इसमें ऑनलाइन सिक्योरिटी को लेकर ग्लोबल लेवल पर भारत की स्थिति और उससे जुड़े कुछ खास फैक्ट्स सामने आए है. माइक्रोसॉफ्ट के पिछले सर्वे में एआई के बढ़ते प्रभाव के बारे में पता चला था. इस साल हुए इस सर्वे में एआई को लेकर लोगों की राय पूछी गई है. इसके अलावा इस सर्वे में यह भी पता करने की कोशिश की गई है कि लोग टेक्नोलॉजी का यूज़ कैसे कर रहे हैं.

15 देशों के बच्चों पर हुआ सर्वे

19 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक किए गए इस सर्वे में 15 देशों के 14,800 टीनएजर्स के अभिभावकों से बात की गई. टीनएजर्स के इस ग्रुप में 6 से 17 साल के बच्चों के माता-पिता शामिल थे. इस सर्वे से पाया गया कि भारत में एआई का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जनरेटिव एआई का यूज़ बढ़ गया है. भारत में एआई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ट्रांसलेशन करने, प्रश्नों का जवाब ढूंढने, काम के दौरान एफिसिएंसी बढ़ाने और बच्चों को स्कूल के काम में मदद करने के लिए किया जा रहा है. दूसरी ओर ग्लोबल ट्रेंड की तरह ही भारत में भी एआई का इस्तेमाल कई गलत कामों के लिए किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर ऑनलाइन फ्रॉड, डीपफेक, स्कैम जैसी कई गलत काम है, जो एआई की मदद से किए जा रहे हैं. इस साल के सर्वे में यह भी सामने आया कि भारतीय पेरेंट्स में बच्चों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के गलत प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

माइक्रोसॉफ्ट के 6 मंत्र

माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी प्रेस रिलीज़ में कहा है कि, वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एआई के उपयोग में नैतिकता का ध्यान रखा जाए और सभी लोगों को सुरक्षित डिजिटल एक्सपीरियंस मिल सके. इसके लिए कंपनी ने 6 क्षेत्र- स्ट्रॉन्ग सेफ्टी आर्किटेक्चर, मीडिया सर्टिफिकेशन एवं वॉटरमार्किंग, अपनी सर्विसेज को अश्लील कंटेंट एवं कंडक्ट से बचाना, सरकारों एवं समाज के बीच मजबूत गठजोड़ बनाना, टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से लोगों को बचाने के लिए कानूनों का आधुनिकीकरण करना और जन जागरूकता तथा शिक्षा के जरिए एआई की जानकारी फैलाना शामिल है. कंपनी का कहना है कि उनका फैमिली सेफ्टी टूलकिट परिवारों को साथ मिलकर अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को जानने और उन पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है. माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल पैरेंटिंग को भी बढ़ावा देता है.

ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे 2025 में भारत का हाल

  • सर्वे में शामिल कुल लोगों में से 65% लोगों ने 2024 में एआई का यूज़ किया है, जो कि 2023 से 26% ज्यादा है.
  • मिलेनियल्स यानी 25 से 44 की उम्र वाले 84% लोगों (सबसे ज्यादा) ने एआई का यूज़ किया है, जो 2023 से 15% ज्यादा है.
  • 62% लोग एआई यूज़ करते हुए काफी कंफर्टेबल एक्सपीरियंस करते हैं, जो 2023 की तुलना में 19% ज्यादा है.
  • 69% लोग एआई का यूज़ ट्रांसलेशन के लिए करते हैं.
  • 67% लोग एआई का यूज़ प्रश्नों का जवाब पाने के लिए करते हैं.
  • 66% लोग काम के दौरान एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं.
  • 64% लोग बच्चों को स्कूल के काम में मदद करने के लिए एआई का इस्तेमाल करते हैं.

