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Advocates Protection Act: हाईकोर्ट ने BCI से 2 मार्च तक मांगा जवाब,न्यायिक बहिष्कार पर हैं वकील

राजस्थान में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर वकील एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अभी भी न्यायिक बहिष्कार पर चल रहे हैं. इस संबंध में हाईकोर्ट ने BCI से 2 मार्च तक जवाब मांगा है.

jaipur advocates protection act
हाईकोर्ट ने BCI से 2 मार्च तक मांगा जवाब
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Published : Feb 28, 2023, 6:04 PM IST

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर बीते एक सप्ताह से अधिक समय से वकीलों की ओर से किए जा रहे न्यायिक बहिष्कार को लेकर बार कौंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से दो मार्च तक जवाब मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

महाधिवक्ता को पैरवी करने से रोकाः सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा सहित अन्य वकील हाजिर हुए. महाधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट बार ने उन्हें पत्र लिखकर अदालत में पैरवी नहीं करने की बात कही है. इसके अलावा आज सुबह भी वकीलों ने उन्हें अदालत में नहीं जाने को कहा. इसका विरोध करते हुए प्रहलाद शर्मा ने कहा कि महाधिवक्ता प्रदेश के अधिवक्ताओं की मुखिया की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में उन्हें एसोसिएशन के समर्थन में आकर कोर्ट में पैरवी नहीं करनी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वकील हड़ताल नहीं कर सकतेः इसके साथ ही वे अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार को प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने को कह सकते हैं. दूसरी ओर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता सीएल सैनी ने कहा कि गत 25 फरवरी को कौंसिल की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें तय किया गया कि सभी बार संघों को न्यायिक बहिष्कार वापस लेने के लिए कहा जाएगा और एक्ट लागू कराने के लिए कमेटी गठित की जाएगी. अदालत के सामने यह भी तथ्य रखा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वकील हड़ताल नहीं कर सकते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने BCI को मामले में जवाब पेश करने को कहा है. वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में वकीलों ने अपना न्यायिक बहिष्कार जारी रखा. इस दौरान अदालत परिसर में वकीलों ने सुंदरकांड का पाठ किया.

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर बीते एक सप्ताह से अधिक समय से वकीलों की ओर से किए जा रहे न्यायिक बहिष्कार को लेकर बार कौंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से दो मार्च तक जवाब मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

महाधिवक्ता को पैरवी करने से रोकाः सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा सहित अन्य वकील हाजिर हुए. महाधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट बार ने उन्हें पत्र लिखकर अदालत में पैरवी नहीं करने की बात कही है. इसके अलावा आज सुबह भी वकीलों ने उन्हें अदालत में नहीं जाने को कहा. इसका विरोध करते हुए प्रहलाद शर्मा ने कहा कि महाधिवक्ता प्रदेश के अधिवक्ताओं की मुखिया की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में उन्हें एसोसिएशन के समर्थन में आकर कोर्ट में पैरवी नहीं करनी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वकील हड़ताल नहीं कर सकतेः इसके साथ ही वे अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार को प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने को कह सकते हैं. दूसरी ओर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता सीएल सैनी ने कहा कि गत 25 फरवरी को कौंसिल की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें तय किया गया कि सभी बार संघों को न्यायिक बहिष्कार वापस लेने के लिए कहा जाएगा और एक्ट लागू कराने के लिए कमेटी गठित की जाएगी. अदालत के सामने यह भी तथ्य रखा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वकील हड़ताल नहीं कर सकते हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने BCI को मामले में जवाब पेश करने को कहा है. वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में वकीलों ने अपना न्यायिक बहिष्कार जारी रखा. इस दौरान अदालत परिसर में वकीलों ने सुंदरकांड का पाठ किया.

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