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तुलसी में जल देने के लिए तांबा, पीतल या स्टील किसका प्रयोग है शुभ! जानिए - TULSI PUJA UTENSIL

तुलसी में जल देने के लिए शास्त्रों में विशेष धातु का जिक्र किया गया है. तुलसी में जल देने के लिए तांबा, पीतल या स्टील किसका प्रयोग करना चाहिए.

Which metal should be used for watering Tulsi plant
तुलसी में जल देने के लिए किस धातु का प्रयोग करें (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 11, 2025, 6:02 PM IST

हैदराबाद : सनातन धर्म में तुलसी को पवित्र माना गया है. इसका संबंध मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु से बताया गया है. इस बारे में जानकारों का मानना है कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तुलसी में जल देना चाहिए. अधिकांश लोग तुलसी में जल अर्पित करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि तुलसी में जल देने के लिए किस धातु के लोटे का प्रयोग करना अच्छा है, तांबा, पीतल या फिर स्टील. आइए जानते हैं कि किस धातु के बर्तन से तुलसी में जल देने का विधान या परंपरा है और इसके क्या नियम हैं.

तांबा के लोटे से जल अर्पित करना
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तांबा से मंगल ग्रह का गहरा संबंध है. ऐसे में मंगल देव की कृपा पाने के लिए और मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे से तुलसी में जल अर्पित किया जाना चाहिए. चूंकि तांबे को शुभ धातु के रूप में माना गया है, इस वजह से इस धातु के बर्तन से तुलसी में जल दिए जाने पर जीवन में शुभता आती है.

पीतल के लोटे से जल चढ़ाना
पीतल धातु का संबंध गुरु ग्रह से है. इस वजह से जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, उनको पीतल के लोटे से तुलसी में जल देना चाहिए. यदि किसी जातक को वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां हैं तो उन्हें पीतल के लोटे से तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए.

स्टील के लोटे से जल को अर्पित करना
स्टील से शनि का संबंध माना जाता है. हालांकि पूजा-पाठ के काम में स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना शुभ नहीं माना जाता है. इस वजह से तुलसी में जल चढ़ाने के लिए स्टील का पात्र उचित नहीं है. ऐसे में यदि आप तुलसी में स्टील के लोटा से जल चढ़ाते हैं तो उसे तत्काल बंद कर दें.

तुलसी में जल दिए जाने का नियम
बिना नहाए हुए तुलसी में जल नहीं देना चाहिए. तुलसी में हमेशा स्नान करने के बाद ही जल अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास है. इस वजह से जो कोई भी सही विधि से तुलसी में जल देते हैं, उनको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

ये भी पढ़ें- घर में इन स्थानों पर रखें तुलसी की मंजरी, कभी नहीं होगी धन की कमी

(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ETV bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

हैदराबाद : सनातन धर्म में तुलसी को पवित्र माना गया है. इसका संबंध मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु से बताया गया है. इस बारे में जानकारों का मानना है कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तुलसी में जल देना चाहिए. अधिकांश लोग तुलसी में जल अर्पित करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि तुलसी में जल देने के लिए किस धातु के लोटे का प्रयोग करना अच्छा है, तांबा, पीतल या फिर स्टील. आइए जानते हैं कि किस धातु के बर्तन से तुलसी में जल देने का विधान या परंपरा है और इसके क्या नियम हैं.

तांबा के लोटे से जल अर्पित करना
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तांबा से मंगल ग्रह का गहरा संबंध है. ऐसे में मंगल देव की कृपा पाने के लिए और मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे से तुलसी में जल अर्पित किया जाना चाहिए. चूंकि तांबे को शुभ धातु के रूप में माना गया है, इस वजह से इस धातु के बर्तन से तुलसी में जल दिए जाने पर जीवन में शुभता आती है.

पीतल के लोटे से जल चढ़ाना
पीतल धातु का संबंध गुरु ग्रह से है. इस वजह से जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, उनको पीतल के लोटे से तुलसी में जल देना चाहिए. यदि किसी जातक को वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां हैं तो उन्हें पीतल के लोटे से तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए.

स्टील के लोटे से जल को अर्पित करना
स्टील से शनि का संबंध माना जाता है. हालांकि पूजा-पाठ के काम में स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना शुभ नहीं माना जाता है. इस वजह से तुलसी में जल चढ़ाने के लिए स्टील का पात्र उचित नहीं है. ऐसे में यदि आप तुलसी में स्टील के लोटा से जल चढ़ाते हैं तो उसे तत्काल बंद कर दें.

तुलसी में जल दिए जाने का नियम
बिना नहाए हुए तुलसी में जल नहीं देना चाहिए. तुलसी में हमेशा स्नान करने के बाद ही जल अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास है. इस वजह से जो कोई भी सही विधि से तुलसी में जल देते हैं, उनको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ETV bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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