एआई से जुड़ी बड़ी टेंशन्स

  • एआई से ऑनलाइन शोषण की चिंता 76% बढ़ी है.
  • एआई से डीपफेक की चिंता 74% बढ़ी है.
  • एआई से धोखाधड़ी की चिंता 73% बढ़ी है.
  • एआई से मानसिक भ्रम की चिंता 70% बढ़ी है.
  • 78% अभिभावकों का अनुमान है कि उनके बच्चों ने ऑनलाइन खतरों का सामना किया है.
  • 61% अभिभावक इस बारे में बच्चों से बात करने के लिए तैयार नगीं है.
  • 82% भारतीय टीनएजर्स बच्चे ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन खतरों का सामना किया है.

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15 देशों के बच्चों पर हुआ सर्वे

19 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक किए गए इस सर्वे में 15 देशों के 14,800 टीनएजर्स के अभिभावकों से बात की गई. टीनएजर्स के इस ग्रुप में 6 से 17 साल के बच्चों के माता-पिता शामिल थे. इस सर्वे से पाया गया कि भारत में एआई का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जनरेटिव एआई का यूज़ बढ़ गया है. भारत में एआई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ट्रांसलेशन करने, प्रश्नों का जवाब ढूंढने, काम के दौरान एफिसिएंसी बढ़ाने और बच्चों को स्कूल के काम में मदद करने के लिए किया जा रहा है. दूसरी ओर ग्लोबल ट्रेंड की तरह ही भारत में भी एआई का इस्तेमाल कई गलत कामों के लिए किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर ऑनलाइन फ्रॉड, डीपफेक, स्कैम जैसी कई गलत काम है, जो एआई की मदद से किए जा रहे हैं. इस साल के सर्वे में यह भी सामने आया कि भारतीय पेरेंट्स में बच्चों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के गलत प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

माइक्रोसॉफ्ट के 6 मंत्र

माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी प्रेस रिलीज़ में कहा है कि, वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एआई के उपयोग में नैतिकता का ध्यान रखा जाए और सभी लोगों को सुरक्षित डिजिटल एक्सपीरियंस मिल सके. इसके लिए कंपनी ने 6 क्षेत्र- स्ट्रॉन्ग सेफ्टी आर्किटेक्चर, मीडिया सर्टिफिकेशन एवं वॉटरमार्किंग, अपनी सर्विसेज को अश्लील कंटेंट एवं कंडक्ट से बचाना, सरकारों एवं समाज के बीच मजबूत गठजोड़ बनाना, टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से लोगों को बचाने के लिए कानूनों का आधुनिकीकरण करना और जन जागरूकता तथा शिक्षा के जरिए एआई की जानकारी फैलाना शामिल है. कंपनी का कहना है कि उनका फैमिली सेफ्टी टूलकिट परिवारों को साथ मिलकर अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को जानने और उन पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है. माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल पैरेंटिंग को भी बढ़ावा देता है.

ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे 2025 में भारत का हाल

  • सर्वे में शामिल कुल लोगों में से 65% लोगों ने 2024 में एआई का यूज़ किया है, जो कि 2023 से 26% ज्यादा है.
  • मिलेनियल्स यानी 25 से 44 की उम्र वाले 84% लोगों (सबसे ज्यादा) ने एआई का यूज़ किया है, जो 2023 से 15% ज्यादा है.
  • 62% लोग एआई यूज़ करते हुए काफी कंफर्टेबल एक्सपीरियंस करते हैं, जो 2023 की तुलना में 19% ज्यादा है.
  • 69% लोग एआई का यूज़ ट्रांसलेशन के लिए करते हैं.
  • 67% लोग एआई का यूज़ प्रश्नों का जवाब पाने के लिए करते हैं.
  • 66% लोग काम के दौरान एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं.
  • 64% लोग बच्चों को स्कूल के काम में मदद करने के लिए एआई का इस्तेमाल करते हैं.

एआई से जुड़ी बड़ी टेंशन्स

  • एआई से ऑनलाइन शोषण की चिंता 76% बढ़ी है.
  • एआई से डीपफेक की चिंता 74% बढ़ी है.
  • एआई से धोखाधड़ी की चिंता 73% बढ़ी है.
  • एआई से मानसिक भ्रम की चिंता 70% बढ़ी है.
  • 78% अभिभावकों का अनुमान है कि उनके बच्चों ने ऑनलाइन खतरों का सामना किया है.
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