जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर ने 2 महीने बाद चप्पल (Mayor Munesh Gurjar wear slippers after 2 months) पहनी. महापौर ने लंपी वायरस से गायों को मुक्ति को लेकर नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था. महापौर के लिए साथी पार्षद चप्पल लेकर पहुंचे. इसे पार्षदों का समर्थन बताते हुए महापौर ने कहा कि निगम में समितियां बननी चाहिए. सीनियर लीडर्स में तालमेल नहीं बैठने की वजह से देरी हो रही है. इस संबंध में एक बार फिर सरकार को पत्र लिखेंगी. इस दौरान उन्होंने जल्द बोर्ड बैठक कराए जाने की भी बात कही.
मुनेश गुर्जर ने मुख्यालय स्थित गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पैरों में चप्पल और मोजड़ी पहनी. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह हिंदू धर्म में संकल्प लेने की परंपरा रही है, उसी तरह से उन्होंने लंपी वायरस खत्म होने तक नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था. उनका विश्वास है कि भगवान से यदि सच्चे मन से कुछ मांगते हैं, तो वो जरूर मिलता है. उन्होंने गायों को लंपी वायरस से मुक्ति के लिए हवन भी किया.
इसके अलावा गोपालकों और धर्मगुरुओं ने भी हवन किए. महामृत्युंजय का पाठ भी हुआ. उसका परिणाम भी निकला और तब से लगातार लंपी वायरस का ग्राफ नीचे जाता चला गया. आज संकल्प पूरा होने पर दोबारा पदवेश धारण की है. उनके लिए साथी पार्षद 2 जोड़ी नए पदवेश लेकर आए. उन्होंने बारी-बारी से दोनों को पहना. इससे ये भी स्पष्ट हो गया कि उनके सभी पार्षद उनके साथ खड़े हैं.
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उन्होंने कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों की समितियां बनाए जाने की मांग को जायज बताते हुए कहा कि कहीं ना कहीं कमी जरूर है. कमेटियां जल्द बननी चाहिए. इसे लेकर वो सरकार से दोबारा निवेदन भी करेंगी. उन्होंने कहा कि सीनियर लीडर्स के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. पार्टी स्तर पर भी लगातार बैठकों का दौर जारी है. मंत्री अपने विभाग के कार्य में लगे हुए हैं. निवेदन यही रहेगा कि लीडर्स एक साथ बैठें. जिस दिन एक साथ बैठेंगे, उसी दिन समितियों का गठन भी हो जाएगा. वहीं विकास कार्य नहीं होने के पार्षदों के आरोप पर उन्होंने कहा कि निगम के वार्डों में 1 से लेकर 4 करोड़ तक के काम हुए हैं. सड़क, सीवर, लाइट, गार्डन हर क्षेत्र में काम हुए हैं, और अब जल्द बोर्ड मीटिंग भी कराई जाएगी.
धरने पर बैठे बीजेपी पार्षद: उधर, महापौर के निगम मुख्यालय से निकलने के बाद गंदी गलियों की सफाई, टूटी सड़कें और जयपुर शहर में फैली गंदगी के विरोध में ध्यानाकर्षण के लिए बीजेपी पार्षदों ने मुख्यालय में धरना दिया. बीजेपी के 22 से ज्यादा पार्षद समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर बुधवार शाम तक धरने पर बैठे रहे. महापौर प्रत्याशी एवं भाजपा पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.
उन्होंने बताया कि हेरिटेज नगर निगम को बने 2 साल हो गए हैं, लेकिन वार्डो में एक बार भी गंदगी साफ नहीं हुई, सड़कों में गड्ढे हैं. 2 साल में ना तो समितियां बनाई गई है और ना ही कोई साधारण सभा की. ऐसे में अब धरना प्रदर्शन करने का ही रास्ता बचा है. वार्ड नंबर 34 के पार्षद सुभाष व्यास ने बताया कि बार-बार आग्रह किया गया लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. इसलिए मजबूरन धरने पर बैठना पड़ा है. वार्ड नंबर 85 से पार्षद प्रत्याशी मोनिका अग्रवाल ने बताया कि जब पार्षदों की भी सुनवाई नहीं हो रही है. हम जनता के लिए लड़ते रहेंगे.
जोशी ने धारीवाल को लिखा पत्र: पीएचईडी मंत्री और हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाली हवामहल विधानसभा के विधायक डॉ महेश जोशी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को हेरिटेज नगर निगम की कमेटियों का गठन करने के लिए अनुरोध किया है. जोशी ने धारीवाल को लिखे अपने पत्र में स्पष्ट जिक्र किया कि मेयर चुनाव के वक्त निर्दलीय पार्षदों को कमेटी का चेयरमैन बनाने का विश्वास दिलाया गया था. महेश जोशी के इस पत्र को दो नजरिए से देखा जा रहा है. एक तो इसे पार्षदों के हित में लिखा गया पत्र बताया जा रहा है. वहीं मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और उनके बीच बढ़ती दूरी और हेरिटेज निगम क्षेत्र में आने वाले चारों विधायकों के बीच समितियों के चेयरमैन के नामों पर सहमति नहीं बनने के चलते धारीवाल को इसमें दखल देने की अपील के रूप में भी देखा जा रहा है.
महेश जोशी ने पत्र में लिखा कि जयपुर में नगर निगम हेरिटेज की कमेटियों का गठन अभी तक नहीं हो पाया है. इस संबंध में उनका अनुरोध है कि जब मेयर का चुनाव हुआ था, उस वक्त कांग्रेस ने सभी निर्दलीय पार्षदों को विश्वास दिलाया था कि उन्हें कमेटी का चैयरमेन बनाया जायेगा. उनके काम भी उसी प्राथमिकता से करवाये जायेंगे, जिस प्राथमिकता से कांग्रेस की टिकट पर जीते पार्षदों के काम करवाये जाते हैं. ऐसे में प्रभारी मंत्री होने के नाते धारीवाल हेरिटेज के मेयर को बुलाकर उनसे रायशुमारी कर, उनको जिम्मेदारी दें कि वो इस संबंध में सभी विधायकों से राय लेकर एक प्रारम्भिक प्रस्ताव बनाकर दें. धारीवाल खुद अपने स्तर पर उस प्रस्ताव की जांच करें और अब चूंकि कमेटियां कानूनी रूप से सरकार के स्तर से बनेगी, इसलिए वो ही प्रस्ताव के अनुसार कमेटियों का गठन भी कर दें.