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Demand of Caste Census: बिहार की तर्ज पर राजस्थान सरकार करवाए जातिगत जनगणना: हरीश चौधरी

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने सरकार से जातिगत जनगणना करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र से ऐसी उम्मीद नहीं है. इसलिए बिहार की तर्ज पर राजस्थान में जातिगत जनगणना होनी चाहिए.

Ex minister Harish Choudhary demands caste census in assembly
Demand of Caste Census: बिहार की तर्ज पर राजस्थान सरकार करवाए जातिगत जनगणना: हरीश चौधरी
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Published : Mar 2, 2023, 4:57 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 11:40 PM IST

विधानसभा में हरीश चौधरी ने की जातिगत जनगणना की मांग

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को राजस्व और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अनुदान की मांगों बहस चल रही है. इस बहस में भाग लेते हुए पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी विधायक हरीश चौधरी ने भी हिस्सा लिया. हरीश चौधरी ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह मांग रखी कि केंद्र सरकार से अब जातिगत जनगणना करवाने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. ऐसे में राजस्थान सरकार बिहार की तर्ज पर राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाएं.

हरीश चौधरी ने कहा कि भाजपा के लोग रामराज की बात बहुत करते हैं. हरीश चौधरी ने कहा कि राम राज में समानता की बात थी, लेकिन आज केंद्र सरकार सिर्फ अपने पूंजीपति मित्र कैसे मजबूत हो इस पर ध्यान देती है. जातिगत जनगणना के संदर्भ में केंद्र को अब निर्णय लेना चाहिए. लेकिन मैं राजस्थान सरकार से कहना चाहता हूं कि इनसे आस खत्म हो चुकी है. बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जातिगत जनगणना करवा कर हमें राजस्थान की स्थिति पता लगानी चाहिए. आज पिछड़ी जातियों की बात तो भाजपा करती है, लेकिन उन पिछड़ों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति क्या है. यह केवल जातिगत जनगणना के आधार पर ही पता लग सकती है.

पढ़ें: प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी RLD, गहलोत सरकार से की जातिगत जनगणना की मांग

ओबीसी को मिले 27% आरक्षण: हरीश चौधरी ने कहा कि हम फोटो लगाने के लिए विधानसभा में जीतकर नहीं आए हैं. हमारा समाज को आगे बढ़ाने के लिए यहां आए हैं. हरीश चौधरी ने राजेंद्र राठौड़ को लेकर कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष आज भी उन पर आरोप लगाते हैं. इनके आरोप के आधार पर ही सीबीआई की जांच भी हो गई. फैसला जो भी आए, आपको जो आरोप लगाना है, लगा दो. लेकिन मूल मुद्दे और मूल सवाल नहीं टाला जाए. चौधरी ने राजस्थान में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग करते हुए कहा कि ओबीसी का 27% का आरक्षण है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की 50% की आरक्षण की कैप के चलते यह आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में विधानसभा और सरकार इस पर चर्चा करें और ओबीसी को उसका पूरा अधिकार मिले.

नाम लिए बगैर हनुमान बेनीवाल पर निशाना: हरीश चौधरी ने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर भी नाम लिए बगैर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल, भरतपुर के नासिर और जुनैद की हरियाणा में और सीकर में ताराचंद कड़वासरा की हत्या प्रदेश के लिए बड़ा कलंक है. लेकिन इन तीनों ही घटनाओं पर सरकार को राहत देने में एक ही पैमाना इस्तेमाल करना चाहिए.

पढ़ें: Caste Census : जातीय जनगणना क्यों जरूरी है.. क्यों उठी मांग? जानें सब कुछ

हरीश चौधरी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई जनप्रतिनिधि विवाद करें तो किसी को अतिरिक्त दे दिया जाए और कोई शांत रहे तो न्याय के लिए सरकार अलग प्रावधान करे. उन्होंने कहा कि यह तीनों घटनाएं एक तरह की हैं, तो भरतपुर और सीकर में भी सरकार उसी तरह मुआवजा दें जिस तरह उदयपुर के कन्हैयालाल मामले में दिया. हनुमान बेनीवाल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हम किस दिशा में जा रहे हैं.

पढ़ें: BAMCEF Demand of Caste Census: जातिगत जनगणना की मांग पर बामसेफ का भारत बंद राजस्थान में बेअसर, BJP नेता बंद और मांग से भी बेखबर...

उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि धरने पर बैठ जाता है और वाहवाही लेने के लिए सीकर में यह मांग रखता है कि मेडिकल कॉलेज में उसको सीट रखी जाए. राजस्थान सरकार के पास जब यह अधिकार ही नहीं है, उसके बावजूद कलेक्टर जनप्रतिनिधि के साथ बैठकर इस तरह के समझौते करवाते हैं, जो धरातल पर लागू नहीं हो सकते. इसके साथ ही हरीश चौधरी ने कहा कि मृतक आश्रित को नौकरी मिल जाती है, लेकिन जब उसी मृतक आश्रित कि मृत्यु हो जाए तो राजस्थान सरकार को मृतक आश्रित की मृत्यु के बाद उस परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए शिथिलता बरतनी चाहिए.

विधानसभा में हरीश चौधरी ने की जातिगत जनगणना की मांग

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को राजस्व और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अनुदान की मांगों बहस चल रही है. इस बहस में भाग लेते हुए पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी विधायक हरीश चौधरी ने भी हिस्सा लिया. हरीश चौधरी ने इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यह मांग रखी कि केंद्र सरकार से अब जातिगत जनगणना करवाने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. ऐसे में राजस्थान सरकार बिहार की तर्ज पर राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाएं.

हरीश चौधरी ने कहा कि भाजपा के लोग रामराज की बात बहुत करते हैं. हरीश चौधरी ने कहा कि राम राज में समानता की बात थी, लेकिन आज केंद्र सरकार सिर्फ अपने पूंजीपति मित्र कैसे मजबूत हो इस पर ध्यान देती है. जातिगत जनगणना के संदर्भ में केंद्र को अब निर्णय लेना चाहिए. लेकिन मैं राजस्थान सरकार से कहना चाहता हूं कि इनसे आस खत्म हो चुकी है. बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जातिगत जनगणना करवा कर हमें राजस्थान की स्थिति पता लगानी चाहिए. आज पिछड़ी जातियों की बात तो भाजपा करती है, लेकिन उन पिछड़ों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति क्या है. यह केवल जातिगत जनगणना के आधार पर ही पता लग सकती है.

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ओबीसी को मिले 27% आरक्षण: हरीश चौधरी ने कहा कि हम फोटो लगाने के लिए विधानसभा में जीतकर नहीं आए हैं. हमारा समाज को आगे बढ़ाने के लिए यहां आए हैं. हरीश चौधरी ने राजेंद्र राठौड़ को लेकर कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष आज भी उन पर आरोप लगाते हैं. इनके आरोप के आधार पर ही सीबीआई की जांच भी हो गई. फैसला जो भी आए, आपको जो आरोप लगाना है, लगा दो. लेकिन मूल मुद्दे और मूल सवाल नहीं टाला जाए. चौधरी ने राजस्थान में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग करते हुए कहा कि ओबीसी का 27% का आरक्षण है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की 50% की आरक्षण की कैप के चलते यह आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में विधानसभा और सरकार इस पर चर्चा करें और ओबीसी को उसका पूरा अधिकार मिले.

नाम लिए बगैर हनुमान बेनीवाल पर निशाना: हरीश चौधरी ने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर भी नाम लिए बगैर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल, भरतपुर के नासिर और जुनैद की हरियाणा में और सीकर में ताराचंद कड़वासरा की हत्या प्रदेश के लिए बड़ा कलंक है. लेकिन इन तीनों ही घटनाओं पर सरकार को राहत देने में एक ही पैमाना इस्तेमाल करना चाहिए.

पढ़ें: Caste Census : जातीय जनगणना क्यों जरूरी है.. क्यों उठी मांग? जानें सब कुछ

हरीश चौधरी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई जनप्रतिनिधि विवाद करें तो किसी को अतिरिक्त दे दिया जाए और कोई शांत रहे तो न्याय के लिए सरकार अलग प्रावधान करे. उन्होंने कहा कि यह तीनों घटनाएं एक तरह की हैं, तो भरतपुर और सीकर में भी सरकार उसी तरह मुआवजा दें जिस तरह उदयपुर के कन्हैयालाल मामले में दिया. हनुमान बेनीवाल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हम किस दिशा में जा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि धरने पर बैठ जाता है और वाहवाही लेने के लिए सीकर में यह मांग रखता है कि मेडिकल कॉलेज में उसको सीट रखी जाए. राजस्थान सरकार के पास जब यह अधिकार ही नहीं है, उसके बावजूद कलेक्टर जनप्रतिनिधि के साथ बैठकर इस तरह के समझौते करवाते हैं, जो धरातल पर लागू नहीं हो सकते. इसके साथ ही हरीश चौधरी ने कहा कि मृतक आश्रित को नौकरी मिल जाती है, लेकिन जब उसी मृतक आश्रित कि मृत्यु हो जाए तो राजस्थान सरकार को मृतक आश्रित की मृत्यु के बाद उस परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए शिथिलता बरतनी चाहिए.

Last Updated : Mar 2, 2023, 11:40 PM IST
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